चैथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट को लेकर भाजपा पार्षदों का धरना दूसरे दिन भी जारी
नई दिल्ली, 25 जून। चैथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत करने की अपनी
मांग को लेकर भाजपा निगम पार्षदों का धरना आज दूसरे दिन भी जारी रहा।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर श्री सुभाष आर्य एवं स्थायी समिति अध्यक्ष श्री राधेश्याम शर्मा के नेतृत्व में दक्षिणी दिल्ली के निगम पार्षदों ने आज विधानसभा भवन के निकट धरना दिया।
दिल्ली भाजपा के महामंत्री एवं सांसद श्री रमेश बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार पूरी तरह से शीला दीक्षित सरकार की राह पर चल रही है और नगर निगमों को कमजोर बनाने के लिए काम करती है। इसी उद्देश्य से नगर निगमों का फंड देने में देरी की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार दिल्ली नगर निगमों की सेवाओं में तो कमियां तलाशती है और उन पर राजनीति करती है पर दिल्ली की बिजली-पानी की कमी हो या लचर अस्पताल कहीं भी सुधार का कोई ठोस कार्य नहीं करती।
धरने को सम्बोधित करते हुये महापौर श्री सुभाष आर्य ने कहा कि पिछले 15 साल में नगर निगमों के वेतन खर्च एवं विकास कार्यों पर लगने वाली लागत तीन गुना बढ़ चुके हैं पर दिल्ली सरकार से नगर निगमों को आज भी उतना ही पैसा मिलता है जितना वर्ष 2000 में मिलता था। जिसके कारण हमें आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चैथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट 2013 से लम्बित है और तीसरे वित्त आयोग की रिपोर्ट 8 वर्ष पूर्व तत्कालीन सरकार ने मंजूर कर ली थी पर नगर निगमों को आज भी दूसरे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट के आधार पर फंड दिये जा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि दिल्ली सरकार अविलम्ब नगर निगमों को तीसरे वित्त आयोग की रिपोर्ट के आधार पर फंड दें और चैथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट पर विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत करें।
श्री राधेश्याम शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार राजस्व में नगर निगमों का हिस्सा बढ़ाने के लिए हम पर मुनिसिपल सुधार करने का दबाव डालती है पर स्वयं सम्पत्ति कर का देय भुगतान वर्षों से नहीं कर रही।
मांग को लेकर भाजपा निगम पार्षदों का धरना आज दूसरे दिन भी जारी रहा।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर श्री सुभाष आर्य एवं स्थायी समिति अध्यक्ष श्री राधेश्याम शर्मा के नेतृत्व में दक्षिणी दिल्ली के निगम पार्षदों ने आज विधानसभा भवन के निकट धरना दिया।
दिल्ली भाजपा के महामंत्री एवं सांसद श्री रमेश बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार पूरी तरह से शीला दीक्षित सरकार की राह पर चल रही है और नगर निगमों को कमजोर बनाने के लिए काम करती है। इसी उद्देश्य से नगर निगमों का फंड देने में देरी की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार दिल्ली नगर निगमों की सेवाओं में तो कमियां तलाशती है और उन पर राजनीति करती है पर दिल्ली की बिजली-पानी की कमी हो या लचर अस्पताल कहीं भी सुधार का कोई ठोस कार्य नहीं करती।
धरने को सम्बोधित करते हुये महापौर श्री सुभाष आर्य ने कहा कि पिछले 15 साल में नगर निगमों के वेतन खर्च एवं विकास कार्यों पर लगने वाली लागत तीन गुना बढ़ चुके हैं पर दिल्ली सरकार से नगर निगमों को आज भी उतना ही पैसा मिलता है जितना वर्ष 2000 में मिलता था। जिसके कारण हमें आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चैथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट 2013 से लम्बित है और तीसरे वित्त आयोग की रिपोर्ट 8 वर्ष पूर्व तत्कालीन सरकार ने मंजूर कर ली थी पर नगर निगमों को आज भी दूसरे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट के आधार पर फंड दिये जा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि दिल्ली सरकार अविलम्ब नगर निगमों को तीसरे वित्त आयोग की रिपोर्ट के आधार पर फंड दें और चैथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट पर विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत करें।
श्री राधेश्याम शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार राजस्व में नगर निगमों का हिस्सा बढ़ाने के लिए हम पर मुनिसिपल सुधार करने का दबाव डालती है पर स्वयं सम्पत्ति कर का देय भुगतान वर्षों से नहीं कर रही।
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