न्यायालय का फैसला मुख्यमंत्री केजरीवाल पर अराजक शासन चलाने के आरोपों की पुष्टि के रूप में देखा जायेगा

भाजपा कल करेगी विधानसभा के बाहर प्रदर्शन और पूर्वांचली कार्यकत्र्ता खोलेंगे केजरीवाल सरकार की पोल

नई दिल्ली, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने आज विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता, राष्ट्रीय प्रवक्ता सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी और सांसद श्री रमेश बिधूड़ी एवं श्री मनोज तिवारी के साथ प्रदेश कार्यालय में एक पत्रकारवार्ता को सम्बोधित करते हुये कहा कि आज जो निर्णय 21 संसदीय सचिवों के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुनाया वह केजरीवाल सरकार की असंवैधानिक अराजकता पर एक आपवादिक फैसला नहीं है।  कुछ समय पूर्व उपराज्यपाल एवं मुख्यमंत्री केजरीवाल के बीच चले प्रशासकीय विवाद के बाद आया आज का न्यायालय का फैसला मुख्यमंत्री केजरीवाल पर अराजक शासन के आरोपों की पुष्टि के रूप में देखा जायेगा।  पत्रकारवार्ता में आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता श्री विवेक गर्ग एवं मीडिया प्रभारी श्री प्रवीण शंकर कपूर उपस्थित थे। 

श्री उपाध्याय ने आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता श्री विवेक गर्ग जिन्होंने सबसे पहले इस मसले को उठाया था की सराहना करते हुये पत्रकारों के समक्ष एक दिल्ली सरकार का 26 मार्च, 2015 का एक पत्र भी प्रस्तुत किया जिस पत्र के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि कुछ संसदीय सचिवों को विधानसभा परिसर के साथ-साथ सचिवालय में भी कार्यालय एवं सुविधायें उपलब्ध कराई गई थीं।  उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने जो कुछ संसदीय सचिव मामले में किया है वह एक आपराधिक षड़यंत्र है जिसे हमनें पहले ही चुनाव आयोग के संज्ञान में लाया है और भाजपा मांग करती है कि झूठे शपथपत्र देने के लिए केजरीवाल सरकार एवं संसदीय सचिवों पर कार्रवाई हो।

श्री उपाध्याय ने कहा है कि दिल्ली आज एक शासकीय संकट में धकेल दी गई है और यह अत्यंत दुखद है कि दिल्ली को इस स्थिति में पहुंचाने के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल अब पंजाब की जनता को भी गुमराह करना चाहते हैं।  दिल्ली भाजपा अब यह सुनिश्चित करेगी कि केजरीवाल सरकार के कुकृत्यों पर जनता का विरोध पंजाब के हर कौने में अरविन्द केजरीवाल का पीछा करें।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि सत्ता में आते ही अरविन्द केजरीवाल राजनीतिक अस्थिरता में आये थे क्योंकि इनकी पार्टी गुटों मंे बटी है।  उस वक्त सत्ता में बने रहने के लिए अरविन्द केजरीवाल ने मार्च, 2015 में मुख्यमंत्री सहित 7 मंत्रियों के संवैधानिक प्रावधान की अवहेलना कर दिल्ली में 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति कर उन्हें मंत्रियों के समकक्ष सुख-सुविधायें दीं।  भाजपा के विरोध के बाद सरकार जून, 2015 में एक असंवैधानिक बिल विधानसभा में लाई जिसके माध्यम से दिल्ली में असीमित संसदीय सचिव बनाने का और नियुक्त 21 संसदीय सचिवों को नियुक्ति तिथि से वैध करने का प्रयास किया।  आज का उच्च न्यायालय का फैसला केजरीवाल सरकार की मनमानी पर न्यायिक चेतावनी है।

श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि कल भाजपा विधानसभा में सरकार को बाध्य करेगी कि वह आज के दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय पर अपना वक्तव्य दे।  हम विधानसभा को तब तक नहीं चलने देंगे जब तक सरकार अपना वक्तव्य देकर स्वयं इन 21 विधायकों को विधानसभा से त्यागपत्र नहीं देंगे।  उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा नेता शीघ्र चुनाव आयुक्त से मिलकर उन्हें आज के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले की प्रति सौंप कर उनसे चुनाव आयोग में लंबित 21 संसदीय सचिवों के निर्णय पर फैसला लेने का अनुरोध करेंगे।

सांसद श्रीमती मीनीक्षी लेखी जो संसद की आफिस आफ प्रोफिट कमेटी की सदस्य हैं ने अपने वक्तव्य में कहा कि संविधान की धारा 299-ए, 104, 234 आदि से यह स्पष्ट है कि सांसद एवं विधायक आदि निश्चित लाभ के पदों पर नियुक्त नहीं किये जा सकते।  समय-समय पर संसद एवं न्यायालयों के निर्णयों ने लाभ के पदों को परिभाषित किया है और उन पर स्पष्ट निर्णय दिये हैं।  यह कोई पहला अवसर नहीं जो दिल्ली ने विवाद देखा हो, शीला दीक्षित सरकार के समय भी ऐसा विवाद हुआ था पर तब सरकार ने एक सीमा के भीतर उल्लंघन किया था और उसे स्वीकार भी किया था पर केजरीवाल सरकार ने जिस बेशर्मी का प्रदर्शन किया है वह अकाल्पनीय है।  

श्रीमती लेखी ने कहा कि लाभ के पद का पहला विवाद 1915 में तत्कालीन कलकत्ता नगर निगम में सामने आया था तब भी न्यायालय ने इसी तरह का निर्णय लिया था, इसी तरह अलग-अलग न्यायालयों ने श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्रीमती जया बच्चन के मामले में भी दोषी सांसदों की सदस्यता समाप्त की थी और आज दिल्ली में आया यह फैसला शायद अब आने वाली सरकारों को ऐसे असंवैधानिक फैसले लेने के लिए हतोत्साहित करेगा।  उन्होंने कहा कि 21 संसदीय सचिव मामले में सरकार की ओर से झूठे शपथपत्र दायर होने के समाचार हैं और इसकी जांच कर शपथ पर मिथ्या साक्ष्य देने का मुकदमा धारा 340 के अंतर्गत दर्ज किया जाना चाहिए।

प्रदेश महामंत्री एवं सांसद श्री रमेश बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली की जनता आज केजरीवाल सरकार के कुशासन से त्रस्त हो चुकी है।  मुख्यमंत्री ने लगातार दिल्ली की जनता के साथ धोखा किया है और अब न्यायालय की फटकार के बाद भी जिस तरह केजरीवाल सरकार के मंत्रियों ने उच्च न्यायालय के निर्णय पर टिप्पणी की उसने केजरीवाल सरकार को एक संविधान विरोधी सरकार के रूप में स्थापित किया है।  उन्होंने कहा कि अजीब बिडम्बना है कि मुख्यमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम किया वो भी विवादों में रहा, उसके संयोजक ने धार्मिक गुरूओं का अपमान किया और केजरीवाल के मंत्री ने तो बेशर्मियों की हद पार कर तन की बात कर दिल्ली की जनता को शर्मशार किया है।  केजरीवाल के राइट टू रिकाल के प्रस्ताव का स्मरण करवाते हुये श्री बिधूड़ी ने कहा कि आज दिल्ली की जनता केजरीवाल सरकार पर राइट टू रिकाल का उपयोग करना चाहती है। श्री बिधूड़ी ने घोषणा की कि जहां विधानसभा सदन में कल हमारे विधायक सरकार को 21 संसदीय सचिवों एवं दुराचारी मंत्री के मामले में बोलने को बाध्य करेंगे वहीं भाजपा कार्यकत्र्ता विधानसभा सदन के बाहर दुराचारी मंत्री संदीप कुमार एवं अन्य विधायकों को विधानसभा से निष्कासित करने एवं 21 संसदीय सचिवों के इस्तीफे की मांग करेंगे।

सांसद श्री मनोज तिवारी ने कहा कि आज दिल्ली का आम नागरिक अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है जब वह देखता है कि पानी और राशन कार्ड जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भी विधायकों या मंत्रियों के पास जाने पर महिलाओं को जिल्लत का सामना करना पड़ रहा है।  उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले अरविन्द केजरीवाल अपने विधायकों की सुचिता की जिम्मेदारी लेते थे वह अब आगे आयें या तो अनैतिकता और दुराचार में लिप्त अपने विधायकों से इस्तीफा दिलायें या जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुये स्वयं इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अन्य नागरिकों की तरह यहां बसा पूर्वांचल समाज आज केजरीवाल सरकार से पूरी तरह निराश हो चुका है।  उनसे किये गये पूर्वांचलवासियों की कालोनियों में विशेष विकास के वायदे हों या पूर्वांचल छात्रों के लिए शिक्षा की व्यवस्था सभी पर केजरीवाल सरकार ने धोखा दिया है।  श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली में बसा पूर्वांचल समाज अब हर उस प्रांत में जाकर केजरीवाल सरकार की पोल खोलेगा जहां ये अपने राजनीतिक विस्तार के लिए जाने का प्रयास करेंगे।

दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा के नेतृत्व में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन
दिल्ली भाजपा कार्यकर्ताओं ने चूड़ियां एवं गुलाब भेंट कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से महिलाओं के प्रति दुराचार में लिप्त आशुतोष एवं संदीप कुमार को पार्टी एवं विधानसभा से बर्खास्त करने की करी मांग
   
नई दिल्ली, 08 सितम्बर।  दिल्ली भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज सुबह स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस से पंजाब जा रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नं.1 पर घेरा और उन्हें चूड़ियां एवं गुलाब भेंट किये।  दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष श्रीमती कमलजीत सहरावत एवं मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया। भाजपा ने मुख्यमंत्री से मांग की वह अपने दुराचारी विधायकों और पार्टी नेता आशुतोष को तुरन्त विधानसभा एवं पार्टी से बर्खास्त करें। प्रदर्शनकारियों में प्रमुख थीं पाषर्द श्रीमती पूर्णिमा विद्यार्थी, श्रीमती अर्चना गुप्ता एवं श्रीमती श्याम बाला और पार्टी पदाधिकारी श्रीमती सीमा अरोड़ा, श्रीमती सोना कुमारी, श्रीमती मालती वर्मा एवं श्रीमती अनिता राणा, श्रीमती अंजू सूद, श्रीमती सरिता, श्रीमती दामिनी एवं श्रीमती रेनू आदि।   

प्रदर्शन उपरान्त उपस्थित पत्रकारों से बात करते हुये श्रीमती कमलजीत सहरावत ने कहा कि हम जब उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मिलने गये थे हमने तभी घोषणा की थी कि अगर मुख्यमंत्री शीघ्र ही आशुतोष को आम आदमी पार्टी से एवं दुराचारी विधायकों को विधानसभा से बर्खास्त करने की घोषणा नहीं करेंगे तो हम उनका घेराव कर उन्हें चूड़ियां भेंट करेंगे। आज हमने पंजाब जा रहे मुख्यमंत्री अरविंद को चूड़िया भेंट कर दिल्ली की महिलाओं के विरोध से परिचित कराया। दिल्ली भाजपा मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने सभी पुलिस बाधाओं को तोडकऱ मुख्यमंत्री को चूड़ियां एवं गुलाब देकर विरोध दर्ज कर कहा कि आप पहले दिल्ली को किये वादे पूरे करें बाद में देशव्यापी राजनीति पर ध्यान दें। पहाड़गंज भाजपा नेता श्री सुनील कक्कड़ एवं श्री हरीश भरीजा भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ रेलवे स्टेशन पर बैकअप टीम की तरह उपस्थित थे। 

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