उत्तरी दिल्ली नगर निगम पार्षदों ने विधानसभा पर धरना देकर चैथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करने की मांग उठाई
नई दिल्ली, 24 जून। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के भाजपा पार्षदों ने आज 2013 से लम्बित चैथे दिल्ली वित्त
आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत किये जाने की मांग को लेकर दिल्ली विधानसभा भवन के बाहर धरना दिया। उत्तरी दिल्ली के सैकड़ों भाजपा कार्यकत्र्ता अपने पार्षदों के साथ धरने पर बैठे है।
महापौर श्री रविन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में नेता सदन श्री योगेन्द्र चांदोलिया, उप महापौर डाॅ. नीलम गोयल एवं स्थायी समिति अध्यक्ष श्री मोहन प्रसाद भारद्वाज सहित सभी पार्षद धरने में सम्मिलित हुये।
भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं सांसद श्री रमेश बिधूड़ी एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने धरने पर बैठे कार्यकत्र्ताओं को सम्बोधित किया। विधायक श्री ओम प्रकाश शर्मा एवं श्री जगदीश प्रधान ने भी पार्षदों की मांगों का समर्थन किया।
सांसद श्री रमेश बिधूड़ी ने कहा कि भाजपा शासित नगर निगमों को जनता के बीच बदनाम करने के लिए दिल्ली सरकार नगर निगमों के फंड रोक रही है। उन्होंने दिल्ली सरकार को चेतावनी दी कि वह यह औछी राजनीति छोड़ें अन्यथा दिल्ली की जनता सही समय पर सरकार को सबक देगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को भी यह समझना होगा कि नगर निगमों से उच्च सेवाओं की उम्मीद की जाती है पर राजनीतिक द्वेष के चलते दिल्ली सरकार नगर निगमों को फेल करने के लिए उनके फंड देने में टाल मटोल करती हैं। दिल्ली सरकार की आय तो हर वर्ष बढ़ती है पर आय में से नगर निगमों को हिस्सा मिलता है वह वर्ष 2000 में मिलने वाली राशि पर ही अटका है।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायक दल ने स्पीकर को गैर सरकारी सदस्य प्रस्ताव के द्वारा चैथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखे जाने का प्रस्ताव दिया है। हम सरकार पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए पूरा दबाव डालेंगे।
महापौर श्री रविन्द्र गुप्ता ने दिल्ली नगर निगमों के फंड रोके रखने के लिए दिल्ली सरकार की कड़ी निंदा की और कहा कि स्वराज की बातें करने वाली पार्टी सत्ता में आने के बाद जिस तरह नगर निकायों का पैसा रोक रही है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हाल ही में जो निगम सेवाओं संबंधी समस्यायें हुईं उनके लिए दिल्ली सरकार दोषी है। पहले निगमों के फंड रोके गये और फिर 8 जून को निगम कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने कर्मचारियों से कहा कि 31 मई तक के वेतन तो मैं दे दूंगा और उसके बाद के लिए पीएम के घर जाओ कह कर स्थिति को जानबूझ कर बिगाड़ा।
नेता सदन श्री योगेन्द्र चांदोलिया ने कहा कि मोहल्ला सभाओं के द्वारा विकास कार्य करवाने वाले मुख्यमंत्री दिल्ली की जनता को जवाब दें कि बिना पैसे के नगर निगम किसी भी मोहल्ला सभा की प्रस्तावित विकास योनजा को कैसे करे। उन्होंने कहा कि जून का महीना समाप्त होने को है और हमें वर्तमान तिमाही का फंड जो अप्रैल, 2015 में मिलना था अभी तक नहीं मिला है। श्री चांदोलिया ने मांग की है कि दिल्ली सरकार नगर निगम को तृतीय वित्त आयोग की रिपोर्ट के आधार पर फंड दे ताकि निगम की आर्थिक स्थिति सुधरे।
स्थायी समिति अध्यक्ष श्री मोहन भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार हमारे फंड विशेषकर ग्लोबल शेयर और सरकारी सम्पत्तियों पर दिल्ली सरकार द्वारा देय सम्पत्ति कर तुरन्त चुकाये।
आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत किये जाने की मांग को लेकर दिल्ली विधानसभा भवन के बाहर धरना दिया। उत्तरी दिल्ली के सैकड़ों भाजपा कार्यकत्र्ता अपने पार्षदों के साथ धरने पर बैठे है।
महापौर श्री रविन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में नेता सदन श्री योगेन्द्र चांदोलिया, उप महापौर डाॅ. नीलम गोयल एवं स्थायी समिति अध्यक्ष श्री मोहन प्रसाद भारद्वाज सहित सभी पार्षद धरने में सम्मिलित हुये।
भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं सांसद श्री रमेश बिधूड़ी एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने धरने पर बैठे कार्यकत्र्ताओं को सम्बोधित किया। विधायक श्री ओम प्रकाश शर्मा एवं श्री जगदीश प्रधान ने भी पार्षदों की मांगों का समर्थन किया।
सांसद श्री रमेश बिधूड़ी ने कहा कि भाजपा शासित नगर निगमों को जनता के बीच बदनाम करने के लिए दिल्ली सरकार नगर निगमों के फंड रोक रही है। उन्होंने दिल्ली सरकार को चेतावनी दी कि वह यह औछी राजनीति छोड़ें अन्यथा दिल्ली की जनता सही समय पर सरकार को सबक देगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को भी यह समझना होगा कि नगर निगमों से उच्च सेवाओं की उम्मीद की जाती है पर राजनीतिक द्वेष के चलते दिल्ली सरकार नगर निगमों को फेल करने के लिए उनके फंड देने में टाल मटोल करती हैं। दिल्ली सरकार की आय तो हर वर्ष बढ़ती है पर आय में से नगर निगमों को हिस्सा मिलता है वह वर्ष 2000 में मिलने वाली राशि पर ही अटका है।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायक दल ने स्पीकर को गैर सरकारी सदस्य प्रस्ताव के द्वारा चैथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखे जाने का प्रस्ताव दिया है। हम सरकार पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए पूरा दबाव डालेंगे।
महापौर श्री रविन्द्र गुप्ता ने दिल्ली नगर निगमों के फंड रोके रखने के लिए दिल्ली सरकार की कड़ी निंदा की और कहा कि स्वराज की बातें करने वाली पार्टी सत्ता में आने के बाद जिस तरह नगर निकायों का पैसा रोक रही है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हाल ही में जो निगम सेवाओं संबंधी समस्यायें हुईं उनके लिए दिल्ली सरकार दोषी है। पहले निगमों के फंड रोके गये और फिर 8 जून को निगम कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने कर्मचारियों से कहा कि 31 मई तक के वेतन तो मैं दे दूंगा और उसके बाद के लिए पीएम के घर जाओ कह कर स्थिति को जानबूझ कर बिगाड़ा।
नेता सदन श्री योगेन्द्र चांदोलिया ने कहा कि मोहल्ला सभाओं के द्वारा विकास कार्य करवाने वाले मुख्यमंत्री दिल्ली की जनता को जवाब दें कि बिना पैसे के नगर निगम किसी भी मोहल्ला सभा की प्रस्तावित विकास योनजा को कैसे करे। उन्होंने कहा कि जून का महीना समाप्त होने को है और हमें वर्तमान तिमाही का फंड जो अप्रैल, 2015 में मिलना था अभी तक नहीं मिला है। श्री चांदोलिया ने मांग की है कि दिल्ली सरकार नगर निगम को तृतीय वित्त आयोग की रिपोर्ट के आधार पर फंड दे ताकि निगम की आर्थिक स्थिति सुधरे।
स्थायी समिति अध्यक्ष श्री मोहन भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार हमारे फंड विशेषकर ग्लोबल शेयर और सरकारी सम्पत्तियों पर दिल्ली सरकार द्वारा देय सम्पत्ति कर तुरन्त चुकाये।
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