खेतान ने सभी धर्मों के ग्रंथों का अपमान किया पर केजरीवाल ने केवल सिख वोटरों को खुश करने के लिये श्री हरमंदिर साहिब में पश्चाताप का नाटक किया - सतीश उपाध्याय
नई दिल्ली, 18 जुलाई। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय एवं भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सरदार आर.पी. सिंह ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल द्वारा अमृतसर के श्री हरमंदिर साहिब परिसर में आज की गई स्वरचित पश्चाताप सेवा केजरीवाल गैंग का एक नाटक था।
श्री उपाध्याय ने कहा कि अमृतसर में पंजाब के वोटरों को भ्रमित करने के लिये किया गया नाटक बिलकुल उसी तर्ज पर था जैसे 2015 के चुनाव से पूर्व दिल्ली के वोटरों को भ्रमित करने के लिये किया गया था।
यदि केजरीवाल को अपने पार्टी सहयोगी आशीष खेतान द्वारा विभिन्न धार्मिक ग्रन्थों गीता, बाइबल, कुरान एवं गुरू ग्रंथ साहिब से पार्टी के युवा मेनिफेस्टो की तुलना करने पर वास्तविक अफसोस होता तो वह आशीष खेतान को इस दुष्कर्म के लिये पार्टी से निष्कासित करते।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि आशीष खेतान के निष्कासन का सीधा निर्णय लेने के बजाय आप संयोजक केजरीवाल ने पंजाब चुनाव से पूर्व सिखों को शांत करने के लिये राजनीतिक रास्ता चुना और श्री हरमंदिर साहिब में माफी मांगने पहुंच गये। हम मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछना चाहते हैं कि क्या खेतान ने केवल गुरू ग्रंथ साहिब का अपमान किया था, अन्य धर्म ग्रन्थों का भी तो उन्होंने अपमान किया था। क्या मुख्यमंत्री केजरीवाल अब अन्य धर्मों से भी माफी मांगेगे ?
सरदार आर.पी. सिंह ने कहा है कि यह शर्मिन्दिगी का विषय है कि सस्ती लोकप्रियता के लिये अरविंद केजरीवाल ने गुरू घर में जाकर पहले से साफ बर्तनों एवं फर्श की सफाई का नाटक किया। अपने इस कुकृत्य से केजरीवाल करोड़ों सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है जो गुरू घर की सेवा को सबसे पवित्र कार्य मानते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि केजरीवाल खुद को गुरू ग्रंथ साहिब को अपमानित करने का दोषी मानते थे तो उन्हें अपनी सजा खुद तय करने का कोई अधिकार नहीं था, उन्हें श्री अकालतख्त साहिब में पेश होना चाहिये था। सिखों की धार्मिक मान्यतानुसार गुरू ग्रंथ साहिब या गुरू साहिबों के अनादर की सजा देना श्री अकालतख्त साहिब का अधिकार क्षेत्र है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि अमृतसर में पंजाब के वोटरों को भ्रमित करने के लिये किया गया नाटक बिलकुल उसी तर्ज पर था जैसे 2015 के चुनाव से पूर्व दिल्ली के वोटरों को भ्रमित करने के लिये किया गया था।
यदि केजरीवाल को अपने पार्टी सहयोगी आशीष खेतान द्वारा विभिन्न धार्मिक ग्रन्थों गीता, बाइबल, कुरान एवं गुरू ग्रंथ साहिब से पार्टी के युवा मेनिफेस्टो की तुलना करने पर वास्तविक अफसोस होता तो वह आशीष खेतान को इस दुष्कर्म के लिये पार्टी से निष्कासित करते।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि आशीष खेतान के निष्कासन का सीधा निर्णय लेने के बजाय आप संयोजक केजरीवाल ने पंजाब चुनाव से पूर्व सिखों को शांत करने के लिये राजनीतिक रास्ता चुना और श्री हरमंदिर साहिब में माफी मांगने पहुंच गये। हम मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछना चाहते हैं कि क्या खेतान ने केवल गुरू ग्रंथ साहिब का अपमान किया था, अन्य धर्म ग्रन्थों का भी तो उन्होंने अपमान किया था। क्या मुख्यमंत्री केजरीवाल अब अन्य धर्मों से भी माफी मांगेगे ?
सरदार आर.पी. सिंह ने कहा है कि यह शर्मिन्दिगी का विषय है कि सस्ती लोकप्रियता के लिये अरविंद केजरीवाल ने गुरू घर में जाकर पहले से साफ बर्तनों एवं फर्श की सफाई का नाटक किया। अपने इस कुकृत्य से केजरीवाल करोड़ों सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है जो गुरू घर की सेवा को सबसे पवित्र कार्य मानते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि केजरीवाल खुद को गुरू ग्रंथ साहिब को अपमानित करने का दोषी मानते थे तो उन्हें अपनी सजा खुद तय करने का कोई अधिकार नहीं था, उन्हें श्री अकालतख्त साहिब में पेश होना चाहिये था। सिखों की धार्मिक मान्यतानुसार गुरू ग्रंथ साहिब या गुरू साहिबों के अनादर की सजा देना श्री अकालतख्त साहिब का अधिकार क्षेत्र है।
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