सरकार द्वारा रिपोर्ट जनता के बीच न रखने पर भाजपा जन्तर मन्तर पर बुलायेगी "लोक विधानसभा"
दिल्ली भाजपा ने केजरीवाल सरकार को विज्ञापनों पर सी.ए.जी. रिपोर्ट जनता के बीच रखने की दी चुनौती भाजपा नेता सी.ए.जी. रिपोर्ट को लेकर आर.डब्ल्यू.ए. से साधेंगे सम्पर्क
नई दिल्ली, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने आज प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक पत्रकारवार्ता में दिल्ली सरकार को चुनौती दी कि वह विज्ञापनों पर आई सी.ए.जी. रिपोर्ट को जनता के बीच रखे। पत्रकारवार्ता में विधायक श्री ओम प्रकाश शर्मा, श्री जगदीश प्रधान, मीडिया प्रमुख श्री प्रवीण शंकर कपूर, मीडिया टीम से डाॅ. दीपिका शर्मा एवं श्री राजेश शर्मा उपस्थित थे।
श्री सतीश उपाध्याय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता विज्ञापन पर आई सी.ए.जी. रिपोर्ट को लेकर अपने क्षेत्रों की आर.डब्ल्यू.ए. के पास जायेंगे और उनके माध्यम से जनता के बीच पैसे के दुरूपयोग के इस मामले को लेकर जायेंगे। यदि केजरीवाल सरकार ने अगले 2-4 दिन में सी.ए.जी. रिपोर्ट पर विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की घोषणा नहीं की तो भारतीय जनता पार्टी जन्तर-मन्तर पर एक लोक विधानसभा का आयोजन करेगी।
श्री उपाध्याय ने कहा कि 2010 से कल के विधानसभा सत्र तक सी.ए.जी. रिपोर्ट को अपना धर्म बताने वाले, पारदर्शी सरकार के वायदे करने वाले मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया न सिर्फ सदन में सी.ए.जी. रिपोर्ट रखने से पीछे भागे पर साथ ही यह कह कर कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि श्री विजेन्द्र गुप्ता तक सी.ए.जी. रिपोर्ट कैसे पहुंची, उपमुख्यमंत्री ने अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा कि आज केजरीवाल सरकार उस जगह पहुंच गई है जहां वह सच सामने आते ही बौखला जाती है। सी.ए.जी. रिपोर्ट पर सरकार की बौखलाहट का कारण यह है कि इसके बाद जनता को साफ पता लग गया है कि केजरीवाल सरकार ने विज्ञापन का पैसा अन्य राज्यों में अपने राजनीतिक विकास पर खर्चा है।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि नियंत्रक, महालेखा परीक्षक, भारत (सी.ए.जी.) ने दिल्ली सरकार की वर्ष 2015-16 के दौरान की गई वित्तीय अनियमितताओं की अंकेक्षण रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंप दी थी परंतु उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस रिपोर्ट को जानबूझकर सदन में पेश नहीं किया और सदन में दो बार झूठ बोला कि सरकार को यह रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। सरकार विज्ञापन तथा अन्य घोटालों को जनता के सम्मुख आने नहीं देना चाहती थी, इसीलिए चर्चा से बचने के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सदन को गुमराह किया। नियमानुसार इस रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत करके उसपर चर्चा कराना सरकार के लिए अनिवार्य है।
श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार अपने घोटाले को छिपाने के लिए सीएजी रिपोर्ट सदन में पेश करने से भाग रही है लेकिन भाजपा उसे भागने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि सरकार सी.ए.जी. रिपोर्ट मुझ पर कैसे पहुंची इसकी जांच करना चाहती है तो वह यह जान ले कि कैग के मीडिया सलाहकार बीएस चैहान ने पत्रकार वार्ता करके यह बात जगजाहिर की कि सीएजी की आॅडिट रिपोर्ट 22 अगस्त 2016 को ही प्रमुख सचिव राजस्व को सौंप दी गयी है। सी.ए.जी. रिपोर्ट समाचार चैनलों ने 23 अगस्त 2016 की शाम को ही जारी करके दिल्ली सरकार द्वारा भारी वित्तीय अनियमितताएं करने की जानकारी जनता को दे दी थी। गूगल ने 23 अगस्त 2016 को शाम 07.34 बजे से ही सीएजी की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध करा दी थी।
नेता प्रतिपक्ष ने 24 अगस्त 2016 को जब विधानसभा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री से इस रिपोर्ट को सरकार को मिलने की बाबत जानकारी हाँ या ना में मांगी, तब उपमुख्यमंत्री ने सदन में झूठ बोला कि उन्हें रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। ऐसा करके उन्होंने सदन के विशेषाधिकार का हनन किया है और अपने दायित्वों का संवैधानिक निर्वहन नहीं किया है। उपमुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला सदन की विशेषाधिकार समिति के समक्ष दर्ज किया जाना चाहिए। यहां सरकार उल्टे नेता प्रतिपक्ष पर विशेषाधिकार हनन का मामला दर्ज कराने की बात कहके उनको हतोत्साहित करना चाहती है।
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