केजरीवाल के महिमा मंडन विज्ञापन जनता के पैसे की खुली लूट के साथ-साथ माननीय उच्चतम न्यायालय का अपमान - भाजपा
नई दिल्ली, 19 जून। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश ने दिल्ली सरकार द्वारा मुख्यमंत्री को महिमा मंडित करने वाला वीडिओ विज्ञापन चलाने की निंदा की है। पार्टी ने कहा है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री के अतिरिक्त किसी भी अन्य राजनीतिक नेता के चित्र को छापने पर जो प्रतिबंध लगाया है उसका उद्देश्य सरकारी पैसे के बल पर व्यक्तिवादी प्रचार को रोकना है।
दिल्ली सरकार द्वारा जारी वीडिओ प्रचार विज्ञापन पूरी तरह उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देश की अवहेलना है। माननीय उच्चतम न्यायालय की विज्ञापनों पर रोक के पीछे असल भावना किसी व्यक्ति विशेष को रोकने की नहीं थी, असल में न्यायालय की भावना थी कि जनता का पैसा मात्र प्रचार में नहीं, विकास कार्यों में लगे।
पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री श्री आर.पी. सिंह एवं प्रदेश भाजपा के महामंत्री श्री रमेश बिधूड़ी (सांसद) ने कहा है कि विभिन्न टीवी चैनलों पर दिखाये जा रहे इस विज्ञापन वीडिओ में बेशक मुख्यमंत्री श्री बअरविन्द केजरीवाल का चेहरा न दिखाया गया हो पर जिस तरह उनका नाम बार बार एक मशीहा की तरह सुनाया गया है वह उच्चतम न्यायालय की व्यक्तिवादी राजनीति को रोकने वाली भावना पर कुठाराघात है।
सरकार द्वारा निर्मित इस विज्ञापन में जहां मुख्यमंत्री ने अपने आप को एक मशीहा की तरह दिखाया गया है वहीं अन्य दलों के नेताओं, प्रशासनिक निकायों के अधिकारियों और मीडिया सभी को एक खलनायक के रूप में प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा है कि अभी केजरीवाल सरकार को सत्ता में आये मात्र चार माह हुये हैं पर इस दौरान बजाय कोई जनहितकारी योजना लाने के बेवजह प्रचार पर सरकारी खजाने से लगभग करोड़ों रूपये के विज्ञापन ही जारी हो रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि सरकार के एक रेडियो विज्ञापन में दिल्ली सरकार स्कूल एडमिशन पर चर्चा करती सुनाई देती है। सभी को मालूम है कि नया शिक्षा सत्र अप्रैल और 11वीं क्लास के लिये जून में शुरू होता है। वर्तमान सरकार का कार्यकाल फरवरी में प्रारम्भ हो गया था पर सरकार सत्ता में आकर इस विषय पर सो गई और आज जब जनता स्कूल एडमिशनों को लेकर परेशान है तब यह भ्रमित करने वाले विज्ञापन जारी कर दिये गये हैं।
इसी तरह बिजली और पानी के मुद्दे पर की गई बड़ी बड़ी बातें सब पानी के बबूले की तरह साबित हो रही हैं। बिजली कंपनियों के खातों की जांच की बात करने वाली सरकार ने सत्ता में आते ही जनता के पैसे से सब्सीडी का खेल खेलकर निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाया।
उन्होंनेे कहा है कि इसी तरह कुछ अखबारों को भी ऐसे विज्ञापन जारी हुये हैं जिन्हें देखकर ऐसा लगता है कि यह सरकारी योजनाओं का उल्लेख न करके मुख्यमंत्री को महिमामंडित कर रहे हों। भारतीय जनता पार्टी अन्य राजनैतिक दलों एवं मीडिया को अपमानित करने वाले इस तरह के विज्ञापनों की कड़ी निंदा करती है।
हम दिल्ली सरकार से मांग करते हैं कि विपक्ष एवं मीडिया दोनों को अपमानित करने वाले इस विज्ञापन अभियान के प्रसारण को तुरन्त रोका जाये अन्यथा भाजपा इसके विरोध के साथ-साथ इस विषय को न्यायालय में ले जाने पर विचार करेगी।
दिल्ली सरकार द्वारा जारी वीडिओ प्रचार विज्ञापन पूरी तरह उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देश की अवहेलना है। माननीय उच्चतम न्यायालय की विज्ञापनों पर रोक के पीछे असल भावना किसी व्यक्ति विशेष को रोकने की नहीं थी, असल में न्यायालय की भावना थी कि जनता का पैसा मात्र प्रचार में नहीं, विकास कार्यों में लगे।
पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री श्री आर.पी. सिंह एवं प्रदेश भाजपा के महामंत्री श्री रमेश बिधूड़ी (सांसद) ने कहा है कि विभिन्न टीवी चैनलों पर दिखाये जा रहे इस विज्ञापन वीडिओ में बेशक मुख्यमंत्री श्री बअरविन्द केजरीवाल का चेहरा न दिखाया गया हो पर जिस तरह उनका नाम बार बार एक मशीहा की तरह सुनाया गया है वह उच्चतम न्यायालय की व्यक्तिवादी राजनीति को रोकने वाली भावना पर कुठाराघात है।
सरकार द्वारा निर्मित इस विज्ञापन में जहां मुख्यमंत्री ने अपने आप को एक मशीहा की तरह दिखाया गया है वहीं अन्य दलों के नेताओं, प्रशासनिक निकायों के अधिकारियों और मीडिया सभी को एक खलनायक के रूप में प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा है कि अभी केजरीवाल सरकार को सत्ता में आये मात्र चार माह हुये हैं पर इस दौरान बजाय कोई जनहितकारी योजना लाने के बेवजह प्रचार पर सरकारी खजाने से लगभग करोड़ों रूपये के विज्ञापन ही जारी हो रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि सरकार के एक रेडियो विज्ञापन में दिल्ली सरकार स्कूल एडमिशन पर चर्चा करती सुनाई देती है। सभी को मालूम है कि नया शिक्षा सत्र अप्रैल और 11वीं क्लास के लिये जून में शुरू होता है। वर्तमान सरकार का कार्यकाल फरवरी में प्रारम्भ हो गया था पर सरकार सत्ता में आकर इस विषय पर सो गई और आज जब जनता स्कूल एडमिशनों को लेकर परेशान है तब यह भ्रमित करने वाले विज्ञापन जारी कर दिये गये हैं।
इसी तरह बिजली और पानी के मुद्दे पर की गई बड़ी बड़ी बातें सब पानी के बबूले की तरह साबित हो रही हैं। बिजली कंपनियों के खातों की जांच की बात करने वाली सरकार ने सत्ता में आते ही जनता के पैसे से सब्सीडी का खेल खेलकर निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाया।
उन्होंनेे कहा है कि इसी तरह कुछ अखबारों को भी ऐसे विज्ञापन जारी हुये हैं जिन्हें देखकर ऐसा लगता है कि यह सरकारी योजनाओं का उल्लेख न करके मुख्यमंत्री को महिमामंडित कर रहे हों। भारतीय जनता पार्टी अन्य राजनैतिक दलों एवं मीडिया को अपमानित करने वाले इस तरह के विज्ञापनों की कड़ी निंदा करती है।
हम दिल्ली सरकार से मांग करते हैं कि विपक्ष एवं मीडिया दोनों को अपमानित करने वाले इस विज्ञापन अभियान के प्रसारण को तुरन्त रोका जाये अन्यथा भाजपा इसके विरोध के साथ-साथ इस विषय को न्यायालय में ले जाने पर विचार करेगी।
Comments
Post a Comment