दिल्ली भाजपा ने जांच में पाया है कि गुरू गोबिन्द सिंह विश्वविद्यालय में भी दिल्ली के छात्रों को दाखिला नहीं मिल रहा
केजरीवाल सरकार को दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले पर राजनीति बंद करनी चाहिए और उन्हें एक ऐसा प्रयास दिखाना चाहिए जो उन्होंने दिल्ली के छात्रों का दाखिला सुनिश्चत करने के लिए किया है
श्री उपाध्याय ने कहा है कि पिछले एक दशक से यह सभी को मालूम है कि दिल्ली के विद्यालयों से पास होने वाले छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं मिल रहा है क्योंकि यहां कट आफ प्रतिशत बहुत ऊंचा है।
इस बात को जानते हुये भी केजरीवाल सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय या दिल्ली सरकार के गुरू गोबिन्द सिंह और डाॅ. अम्बेडकर विश्वविद्यालयों में दिल्ली के छात्रों का दाखिला सुनिश्चित करने के लिए पिछले 18 महीनों में कुछ भी नहीं किया।
श्री उपाध्याय ने केजरीवाल सरकार को यह चुनौती दी है वह एक भी ऐसा पत्र दिखायें जो उन्होंने केन्द्र सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग या दिल्ली विश्वविद्यालय को इस शैक्षणिक सत्र के प्रारम्भ होने से पूर्व लिखा हो।
श्री उपाध्याय ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार को यह भी बताना चाहिए कि उसने दिल्ली विश्वविद्यालय से सहबद्ध अपने 13 महाविद्यालयों में दिल्ली के छात्रों के अधिक से अधिक दाखिले के लिए क्या किया ? राजनीति करने के स्थान पर केजरीवाल सरकार को इन 13 महाविद्यालयों में सीटें बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए था या दिल्ली विश्वविद्यालय को प्रतियोगिता के आधार पर स्थानीय छात्रों के लिए सीटें आरक्षित करने के लिए कहना चाहिए था।
दिल्ली भाजपा ने जांच में पाया है कि दिल्ली सरकार के गुरू गोबिन्द सिंह विश्वविद्यालय में भी दाखिले के लिए दिल्ली के 12वीं पास छात्रों को ऐसी ही कठिनाई हो रही है जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक सीटें बाहरी राज्यों के छात्रों को दी जा रही हैं।
दिल्ली भाजपा के महामंत्री श्री आशीष सूद ने कहा कि यह विचित्र बात है कि दिल्ली के सत्ताधारी दल के नेताओं को प्रधानमंत्री की डिग्री की जांच करने की मांग करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के उपकुलपति के कार्यालय में जाने का नाटक करने का समय मिलता है किन्तु इन्हीं नेताओं को उपकुलपति के समझ दिल्ली के छात्रों को दाखिले का मुद्दा उठाने का समय नहीं मिलता।
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