मुख्यमंत्री तोमर कांड से षिक्षा लेते हुये दिल्ली में चल रहे फर्जी षिक्षा बोर्डों के खिलाफ कार्यवाही करें: विजेन्द्र गुप्ता
नई दिल्ली। दिल्ली विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता श्री विजेन्द्र गुप्ता ने आज मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल से मांग करी कि वे दिल्ली में चल रहे फर्जी दसवीं व बारहवीं की कक्षा पास कराने वाले बोर्डों को तुरंत चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करें । उन्होंने कहा कि ये बोर्ड बेबसाइटों के माध्यम से हजारों विद्यार्थियों को फर्जी षिक्षा व परीक्षा प्रणाली का झांसा देकर तथा फर्जी सर्टिफिकेट व मार्कषीट के माध्यम से धोखा दे रहे हैं । उन्होंने कहा कि पूर्व विधि व न्यायमंत्री श्री जीतेन्द्र सिंह तोमर के फर्जी मामले को देखते हुये ऐसे संस्थानों के विरूद्ध सख्त से सख्त करना और भी अधिक आवष्यक हो जाता है ।
श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में अनेक फर्जी बोर्ड सेन्ट्रल बोर्ड आफ एजुकेषन (सीबीएसई) के समान चिन्ह् विशय वस्तु अपनी बेबसाइट पर डालकर भोले भाले विद्यार्थियों को गुमराह कर रहे हैं । ये बोर्ड दावा करते हैं कि वे दसवीं या बारहवीं के सर्टिफिकेट प्रदान करते हैं । अनेक विद्यार्थी इनके दावों पर विष्वास करते हुये इनमें दाखिला ले लेतें हेै। और अंततः बहूमूल्य समय तथा पैसा बरबाद करने के बाद उनके हाथ फर्जी सर्टिफिकेट ही लगते हैं जिनकी कोई कीमत नहीं होती । जब तक सच्चाई उनके सामने आती है तब तक उनके जीवन से खिलवाड़ हो चुका होता है ।
विपक्ष के नेता ने बताया कि ऐसे दो बोर्ड दिल्ली बोर्ड आफ सीनियर सेकेण्डरी एजुकेषन तथा बोर्ड आफ हायर सेकेण्डरी एजुकेषन दिल्ली के नाम से चल रहे हैं । इन फर्जी बोर्डों की बेबसाइट क्रमषः ;कमसीपइवंतकण्वतहद्ध तथा ;ूूूण्इीेमण्बवण्पदद्ध हैं । इन पर दावा किया गया है कि वे भारत सरकार की राश्ट्रीय षिक्षा नीति 1986 तथा भारत सरकार के प्रोग्राम आफ एक्षन 1992 के अंतर्गत काम कर रहे हैं । इनका दावा है कि वे भारतीय षिक्षा एक्ट के तहत भारतीय षिक्षा बोर्ड की परीक्षा दिलाते हैं ।
श्री गुप्ता ने कहा कि उपरोक्त बोर्ड मार्च तथा अप्रैल में अंतिम परीक्षा तथा सितंबर और अक्टूबर में सप्लीमेंट्री परीक्षा लेने का ढोंग भी करते हैं । ये बोर्ड विद्यार्थी के प्रत्येक विशय में 33 प्रतिषत अंक आने पर उसे सफल घोशित करते हैं ।
श्री गुप्ता ने कहा कि ऐसे अनेक फर्जी बोर्ड दिल्ली में कार्यरत हैं तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को झांसा देकर धोखा दे रहे हैं । यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीषन (यूजीसी) ने अपनी बेबसाइट पर फर्जी विष्वविद्यालयों की लिस्ट डाली हुई है । परंतु दिल्ली सरकार द्वारा फर्जी बोर्डों के खिलाफ ऐसी कोई लिस्ट तैयार नहीं की गई है ।
श्री गुप्ता ने मांग करी कि दिल्ली सरकार ऐसे फर्जी बोर्डों की सूची तैयार करे और उनके खिलाफ कार्यवाही करे । वे जनता को सार्वजनिक सूचना के माध्यम से उनके फर्जी होने के प्रति चेतावनी दें ।
श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में अनेक फर्जी बोर्ड सेन्ट्रल बोर्ड आफ एजुकेषन (सीबीएसई) के समान चिन्ह् विशय वस्तु अपनी बेबसाइट पर डालकर भोले भाले विद्यार्थियों को गुमराह कर रहे हैं । ये बोर्ड दावा करते हैं कि वे दसवीं या बारहवीं के सर्टिफिकेट प्रदान करते हैं । अनेक विद्यार्थी इनके दावों पर विष्वास करते हुये इनमें दाखिला ले लेतें हेै। और अंततः बहूमूल्य समय तथा पैसा बरबाद करने के बाद उनके हाथ फर्जी सर्टिफिकेट ही लगते हैं जिनकी कोई कीमत नहीं होती । जब तक सच्चाई उनके सामने आती है तब तक उनके जीवन से खिलवाड़ हो चुका होता है ।
विपक्ष के नेता ने बताया कि ऐसे दो बोर्ड दिल्ली बोर्ड आफ सीनियर सेकेण्डरी एजुकेषन तथा बोर्ड आफ हायर सेकेण्डरी एजुकेषन दिल्ली के नाम से चल रहे हैं । इन फर्जी बोर्डों की बेबसाइट क्रमषः ;कमसीपइवंतकण्वतहद्ध तथा ;ूूूण्इीेमण्बवण्पदद्ध हैं । इन पर दावा किया गया है कि वे भारत सरकार की राश्ट्रीय षिक्षा नीति 1986 तथा भारत सरकार के प्रोग्राम आफ एक्षन 1992 के अंतर्गत काम कर रहे हैं । इनका दावा है कि वे भारतीय षिक्षा एक्ट के तहत भारतीय षिक्षा बोर्ड की परीक्षा दिलाते हैं ।
श्री गुप्ता ने कहा कि उपरोक्त बोर्ड मार्च तथा अप्रैल में अंतिम परीक्षा तथा सितंबर और अक्टूबर में सप्लीमेंट्री परीक्षा लेने का ढोंग भी करते हैं । ये बोर्ड विद्यार्थी के प्रत्येक विशय में 33 प्रतिषत अंक आने पर उसे सफल घोशित करते हैं ।
श्री गुप्ता ने कहा कि ऐसे अनेक फर्जी बोर्ड दिल्ली में कार्यरत हैं तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को झांसा देकर धोखा दे रहे हैं । यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीषन (यूजीसी) ने अपनी बेबसाइट पर फर्जी विष्वविद्यालयों की लिस्ट डाली हुई है । परंतु दिल्ली सरकार द्वारा फर्जी बोर्डों के खिलाफ ऐसी कोई लिस्ट तैयार नहीं की गई है ।
श्री गुप्ता ने मांग करी कि दिल्ली सरकार ऐसे फर्जी बोर्डों की सूची तैयार करे और उनके खिलाफ कार्यवाही करे । वे जनता को सार्वजनिक सूचना के माध्यम से उनके फर्जी होने के प्रति चेतावनी दें ।
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