AAP सरकार प्राईवेट कंसलटेंट्स को लाकर स्थापित प्रशासनिक ढ़ांचे को बिगाड़ रही है

दिल्ली विधानसभा का सत्र जारी है परंतु दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल गोवा में है। AAP सरकार ने नई नियुक्तियां करने के लिए क्या मापदंड अपनाऐं है- क्यों इतने सारे कंसलटेंट्स को उॅचे वेतन पर रखा गया है।
   नई दिल्ली, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आज आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह वही पार्टी है जिसने यह वायदा किया था कि प्रशासन में पारदर्शिता लाऐंगे तथा भाई-भतीजावाद के खिलाफ लड़ेंगे। परंतु आज आम आदमी पार्टी ही अपने कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त करके स्थापित प्रशानिक ढ़ांचे के खिलाफ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा का सत्र चल रहा है परंतु दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल गोवा में हैजो यह दर्शाता है कि उनकी प्राथमिकता किस जगह है। क्योंकि वे दिल्ली की अनदेखी करके अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए देश के दूसरे राज्य में घूम रहे है। जबकि दिल्ली के लोगों ने उन्हें भारी बहुमत से जिता कर दिल्ली की सत्ता दी थी ताकि वे जनता की सेवा कर सकें।

प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि एक आर.टी.आई. जवाब के द्वारा यह साफ जाहिर होता है कि आप सरकारआप पार्टी के कार्यकर्ताओं तथा नेताओं को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त कर रही है। इन नियुक्तियों के द्वारा उन्होंने यह जाहिर कर दिया है कि सरकार और राजनीतिक पार्टी के बीच में दिल्ली में कोई अंतर नही रहा है। आज के इस संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ नेता श्री चतर सिंह भी मौजूद थे।श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने दिल्ली के युवाओं के साथ भी विश्वासघात किया है क्योंकि दिल्ली के करीब 1.58 लाख युवा जिनके रोजगार कार्यालय में नाम पिछले डेढ़ वर्ष में पंजीकृत हुए है उसमें से केवल 121 युवाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि आम आदमी जिसकी जान पहचान नही है उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है क्योंकि उनकी आवाज उठाने के लिए न आम आदमी पार्टी में और न ही दिल्ली सरकार में कोई है।

श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में यह कहा था कि दिल्ली सरकार में खाली पडे़ 55000 पदों को भरेंगे परंतु उन्होंने इसका एक छोटा सा भी हिस्सा पूरा नही किया है। उन्होंने कहा कि आप सरकार इस समय भाई भतीजावाद पर चल रही है। जिसके खिलाफ चलने का उन्होंने ढिंढोरा पीटा था। उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्कूलों में 940 एस्टेट मेनेजर, 85 नई भर्तियादिल्ली महिला आयोग तथा दिल्ली जल बोर्ड में 200 आप कार्यकर्ताओं की नियुक्ति में क्या प्रक्रिया अपनाई है। उन्होंने कहा कि आर.टी.आई. के जवाब में यह कहा गया है कि स्कूलों में एस्टेट मेनेजर की नियुक्ति के लिए कोई मिनीमम एजुकेशन क्वालिफिकेशन नही है। उन्होंने कहा कि मुझे बड़ा आश्चर्य है कि आप सरकार ने इन नियुक्तियों में क्या प्रक्रिया अपनाई है तथा पक्षपात करके यह नियुक्तियां की है तथा दिल्ली सबओर्डिनेट सर्विसेस सलेक्शन बोर्ड को नजरअदांज करके ये नियुक्तियां हुई है। जबकि बोर्ड का मुख्य उदेश्य ग्रुप बी (नान गजेटेड)गु्रप सी दिल्ली सरकारनगर निगमनई दिल्ली नगर पालिका परिषद तथा अन्य दिल्ली सरकार की आटोनोमस बोडी में नियुक्तियां करना है।

श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि केजरीवाल सरकार अपनी सरकार को चलाने के लिए प्राईवेट कंसलटेन्टस पर निर्भर कर रही है क्योंकि वर्तमान में मिले आंकडे के हिसाब से मुख्यमंत्री कार्यालय में 133 कंसलटेन्ट्स तथा 50 कंसलटेन्ट्स मंत्रियों के साथ कार्य कर रहे है। इन कंसलटेन्ट्स को उॅचे वेतनमान पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की छवि सुधारने के लिए एक प्राईवेट कम्पनी को कथित तौर पर 200 करोड़ का कान्ट्रेक्ट दिया गया है जबकि दिल्ली सरकार के पास पहले से ही विज्ञापन विभाग है जिनके पास आधुनिक तकनीक तथा उॅचे वेतनमान के अधिकारी मौजूद है। उन्होंने कहा कि दिल्ली केबिनेट ने प्रत्येक मंत्री के लिए 2-2 प्राईवेट कंसलटेन्ट्स रखकर कुल 14 कंसलटेन्ट्स की नियुक्ति का प्रस्ताव पास कर दिया है जिसके अुनसार इन कंसलटेन्ट्स को ढाई लाख रुपये प्रतिमाह का वेतन तथा अन्य भते दिये जाऐंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार कंसलटेन्ट्स की नियुक्तियां करके आप पार्टी की दिल्ली सरकार एक समानान्तर सरकार बनाने की कोशिश कर रही है क्योंकि पहले से स्थापित प्रशासनिक ढांचे व प्रक्रिया को दरकिनार करके यह सब किया जा रहे।

श्रीमती मुखर्जी ने 3000 मौहल्ला सभाओं में विधायकों की अनुशंसा पर 6000 आप कार्यकर्ताओं को नियुक्त किए जाने के प्रयास  साफ तौर पर भाई भतीजावाद को दर्शाता है। यदि महत्वपूर्ण पदो के लिए आउटसोर्स करना जरुरी है तो सरकार को ही क्यों ना आउटसोर्स कर दिया जाये। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की नियुक्तियां ब्यूरोक्रेसी तथा स्थापित सिस्टम को बायपास करके करना बहुत ही खतरनाक है और कांग्रेस पार्टी इसकी भत्र्सना करती है।

श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि केजरीवाल का दिल अब दिल्ली में नही है क्योंकि हिमाचल प्रदेश में विपसना से वापस आने के बाद केजरीवाल ने आप पार्टी के उपमुख्यमंत्री सहित वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई तथा उनको अन्य राज्यों की जिम्मेदारी दी ताकि अन्य राज्यों में आप पार्टी का प्रभाव जमाया जा सके। यह सब दिल्लीवासियों के हितों को ताक पर रख कर किया जा रहा है।

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