दिल्ली में अजब मुख्यमंत्री है, संकट के समय कभी विपासना चले जाते हैं तो कभी उपासना!
नई दिल्ली, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने कहा है कि दिल्ली में आज जो दुर्गति वर्षा उपरान्त देखी गई उसके लिए दिल्ली सरकार का जल बोर्ड पूरी तरह जिम्मेदार है। खेद का विषय है कि दिल्ली में जब भी कोई संकट आता है दिल्ली के मुख्यमंत्री अदृश्य हो जाते हैं चाहे वह पिछले वर्ष सफाई कर्मियों की हड़ताल का समय हो, मई में हुई पेयजल संकट या इस वर्ष लगातार चल रहा जल भराव संकट। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अजब मुख्यमंत्री है जो संकट के समय कभी विपासना पर चले जाते हैं तो कभी उपासना पर, जिस सबके चलते दिल्ली की जनता अपने को बेबस पाती है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि मौसम की प्रारम्भिक वर्षा में इस प्रकार की स्थिति बनना सामान्य बात हो सकती है पर मौसम के अंतिम चरण में जो स्थिति आज दिल्ली में बनी वह पूरी तरह लापरवाही का मामला है। उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि जल बोर्ड ने प्रारम्भिक अनुभवों से कुछ नहीं सीखा और आज जैसे ही भारी वर्षा हुई तो दिल्ली जलमगन हो गई। दिल्ली में सबसे विकट स्थिति फ्लाइओवरों और अंडरपास के निकट देखी गई और इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड के जल निकासी पम्प से जुड़े इंजीनियर एवं कर्मचारी दोषी हैं।
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श्री उपाध्याय ने कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल हमेशा पारदर्शी शासन की बात करते थे ऐसे में अगर उनके निर्णय नियम एवं कानून संवत हैं तो उनको घबराने का कोई कारण नहीं। भाजपा मानती है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की खुद की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद यह निर्णायक रूप से तय हो चुका है कि दिल्ली में उपराज्यपाल संवैधानिक रूप से संघराज्य दिल्ली के अनेक मामलों में निर्णायक भूमिका रखते हैं।
उपराज्यपाल चाहते तो फाइलों की विवेचना स्वयं या अपने कार्यालय में नियुक्त अधिकारियों के माध्यम से कर सकते थे पर उन्होंने अत्यंत लोकतांत्रिक भावनाओं के साथ 400 फाइलों की विवेचना के लिए बेदाग छवि के तीन सेवानिवृत अधिकारियों की एक कमेटी का गठन किया है जो यह जांचेगी कि निर्णयों के लिए जरूरी स्वीकृतियां ली गई कि नहीं।यह सभी फाइलें विभिन्न विभाग अध्यक्षों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय उपरान्त उपराज्यपाल कार्यालय को भेजी हैं।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल यह अच्छी तरह जानते हैं कि इस विवेचना के बाद जनता को यह स्पष्ट हो जायेगा कि किस तरह उन्होंने एवं उनके मंत्रियों ने विभाग अध्यक्षों एवं विधि विभाग की सलाह को भी ठुकरा कर दर्जनों ऐसे मामलों मंे निर्णय लिये जिनमें भारी मात्रा में जनता के पैसे का दुरूपयोग हुआ।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि भाजपा उपराज्यपाल द्वारा पूर्व सी.ए.जी. अध्यक्ष श्री वी. के. शुन्गलू जिन्हें योजना, विद्युत एवं राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े घोटालों की जांच का अनुभव है के अतिरिक्त पूर्व चुनाव आयुक्त श्री एन. गोपाल स्वामी एवं पूर्व सतर्कता आयुक्त श्री प्रदीप कुमार जैसे अनुभवी सेवानिवृत अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी के गठन का स्वागत करती है।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ऐसा दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं कि मानो फाइलों की विवेचना से अधिकारियांे को प्रताड़ित किया जायेगा पर अपने दिल में वे अच्छी तरह जानते हैं कि यह विवेचना उनके मंत्रियों एवं करीबी अधिकारियों के भ्रष्टाचार की पोल खोल देगी।
श्री उपाध्याय ने कहा कि मौसम की प्रारम्भिक वर्षा में इस प्रकार की स्थिति बनना सामान्य बात हो सकती है पर मौसम के अंतिम चरण में जो स्थिति आज दिल्ली में बनी वह पूरी तरह लापरवाही का मामला है। उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि जल बोर्ड ने प्रारम्भिक अनुभवों से कुछ नहीं सीखा और आज जैसे ही भारी वर्षा हुई तो दिल्ली जलमगन हो गई। दिल्ली में सबसे विकट स्थिति फ्लाइओवरों और अंडरपास के निकट देखी गई और इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड के जल निकासी पम्प से जुड़े इंजीनियर एवं कर्मचारी दोषी हैं।
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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने कहा है कि यह समझ से परे है कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपनी सरकार के फाइलों पर निर्णयों की विवेचना से इतने घबराते क्यों हैं ?
श्री उपाध्याय ने कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल हमेशा पारदर्शी शासन की बात करते थे ऐसे में अगर उनके निर्णय नियम एवं कानून संवत हैं तो उनको घबराने का कोई कारण नहीं। भाजपा मानती है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की खुद की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद यह निर्णायक रूप से तय हो चुका है कि दिल्ली में उपराज्यपाल संवैधानिक रूप से संघराज्य दिल्ली के अनेक मामलों में निर्णायक भूमिका रखते हैं।
उपराज्यपाल चाहते तो फाइलों की विवेचना स्वयं या अपने कार्यालय में नियुक्त अधिकारियों के माध्यम से कर सकते थे पर उन्होंने अत्यंत लोकतांत्रिक भावनाओं के साथ 400 फाइलों की विवेचना के लिए बेदाग छवि के तीन सेवानिवृत अधिकारियों की एक कमेटी का गठन किया है जो यह जांचेगी कि निर्णयों के लिए जरूरी स्वीकृतियां ली गई कि नहीं।यह सभी फाइलें विभिन्न विभाग अध्यक्षों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय उपरान्त उपराज्यपाल कार्यालय को भेजी हैं।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल यह अच्छी तरह जानते हैं कि इस विवेचना के बाद जनता को यह स्पष्ट हो जायेगा कि किस तरह उन्होंने एवं उनके मंत्रियों ने विभाग अध्यक्षों एवं विधि विभाग की सलाह को भी ठुकरा कर दर्जनों ऐसे मामलों मंे निर्णय लिये जिनमें भारी मात्रा में जनता के पैसे का दुरूपयोग हुआ।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि भाजपा उपराज्यपाल द्वारा पूर्व सी.ए.जी. अध्यक्ष श्री वी. के. शुन्गलू जिन्हें योजना, विद्युत एवं राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े घोटालों की जांच का अनुभव है के अतिरिक्त पूर्व चुनाव आयुक्त श्री एन. गोपाल स्वामी एवं पूर्व सतर्कता आयुक्त श्री प्रदीप कुमार जैसे अनुभवी सेवानिवृत अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी के गठन का स्वागत करती है।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ऐसा दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं कि मानो फाइलों की विवेचना से अधिकारियांे को प्रताड़ित किया जायेगा पर अपने दिल में वे अच्छी तरह जानते हैं कि यह विवेचना उनके मंत्रियों एवं करीबी अधिकारियों के भ्रष्टाचार की पोल खोल देगी।
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