दिल्ली भाजपा 10 वर्ष से अधिक के डीजल वाहनों पर एन.जी.टी. द्वारा पूर्ण रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने का किया अनुरोध
दिल्ली में प्रदूषण के कारणों के विषय में अनुसंधान करने के आदेश न देने के लिए केजरीवाल सरकार की कड़ी निंदा करते हुये दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को दिल्ली में प्रदूषण के कारणों का अध्ययन करवाने का आग्रह किया
श्री उपाध्याय ने अपने पत्र में कहा है कि अनेकों बार हमनें पाया है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने डीजल गाड़ियों विशेषरूप से दिल्ली में चल रहे काॅमर्शियल गाड़ियों पर नियंत्रण करने के लिए कार्रवाई की है किन्तु इससे कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा है।
पत्र मंे यह भी कहा गया है कि आई.आई.टी. कानपुर और अन्य अनुसंधान संस्थानाओं से प्राप्त रिपोर्टों में यह कहा गया है कि दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण डस्ट पोल्युशन है तथा वाहनों से होने वाला प्रदूषण मामूली है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह चिंता की बात है कि केजरीवाल सरकार प्रदूषण नियंत्रण पर बहुत कुछ बोलती है और उसने आॅड-इवन स्कीम पर करोड़ों रूपये खर्च किये हैं किन्तु दिल्ली में प्रदूषण के कारणों का पता लगाने के लिए अध्ययन करने का कोई भी आदेश नहीं दिया है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा दिल्ली में 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाना अधिकरण के प्रयासों का एक भाग हो सकता है किन्तु संबंधित अधिकारियों को इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि नये यूरो कम्प्लायेन्ट इंजन वाले वाहनों से बहुत कम प्रदूषण होता है। इसके अतिरिक्त हमें यह भी समझना चाहिए कि शहर से इतनी बड़ी संख्या में वाहनों को हटाये जाने के साथ ही जनता के उपयोग के लिए विकल्प भी होना चाहिए।
श्री उपाध्याय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करें और इसके बदले दिल्ली में प्रदूषण के कारणों का विषलेशण करने के लिए एक समयबद्ध अध्ययन करवाने का आदेश दें।
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