दिल्ली प्र्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने AAP सरकार द्वारा चीनी मांजे पर प्रतिबंध लगाने में देरी किए जाने की जांच सी.बी.आई. से कराने की मांग की।
श्री अजय माकन ने AAP सरकार द्वारा चीनी मांजे पर बेन को लेकर ढाई महीने के बाद जारी किए गए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पर प्रश्न उठाये।
चीनी मांजे पर बेन में देरी शायद आयातकों तथा डीलरों को फायदा पहुचाने के लिए की गई है- अजय माकन
नई दिल्ली, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने दिल्ली की AAP सरकार द्वारा चीन के बने मांजे पर प्रतिबंध लगाने में जानबूझ कर की गई देरी के मामले में सी.बी.आई. जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि चीनी मांजे पर बेन में देरी लोगों की जान की कीमत पर शायद आयातकों तथा डीलरों को फायदा पहुचाने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने चीनी मांजे पर प्रतिबंध लगाने का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन 16 अगस्त अर्थात स्वतंत्रता दिवस के एक दिन बाद उस समय जारी किया जिस समय मांजे की बिक्री एक तरह से पूरी हो चुकी थी और चार लोगों को दिल्ली में अपनी जान मांजे से गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा कि चीनी मांजे पर प्रतिबंध मंे देरी जानबूझ कर की गई ताकि आयातकों व डीलरों को फायदा पहुॅचाने के लिए की गई ताकि वे आयात किए गए चीनी मांजे के बचे हुए स्टोक को बेच सके।
श्री अजय माकन ने सीबीआई निदेशक को लिखें अपने पत्र में कहा कि ‘‘दिल्ली सरकार द्वारा इस मामले में जानबूझ कर कोई कार्यवाही समय पर न करने के कारण कई लोगों को 15 अगस्त पर दिल्ली में अपनी जान गंवानी पड़ी’’। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा जारी किया गया ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जनता की आपतियां मांगने के लिए जारी किया गया जो कि सिर्फ आंखों में धूल झौंकने के लिए किया गया है क्योकि इस नोटिफिकेशन के द्वारा चीनी मांजे पर प्रतिबंध लगाने के लिए कम से कम 60 दिन की और देरी हो जायेगी। उन्होंने एन्वायरमेन्ट प्रोटेक्शन रुल्स 1986 के रुल 4 ;5द्ध का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रकार के मामले में दिल्ली सरकार बिना कोई आपति मांगे प्रतिबंध का नोटिफिकेशन जारी कर सकती है।
श्री माकन ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने चीनी मांजे पर 22 जुलाई को प्रतिबंध लगा दिया था और उससे पहले महाराष्ट्र तथा राजस्थान सरकार ने भी चीनी मांजे पर प्रतिबंध लगा दिया था। श्री माकन ने कहा कि मैं बड़ा आश्चर्यचकित हूँ कि दिल्ली सरकार को ऐसी क्या बात थी जो उनको चीनी मांजे पर प्रतिबंध के फाईनल नोटिफिकेशन को जारी करने से रोक रही थी जबकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने विभिन्न सरकारी संस्थाओं को आदेश दिए थे कि वे जनता को नायलोन (सिंथेटिक मांजे) के खतरों को लेकर एडवाईजरी जारी करे।
सीबीआई निदेशक को लिखे पत्र में श्री अजय माकन ने इस मामले की पूरी जांच करने की मांग की है ताकि दोषियो को सजा मिल सके। श्री माकन ने सीबीआई से ये जोरदार मांग की है कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत तुरंत प्रभाव से एफ.आई.आर. दर्ज की जाये और इस मामले में दिल्ली सरकार तथा चीनी मांजे के आयातकों तथा डीलरों की मिली भगत पर भी जांच हो।
श्री माकन ने कहा कि जब दिल्ली उच्च न्यायालय में 1 जून 2016 को इस मुद्दे को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी तथा दिल्ली सरकार ने 2 अगस्त 2016 को दिल्ली उच्च न्यायालय में यह कहा था कि दिल्ली सरकार ने चीनी मांजे के इस्तेमाल,बिक्री तथा खरीदारी पर प्रतिबंध को लेकर ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को तैयार करने की प्रक्रिया शुरु कर दी थी, यद्यपि यह प्रोपोजल दिल्ली सरकार के कानून विभाग के पास लंबित था।
श्री माकन ने कहा कि मैं यह जानना चाहता हूँ कि दिल्ली सरकार ने चीनी मांजे के मामले में ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को जारी करने के लिए ढाई महीने का समय क्यों लिया और वह भी तब किया जब कई जाने चली गई थी। उन्होंने कहा कि यह देरी दिल्ली सरकार और चीनी मांजे के आयातकों की सांठगांठ को सिद्ध करती है।
श्री माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में देरी उनके क्रिमनल नेगलीजेन्स को दर्शाती है जबकि इस प्रकार के आपातकालीन मुद्दे पर सरकार फाईनल नोटिफिकेशन जल्द से जल्द जारी कर सकती थी।
श्री माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार इस मामले की जिम्मेदारी ब्यूरोकरेट्स पर डालने की कोशिश कर रही है और जब उनका मतभेद केन्द्र या दूसरों के साथ होता है तब आप सरकार सीधे तौर पर प्रधानमंत्री व उपराज्यपाल को अपनी परेशानियों के लिए निशाना बनाते है। इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री दोनो को चीनी मांजे के मामले में दोषी ठहराया जाना चाहिए।
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