गरीबों की जमीन बेचने वाले अधिकारी डाॅ. नावलेन्द्र सिंह के उपमुख्यमंत्री सिसोदया से नजदीकी संबंध

दिल्ली भाजपा ने जिस तरह टैंकर घोटाले में केजरीवाल सरकार की पोल खोली उसी तरह गरीबों के लिए सुरक्षित

 डी.यू.एस.आई.बी. की जमीन के घोटाले में भी केजरीवाल सरकार विशेषकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की

 पोल खोलने के लिए आंदोलन चलायेगी-सतीश उपाध्याय



नई दिल्ली,  दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने आज एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये कहा कि केजरीवाल सरकार उतनी ही भ्रष्ट है जितनी शीला दीक्षित सरकार थी।  इस सरकार के मुखिया और उपमुखिया दोनों ही भ्रष्टाचार को लगातार बढ़ावा देते रहे हैं और उसका प्रमाण है इनके द्वारा ऐसे अधिकारियों को अपने निजी कार्यालय में तैनात करना जिनकी शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार में संलिप्तता पहले से ही चर्चित और प्रमाणित थी।  पत्रकारवार्ता में मीडिया प्रभारी प्रवीण शंकर कपूर, प्रवक्ता डाॅ. दीपिका शर्मा, श्री अश्वनी उपाध्याय एवं श्री आदित्य झा उपस्थित थे।

दिल्ली में हाल ही में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डी.यू.एस.आई.बी.) के भलस्वा स्थित एक भूखंड को एक निजी बिल्डर को सौंप दिये जाने का मामला सामने आया है और अरबों रूपये के इस जमीन घोटाले में जिस अधिकारी को मुख्यतः दोषी पाया गया है वह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का बेहद नजदीकी रहा है।  

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के विशेष अधिकारी के रूप में नियुक्त रहे डाॅ. नावलेन्द्र कुमार सिंह को गत दिनों उपराज्यपाल ने डी.यू.एस.आई.बी. की भलस्वा की जमीन एक बिल्डर को बेचने के आरोप में निलम्बित किया है।  यह अधिकारी उपमुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी के अतिरिक्त उत्तरी दिल्ली के ए.डी.एम. के पद पर भी नियुक्त था और इसकी यह नियुक्ति 5 मई, 2015 को की गई थी।

यह अधिकारी डाॅ. नावलेन्द्र कुमार सिंह बहुत लम्बे समय से संदिग्ध अधिकारियों में रहा है, शीला दीक्षित सरकार के समय यह इसी भलस्वा से जुड़े माॅडल टाउन का एस.डी.एम. था और तब भी इस पर जमीनों के मामले में अनियमितताओं के आरोप लगे थे, सी.बी.आई. के एक छापे में इसके पास से उस वक्त 10 लाख रूपये नकद बरामद हुये थे।  2003 से 2013 के मध्य इस अधिकारी पर अनेक मामलों में आरोप लगे सतर्कता जांच हुईं और 2013 में सतर्कता विभाग ने इस अधिकारी को किसी भी संवेदनशील पद पर नियुक्त न किये जाने की सख्त सिफारिश की थी।

अप्रैल-मई, 2016 में सरकार को भलस्वा की जमीन घोटाले की पूरी जानकारी मिल गई जिसके बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने राजस्व विभाग के सचिव पर दबाव डालकर 30 मई, 2016 को अधिकारियों का एक फेर बदल कराया और उसमें डाॅ. नावलेन्द्र कुमार सिंह को अपने कार्यालय से हटाकर ए.डी.एम. दक्षिण-पूर्व पद पर स्थानान्तरित करवा दिया।  

श्री सतीश उपाध्याय ने पत्रकारवार्ता के माध्यम से मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के समक्ष कुछ सवाल रखते हुये मांग की कि वह दोनों इन सवालों के उत्तर दें।

1 किसी भी मुख्यमंत्री अथवा उपमुख्यमंत्री के सचिव या विशेष अधिकारी के पद पर जिन अधिकारियों की नियुक्ति होती है क्या नियुक्ति से पूर्व उनकी पूर्ण सतर्कता जांच की जाती है या नहीं ?

2 यदि ऐसी जांच होती है तो क्या श्री राजेन्द्र कुमार को मुख्यमंत्री का सचिव और डाॅ. नावलेन्द्र कुमार सिंह को उपमुख्यमंत्री का विशेष अधिकारी नियुक्त करते वक्त यह जांच हुई थी या नहीं ?

3 क्या यह सत्य नहीं कि डाॅ. नावलेन्द्र कुमार सिंह के संवेदनशील पदों पर नियुक्ति के विरूद्ध सतर्कता विभाग ने सिफारिश 2013 से की हुई थी ?

4 उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जिन्होंने डाॅ. नावलेन्द्र के निलम्बन के बाद यह दर्शाने की कोशिश की कि वह उन्हें जानते भी नहीं, क्या यह सत्य नहीं कि डाॅ. नावलेन्द्र कुमार सिंह का रिश्ता उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के गृह क्षेत्र के एक राजनीतिक नेता से भी है और उपमुख्यमंत्री निजी तौर पर डाॅ. नावलेन्द्र को पहले से जानते थे ?

5 क्या यह सत्य नहीं कि उपमुख्यमंत्री ने डाॅ. नावलेन्द्र की नियुक्ति ही अपने कार्यालय में इस अरबों रूपये के घोटाले के लिए करवाई थी और घोटाले के बाद जब कीचड़ अपने दरबाजे तक दिखी तो अधिकारी को एक दूसरे मालदार कार्यालय में स्थानान्तरित करवा दिया और अपने कार्यालय से भी हटा दिया ?

6 क्या यह सत्य नहीं कि जिस तरह जल बोर्ड घोटाले में सरकार ने 11 माह तक रिपोर्ट को दबाकर रखा था उसी तरह केजरीवाल सरकार ने और सीधा कहें तो उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अप्रैल में भलस्वा जमीन घोटाले की जनवरी में ही जानकारी मिलने के बाद लगभग 6 माह तक दबाकर रखा ?

श्री सतीश उपाध्याय ने कहा है कि दिल्ली भाजपा ने जिस तरह टैंकर घोटाले में केजरीवाल सरकार की पोल खोली उसी तरह गरीबों के लिए सुरक्षित डी.यू.एस.आई.बी. की जमीन के घोटाले में भी केजरीवाल सरकार विशेषकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की पोल खोलने के लिए आंदोलन चलायेगी।

श्री उपाध्याय ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि एस.डी.एम. माॅडल टाउन रहते हुये डाॅ. नावलेन्द्र ने इस जमीन घोटाले की सारी पृष्ठ भूमि तैयार कर ली थी और केजरीवाल सरकार के आते ही उपमुख्यमंत्री से अपनी नजदीकी का लाभ उठाकर अपनी तैनाती पुनः उसी क्षेत्र में करवा ली। श्री सिसोदिया के विशेष अधिकारी पद पर तैनाती का उद्देश्य था बिल्डिर को यह विश्वास दिलाना कि डाॅ. नावलेन्द्र सरकार के करीबी हैं और उनसे इस अरबों रूपये की डील को किया जा सकता है।  

Comments

Popular posts from this blog

Sameer Ansari, Don of Bihar, having a Reward of Rs 50000/- Arrested in Delhi

Imposter IPS Officer Arrested; an Academic Who Became a Cheat to Realize His Dream Unfulfilled

MOST WANTED GANGSTER NAMELY GYANENDER @ GADGU REWARDEE OF RS.1 LAC ALONGWITH HIS ASSOCIATE RAJIV DAHIYA @ RAJU ARRESTED