दिल्ली कांग्रेस कमेटी मा-बाप द्वारा त्यागी गई छोटी बहनों के मामलों की जांच की मांग करती है

केजरीवाल सरकार अपनी छवि बढ़ाने के लिए करदाताओं के करोड़ो रुपये विज्ञापन पर दिल्ली और दिल्ली से बाहर शहरों में खर्च कर रही है। केजरीवाल बता सकते है कि बालिकाओं की सुरक्षा की जागरुकता के लिए विज्ञापनों पर कितनी राशि खर्च की है। क्यों आम आदमी पार्टी की सरकार ने जेन्डर रिसोर्स सेन्टर जीआर.सी. जो जागरूकता पैदा करने और जमीनी स्तर पर महिलाओं के सशक्तिकरण की सुविधा के लिए खोले गए थे उन्हें बंद कर दिया हैदिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी जी.आर.सी. को तत्काल दोबारा खोलने की मांग करती है।



 

दिल्ली कांग्रेस कमेटी ने दिल्ली सरकार को सुझाव दिया कि विज्ञापन का 50 प्रतिशत का बजट महिलाओं की सुरक्षासशक्तिकरण व लिंग संवेदीकरण के संचार के लिए किया जाना चाहिए ताकि लैंगिक समानता के लिए जागरुकता द्वारा पैदा की जा सके।

नई दिल्ली, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने दिल्ली के बादली तीन व सात साल की बच्चियों  अकेले छोड़े जाने वाली आश्चर्यचकित करने वाली घटना की सम्पूर्ण जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह दोनो बच्चियां उनके माता पिता ने छोड़ दी थी जिनकी हालत बुरी हुई थी तथा पुलिस ने उनको कमरे में से बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि बच्चियों की हालत खराब थी और वह कुपोषण की शिकार थी। उन्होंने कहा कि बच्चियों का यह उदाहरण यह दर्शाता है कि हमारे समाज में लड़कियों की क्या दशा है और किस प्रकार माता पिता बेटियों भेदभाव करते है। श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस संदर्भ में एक पत्र लिखा है जिसकी कापी संलग्न है।

प्रदेश कार्यालय में आयेाजित संवददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि यदि दिल्ली जैसे शहर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की नाक के नीचे दोनो बच्चियों का जो हाल हुआ है वह बयान करने लायक नही है परंतु दिल्ली से बाहर लड़कियों का क्या हाल होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को सत्ता में आए ढाई साल हो गए है और उन्होंने बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओं का नारा भी दिया है। परंतु उसका कोई प्रभाव लडकियों की जिदंगी पर नही दिखाई देता। दूसरी ओर केजरीवाल सरकार दिल्ली में डेढ़ साल से सत्ता में है और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडने का बहाना ढूंढते रहते है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि यह सिर्फ एक नारा बनकर रह गया है और बच्चियों पर अत्याचार बढ गए है  एनसीआरबी की रिपोर्ट भी यही कहती है कि बच्चियों पर अत्याचार बढ़े है।

श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने मनमाने ढंग से जीआरसी केन्द्रों को मई 2016 में बंद कर दिया था जबकि कांग्रेस की दिल्ली सरकार द्वारा चलाया जाने वाला महिला सशक्तिकरण का बहुत सफल कार्यक्रम था। जीआरसी के द्वारा जमीनी स्तर पर जेन्डर जागरुकता के लिए महिला सशक्तिकरण के कई कार्यक्रम चलाऐ। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने जीआरसी के कर्मचारियों को वेतन का भुगतान न करके व फंड मुहैया न कराकर इसे गैर कार्यान्वित करने की कोशिश की और 31 मई2016 को प्रभावी रुप से बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि 103 जी.आरसी सेन्टर, 26 विस्तार केन्द्र व 5 बेघर संसाधन केन्द्र, 5जिला संसाधन केन्द्र और 43 आवाज उठाओं सेन्टरों को एक झटके में बंद करके हजारों लोगों को बेरोजगार बना दिया जिसका महिलाओं और इसके लाभार्थियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि केजरीवाल सरकार के महिला विरोधी रवैये और महिलाओं के सशक्तिकरण और लैंगिक मुद्दों के कारण ही  उनकी इन मुद्दो पर उदासीनता प्रत्येक दिन उजागर हो रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार अपनी छवि बढ़ाने और उपलब्धियां बताने के लिए करदाताओं के करोड़ो रुपये विज्ञापन पर दिल्ली और दिल्ली से बाहर शहरों में खर्च कर रही है। हम जानना चाहते है कि उन्होंने लिंग अनुपात के विषय में जागरुकता कार्यक्रम चलाया है। उन्होंने कहा कि हम पूछना चाहते है कि केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने बालिकाओं की सुरक्षा की जागरुकता के लिए विज्ञापनों पर कितनी राशि खर्च की है।

श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राजधानी में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त की। आँकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध में 20 प्रतिशत की वृद्धि सहितबलात्कार में 27 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इस साल पहले से ही बलात्कार के 1397 मामलों 15 अगस्त 2016 पर के रूप में सूचित किया गया है, 2015 में इसी अवधि के दौरान 1,352 मामले सामने आऐ। उन्होंने कहा कि श्री मोदी और श्री केजरीवाल दोनो ने ही महिलाओं की सुरक्षासशक्तिरण और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को चुनाव मुख्य मुद्दा बनायालेकिन सता में आने के बाद दोनों ने इन मुद्दो को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया जबकि दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और ये अपनी जिम्मेदारियों को एक दूसरे पर थोप कर महिलाओं के प्रति मामलों के प्रति उदासीन हैं। उन्होंने कहा मैं आश्चर्य चकित हूँ कि केजरीवाल ने फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना की का वादा किया था और कहा था कि जरुरतमंदों को दिल्ली में न्याय की शीघ्र व्यवस्था होगी उसका क्यों नही लागू किया।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मांग की कि जीआरसी केन्द्रों को तुरंत फिर से खोला जाना चाहिए और सरकार समुदाय के प्रति जागरूकता और महिला सशक्तिकरण के लिए शुरु किए गए कार्यक्रमों को जारी रखना चाहिए । कांग्रेस यह मांग करती है कि आत्म स्तुति करने के बजायसरकार को लिंग के प्रति जागरूकता पर विज्ञापन बजट का 50 प्रतिशत खर्च करना चाहिए।

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