केजरीवाल सरकार को उसकी असफलताओं के लिए विधान सभा में घेरा जाएगा : भाजपा
नयी दिल्ली, 22 जून। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने जानकारी दी कि आज विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी विधायकों की बैठक में निर्णय लिया गया कि कल से प्रारंभ होने वाले विधान सभा सत्र में केजरीवाल सरकार को उसकी असफलताओं, निश्क्रियता तथा व्यर्थ के विशयों में उपराज्यपाल से उलझकर सरकारी तंत्र को नाकाम कर देने को लेकर घेरा जाएगा । बैठक में विधायकों ने कहा कि आप सरकार को अब सत्ता में आये 130 दिन से भी अधिक हो गये हैं परंतु विकास सम्बंधी कार्यों जैसे अस्पतालों में सुविधाओं के विकास, कालेजों व विद्यालयों के विस्तार, नई सड़कों के निर्माण को प्रारंभ करने जैसे मूलभूत दायित्वों के निर्वहन की दिषा में सरकार ने अभी तक खाता तक नहीं खोला है ।
श्री गुप्ता ने कहा कि विकास के मोर्चों पर अभी तक जीरो बेलेंस होने के अतिरिक्त पूरा सरकारी तंत्र जिस मंत्री को बचाने में जी जान से लगा रहा, अब वे तिहाड़ जेल की हवा खा रहे हैं । ऐसी सरकार का सत्ता में बने रहने का क्या नैतिक औचित्य है । आप कार्यकर्ताओं ने भी सड़क पर उतरकर भाजपा को कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ी । अब सारा मामला उजागर हो जाने के बाद सरकार और आम आदमी पार्टी मुॅंह छुपाती फिर रही है ।
विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि सरकार बिजली कंपनियों को काबू करने में बिल्कुल नाकाम रही है । दिल्ली में बिजली कंपनियों की मनमानी की वजह से सप्लाई में घंटों कटौती हो रही है । केजरीवाल सरकार ने कहा था कि वे बिजली के दाम नहीं बढ़ने देगी परंतु इस सरकारी घोशणा की उस समय धज्जियां उड़ गईं जब गत सप्ताह एनडीपीएल ने 4 फीसद व बीएसईएस ने 6 प्रतिषत दाम बढ़ाने की घोशणा कर दी । इतना ही नहीं अब पुनः जुलाई से बिजली के दाम बढ़ाये जाने की बात चल रही है ।
दिल्ली सरकार पूर्वी, उत्तरी तथा दक्षिणी नगर निगमों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने में पूरी तरह नाकाम रही है और इसके कारण दिल्लीवासियों को सफाई व्यवस्था को लेकर जिन कठिनाईयों का सामना करना पड़े दिल्ली के इतिहास में अद्वितीय है । नगर निगमों में आर्थिक सीमायें रही हैं परंतु वित्तीय सहयोग के माध्यम से उनका कुषल संचालन सुनिष्चित करना भी सरकार का नैतिक तथा कानूनी दायित्व है । केजरीवाल सरकार इस मोर्चे पर बिल्कुल नाकाम रही है ।
केजरीवाल सरकार चैथे वित्त आयोग से होने वाले लाभों से दिल्लीवासियों को वंचित रखना चाहती है । इसलिए वे इसको लागू न करने के बहाने ढॅंूढ रही है । हम सरकार पर दबाव डाल रहे हैं कि वे इसे सदन के पटल पर ही न लेकर आये अपितु सिफारिषों के क्रियान्वयन के लिए दिल से काम करें ।
सरकार ने राजीव रत्न योजना के अंतर्गत लगभग 14 हजार मकान निर्मित किए हैं जो आवंटन के लिये तैयार हैं । कई हजार आवंटियों से धनराषि भी प्राप्त कर ली गई है । परंतु अभी तक आवंटन नहीं किया गया है । जहां एक ओर ये मकान जर्जर हो रहे हैं दूसरी ओर कमजोर वर्गों के हजारों नागरिक अपनी छत से वंचित हैं । इसी प्रकार डीडीए द्वारा 2500 करोड़ रू. की लागत से निर्मित किये जाने वाले 10000 फ्लेटों का निर्माण कार्य प्र्यावरण विभाग हरी झंडी न दिखाई जाने के कारण रूका पड़ा है ।
आम आदमी पार्टी ने अपने घोशणाप़त्र में 70 पाइंट एक्षन प्लान बनाया था जिसमें नं. 1 पर था दिल्ली जन लोकपाल बिल। इसमें कहा गया था कि सत्ता में आने पर आम आदमी पार्टी दिल्ली जन लोकपाल बिल लेकर आयेगी ताकि भ्रश्टाचार पर समयबद्ध तरीके जांच सुनिष्चित हो सके । सत्ता में आने पर लगभग 4 महीने बीत जाने पर भी केजरीवाल सरकार ने दिल्ली जन लोकपाल बिल की सुध तक नहीं ली है । इस घोशणापत्र के दूसरा पाइंट था स्वराज्य बिल । इसमें कहा गया था कि जनता को सीधे सषक्त बनाने हेतु स्वराज्य अधिनियम लाया जायेगा । परंतु सरकार ने इसकी आज सुध नहीं ली है ।
मीडिया पर जो पाबंदियां लगाई गईं थी उस दिल्ली उच्च न्यायालय ने जो आदेष दिये उससे केजरीवाल सरकार की मंषाओं का पता लगता है । मीडिया का अनादर करने में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है । आज भी मीडियाकर्मियों के प्रवेष तरह तरह की पाबंदियां लगी हैं ।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विरूद्ध केजरीवाल सरकार अपना महिमामंडन करने के लिये टेलीविजन पर विज्ञापन दे रही है । इसमें केजरीवाल अवतार के रूप में प्रस्तुत किया गया है और उनका 13 बार नाम लिया गया है ।
श्री गुप्ता ने कहा कि हम उपरोक्त सभी विशयों को पुरजोर तरीके से विधानसभा में उठायेंगे। यदि सरकार ने विपक्ष की आवाज को दबाने की कुचेश्ठा करी तो हम लोकतांत्रिक तरीके उसका कड़ा जवाब देंगे।
विपक्ष के नेता ने कहा कि नागरिकों की ज्वलंत समस्याओं को उठाने के लिए विपक्ष जनहित के 27 मुद्दों पर चर्चा हेतु विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस दिये है । इसके साथ ही साथ 6 विशयों पर गैर सरकारी सदस्यों के प्रस्ताव के नियम के अंतर्गत संकल्प (प्राइवेट मेम्बर रिजाॅल्यूषन) के भी नोटिस दिये हैं तथा नियमानुसार जितने प्रष्न भाजपा के विधायक लगा सकते थे उनको भी लगाया गया है । सरकार की कार्यषैली से जुड़ी तथा जनहित की अनेक समस्याओं को सदन में तथा सदन के बाहर भी विभिन्न नियमों के अंतर्गत उठाया जायेगा ।
विपक्ष ने विधान सभा में जिन विशयों को उठाने के लिये नोटिस दिया है वे सरकार की नीतियों क्रियाकलापों तथा नागरिकों की रोजमर्रा की समस्याओं से संबंधित हैं । हम निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा चाहते हैंः-
1. दिल्ली में परिवहन विभाग की बसों में महिला सुरक्षा हेतु गार्डों की तैनाती न होना ।
2. सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त डाक्टर व कर्मचारी न होने व मरीजों को दवाई उपलब्ध न होने से उत्पन्न स्थिति ।
3. दिल्ली के लोक निर्माण विभाग के अधीन सड़कों की दुदर्षा ।
4. दिल्ली में मुफ्त वाई-फाई प्रदान करने के वादे से मुकरने से उत्पन्न स्थिति ।
5. दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली नगर निगमों के साथ असहयोग की भावना से उत्पन्न स्थिति ।
6. दिल्ली सरकार द्वारा भ्रश्टाचार रोकने के नाम पर स्वयं के प्रचार पर सरकारी खजाने के दुरूपयोग।
7. 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाने से उत्पन्न हुई स्थिति।
8. वृद्ध लोगों को पेंषन न मिलने के कारण उत्पन्न हुई स्थिति।
9. दिल्ली के षहरीकृत गांवों में चैपालों के निर्माण तथा रख-रखाव पर प्रतिबंध लगाने पर उत्पन्न हुई स्थिति।
10. यमुना को प्रदूशण मुक्त और इसकी सफाई पर कोई भी ध्यान न दिए जाने के कारण उत्पन्न हुई स्थिति ।
11. दिल्ली में बिजली के दामों में मनमाने तरीको से हुई भारी बढ़ोत्तरी ।
12. दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों की बदहाली और वहाॅं के लोगों के द्वारा नारकीय जीवन जीने को मजबूर होने से उत्पन्न स्थिति।
13. दिल्ली के स्कूलों में बदहाली से उत्पन्न हुई स्थिति ।
14. तिहाड़ जेल में फैल रही अराजकता और हो रही हत्याओं पर उत्पन्न हुई स्थिति ।
15. व्ृाद्ध आश्रमों पर ध्यान न देने के कारण हुई लगभग 35 गंभीर मौतों से उत्पन्न हुई स्थिति ।
16. श्री तोमर के फर्जीवाड़े की डिग्रियाॅं की खुली पोल और उनकी विधानसभा की सदस्यता भंग करने स्थिति।
17. दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति न होने पर उत्पन्न स्थिति।
18. दिल्ली के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के ऊपर लगे भ्रश्टाचारों के आरोपो पर उत्पन्न हुई स्थिति ।
19. दिल्ली सरकार के द्वारा दिल्ली के उप-राज्यपाल के साथ टकराव की उत्पन्न स्थिति ।
20. दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों की दुर्दषा और इससे हताष उद्यमियों की स्थिति ।
21. संविदा एवं अस्थाई तौर पर रखे गए कर्मचारी को स्थाई करने के संबंध में उत्पन्न हुई स्थिति ।
22. दिल्ली में पैट्ोल और डीजल की गाडि़ंयों की आयु में यकायक बदलाव और बेतहाषा बढ़ रहे दामों पर उत्पन्न हुई स्थिति ।
23. दिल्ली की बहुत बड़ी आबादी को पीने योग्य पानी की अनुपलब्धता एवं जो पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, उसका दूशित होने से उत्पन्न हुई स्थिति ।
24. दिल्ली में सभी चीजों खासकर दालों की कीमतों में हुई गुणात्मक बढ़ोत्तरी से उत्पन्न हुई स्थिति।
25. दिल्ली में बिजली-पानी के लिए हाहाकार इसके बावजूद सरकार बेखबर होने से उत्पन्न स्थिति ।
26. दिल्ली सरकार की अदूरदर्षी परिवहन नीति के कारण ट्रेफिक जाम से उत्पन्न स्थिति ।
27. दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूशण से उत्पन्न स्थिति ।
श्री गुप्ता ने कहा कि हम निम्नलिखित 6 विशयों पर गैर सरकारी सदस्यों के प्रस्ताव के नियम के अंतर्गत संकल्प (प्राइवेट मेम्बर रिजाॅल्यूषन) लायेंगे:-
1. यह सदन संकल्प करता है कि अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने की दिषा में वहां पर मूलभूत सुविधाओं को तुरंत प्रदान किया जाये ।
2. यह सदन संकल्प करता है कि हाल ही में बढ़ाये गये बिजली के दामों को वापिस लिया जाये ।
3. यह सदन संकल्प करता है कि प्रधान सचिव श्री राजेन्द्र कुमार पर लगे भ्रश्टाचार के आरोपों की जाॅंच पूरी होने तक उन्हें निलंबित रखा जाये ।
4. यह सदन संकल्प करता है कि दिल्ली में रिक्त पड़े लोकायुक्त के पद पर तुरंत नियुक्ति की जाये।
5. यह सदन संकल्प करता है कि दिल्ली विधान सभा के सभी 70 विधायकों की डिग्रियों की जाॅंच की जाये।
6. यह सदन संकल्प करता है कि श्री जीतेन्द्र सिंह तोमर की विधानसभा सदस्यता को तुरंत रद्द किया जाये ।
विपक्ष के नेता ने कहा कि वे अन्य विशय भी सदन में उठाने के लिय दृढसंकल्पित हैं । इनमें कुछ मुख्य विशय हैं
1. राजघाट डिपो के 20 चालकों का निलम्बन,
2. किसान गजेन्द्र चैहान की तथाकथित आत्महत्या,
3. बेमौसम बारिष तथा ओलों से हुये नुकसान के लिए किसानों का मुआवजा,
4. दिल्ली में यमुना के खतरनाक क्षेत्र में खेती पर राश्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा लगाई गई रोक,
5. बढ़ती मंहगाई,
6. राजीव रत्न आवास योजना के अंतर्गत फ्लेटस बनाने की योजना,
7. चार विद्युत सब स्टेषनों के लिए भूमि की अनुपलब्धता,
8. पब्लिक स्कूलों में धांधली,
9. डीडीए द्वारा 2500 हजार करोड़ की लागत से 10 हजार से अधिक मकानों को प्र्यावरण विभाग द्वारा हरी झंडी न दिखाना
10. वृद्ध पेंषन धारियों को होने वाली कठिनाई,
11. झुग्गीवासियों को पुर्नवासित करने की योजना, अनधिकृत कालोनियों में विकास के लिये निश्क्रियता
श्री गुप्ता ने आष्वासन दिया कि वे दिल्ली के कोटि कोटि नागरिकों की बेहतरी के प्रति समर्पित हैं और वे केजरीवाल सरकार को विपक्ष के रूप में रचनात्मक सहयोग देने के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहेंगे ।
श्री गुप्ता ने कहा कि विकास के मोर्चों पर अभी तक जीरो बेलेंस होने के अतिरिक्त पूरा सरकारी तंत्र जिस मंत्री को बचाने में जी जान से लगा रहा, अब वे तिहाड़ जेल की हवा खा रहे हैं । ऐसी सरकार का सत्ता में बने रहने का क्या नैतिक औचित्य है । आप कार्यकर्ताओं ने भी सड़क पर उतरकर भाजपा को कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ी । अब सारा मामला उजागर हो जाने के बाद सरकार और आम आदमी पार्टी मुॅंह छुपाती फिर रही है ।
विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि सरकार बिजली कंपनियों को काबू करने में बिल्कुल नाकाम रही है । दिल्ली में बिजली कंपनियों की मनमानी की वजह से सप्लाई में घंटों कटौती हो रही है । केजरीवाल सरकार ने कहा था कि वे बिजली के दाम नहीं बढ़ने देगी परंतु इस सरकारी घोशणा की उस समय धज्जियां उड़ गईं जब गत सप्ताह एनडीपीएल ने 4 फीसद व बीएसईएस ने 6 प्रतिषत दाम बढ़ाने की घोशणा कर दी । इतना ही नहीं अब पुनः जुलाई से बिजली के दाम बढ़ाये जाने की बात चल रही है ।
दिल्ली सरकार पूर्वी, उत्तरी तथा दक्षिणी नगर निगमों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने में पूरी तरह नाकाम रही है और इसके कारण दिल्लीवासियों को सफाई व्यवस्था को लेकर जिन कठिनाईयों का सामना करना पड़े दिल्ली के इतिहास में अद्वितीय है । नगर निगमों में आर्थिक सीमायें रही हैं परंतु वित्तीय सहयोग के माध्यम से उनका कुषल संचालन सुनिष्चित करना भी सरकार का नैतिक तथा कानूनी दायित्व है । केजरीवाल सरकार इस मोर्चे पर बिल्कुल नाकाम रही है ।
केजरीवाल सरकार चैथे वित्त आयोग से होने वाले लाभों से दिल्लीवासियों को वंचित रखना चाहती है । इसलिए वे इसको लागू न करने के बहाने ढॅंूढ रही है । हम सरकार पर दबाव डाल रहे हैं कि वे इसे सदन के पटल पर ही न लेकर आये अपितु सिफारिषों के क्रियान्वयन के लिए दिल से काम करें ।
सरकार ने राजीव रत्न योजना के अंतर्गत लगभग 14 हजार मकान निर्मित किए हैं जो आवंटन के लिये तैयार हैं । कई हजार आवंटियों से धनराषि भी प्राप्त कर ली गई है । परंतु अभी तक आवंटन नहीं किया गया है । जहां एक ओर ये मकान जर्जर हो रहे हैं दूसरी ओर कमजोर वर्गों के हजारों नागरिक अपनी छत से वंचित हैं । इसी प्रकार डीडीए द्वारा 2500 करोड़ रू. की लागत से निर्मित किये जाने वाले 10000 फ्लेटों का निर्माण कार्य प्र्यावरण विभाग हरी झंडी न दिखाई जाने के कारण रूका पड़ा है ।
आम आदमी पार्टी ने अपने घोशणाप़त्र में 70 पाइंट एक्षन प्लान बनाया था जिसमें नं. 1 पर था दिल्ली जन लोकपाल बिल। इसमें कहा गया था कि सत्ता में आने पर आम आदमी पार्टी दिल्ली जन लोकपाल बिल लेकर आयेगी ताकि भ्रश्टाचार पर समयबद्ध तरीके जांच सुनिष्चित हो सके । सत्ता में आने पर लगभग 4 महीने बीत जाने पर भी केजरीवाल सरकार ने दिल्ली जन लोकपाल बिल की सुध तक नहीं ली है । इस घोशणापत्र के दूसरा पाइंट था स्वराज्य बिल । इसमें कहा गया था कि जनता को सीधे सषक्त बनाने हेतु स्वराज्य अधिनियम लाया जायेगा । परंतु सरकार ने इसकी आज सुध नहीं ली है ।
मीडिया पर जो पाबंदियां लगाई गईं थी उस दिल्ली उच्च न्यायालय ने जो आदेष दिये उससे केजरीवाल सरकार की मंषाओं का पता लगता है । मीडिया का अनादर करने में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है । आज भी मीडियाकर्मियों के प्रवेष तरह तरह की पाबंदियां लगी हैं ।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विरूद्ध केजरीवाल सरकार अपना महिमामंडन करने के लिये टेलीविजन पर विज्ञापन दे रही है । इसमें केजरीवाल अवतार के रूप में प्रस्तुत किया गया है और उनका 13 बार नाम लिया गया है ।
श्री गुप्ता ने कहा कि हम उपरोक्त सभी विशयों को पुरजोर तरीके से विधानसभा में उठायेंगे। यदि सरकार ने विपक्ष की आवाज को दबाने की कुचेश्ठा करी तो हम लोकतांत्रिक तरीके उसका कड़ा जवाब देंगे।
विपक्ष के नेता ने कहा कि नागरिकों की ज्वलंत समस्याओं को उठाने के लिए विपक्ष जनहित के 27 मुद्दों पर चर्चा हेतु विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस दिये है । इसके साथ ही साथ 6 विशयों पर गैर सरकारी सदस्यों के प्रस्ताव के नियम के अंतर्गत संकल्प (प्राइवेट मेम्बर रिजाॅल्यूषन) के भी नोटिस दिये हैं तथा नियमानुसार जितने प्रष्न भाजपा के विधायक लगा सकते थे उनको भी लगाया गया है । सरकार की कार्यषैली से जुड़ी तथा जनहित की अनेक समस्याओं को सदन में तथा सदन के बाहर भी विभिन्न नियमों के अंतर्गत उठाया जायेगा ।
विपक्ष ने विधान सभा में जिन विशयों को उठाने के लिये नोटिस दिया है वे सरकार की नीतियों क्रियाकलापों तथा नागरिकों की रोजमर्रा की समस्याओं से संबंधित हैं । हम निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा चाहते हैंः-
1. दिल्ली में परिवहन विभाग की बसों में महिला सुरक्षा हेतु गार्डों की तैनाती न होना ।
2. सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त डाक्टर व कर्मचारी न होने व मरीजों को दवाई उपलब्ध न होने से उत्पन्न स्थिति ।
3. दिल्ली के लोक निर्माण विभाग के अधीन सड़कों की दुदर्षा ।
4. दिल्ली में मुफ्त वाई-फाई प्रदान करने के वादे से मुकरने से उत्पन्न स्थिति ।
5. दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली नगर निगमों के साथ असहयोग की भावना से उत्पन्न स्थिति ।
6. दिल्ली सरकार द्वारा भ्रश्टाचार रोकने के नाम पर स्वयं के प्रचार पर सरकारी खजाने के दुरूपयोग।
7. 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाने से उत्पन्न हुई स्थिति।
8. वृद्ध लोगों को पेंषन न मिलने के कारण उत्पन्न हुई स्थिति।
9. दिल्ली के षहरीकृत गांवों में चैपालों के निर्माण तथा रख-रखाव पर प्रतिबंध लगाने पर उत्पन्न हुई स्थिति।
10. यमुना को प्रदूशण मुक्त और इसकी सफाई पर कोई भी ध्यान न दिए जाने के कारण उत्पन्न हुई स्थिति ।
11. दिल्ली में बिजली के दामों में मनमाने तरीको से हुई भारी बढ़ोत्तरी ।
12. दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों की बदहाली और वहाॅं के लोगों के द्वारा नारकीय जीवन जीने को मजबूर होने से उत्पन्न स्थिति।
13. दिल्ली के स्कूलों में बदहाली से उत्पन्न हुई स्थिति ।
14. तिहाड़ जेल में फैल रही अराजकता और हो रही हत्याओं पर उत्पन्न हुई स्थिति ।
15. व्ृाद्ध आश्रमों पर ध्यान न देने के कारण हुई लगभग 35 गंभीर मौतों से उत्पन्न हुई स्थिति ।
16. श्री तोमर के फर्जीवाड़े की डिग्रियाॅं की खुली पोल और उनकी विधानसभा की सदस्यता भंग करने स्थिति।
17. दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति न होने पर उत्पन्न स्थिति।
18. दिल्ली के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के ऊपर लगे भ्रश्टाचारों के आरोपो पर उत्पन्न हुई स्थिति ।
19. दिल्ली सरकार के द्वारा दिल्ली के उप-राज्यपाल के साथ टकराव की उत्पन्न स्थिति ।
20. दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों की दुर्दषा और इससे हताष उद्यमियों की स्थिति ।
21. संविदा एवं अस्थाई तौर पर रखे गए कर्मचारी को स्थाई करने के संबंध में उत्पन्न हुई स्थिति ।
22. दिल्ली में पैट्ोल और डीजल की गाडि़ंयों की आयु में यकायक बदलाव और बेतहाषा बढ़ रहे दामों पर उत्पन्न हुई स्थिति ।
23. दिल्ली की बहुत बड़ी आबादी को पीने योग्य पानी की अनुपलब्धता एवं जो पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, उसका दूशित होने से उत्पन्न हुई स्थिति ।
24. दिल्ली में सभी चीजों खासकर दालों की कीमतों में हुई गुणात्मक बढ़ोत्तरी से उत्पन्न हुई स्थिति।
25. दिल्ली में बिजली-पानी के लिए हाहाकार इसके बावजूद सरकार बेखबर होने से उत्पन्न स्थिति ।
26. दिल्ली सरकार की अदूरदर्षी परिवहन नीति के कारण ट्रेफिक जाम से उत्पन्न स्थिति ।
27. दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूशण से उत्पन्न स्थिति ।
श्री गुप्ता ने कहा कि हम निम्नलिखित 6 विशयों पर गैर सरकारी सदस्यों के प्रस्ताव के नियम के अंतर्गत संकल्प (प्राइवेट मेम्बर रिजाॅल्यूषन) लायेंगे:-
1. यह सदन संकल्प करता है कि अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने की दिषा में वहां पर मूलभूत सुविधाओं को तुरंत प्रदान किया जाये ।
2. यह सदन संकल्प करता है कि हाल ही में बढ़ाये गये बिजली के दामों को वापिस लिया जाये ।
3. यह सदन संकल्प करता है कि प्रधान सचिव श्री राजेन्द्र कुमार पर लगे भ्रश्टाचार के आरोपों की जाॅंच पूरी होने तक उन्हें निलंबित रखा जाये ।
4. यह सदन संकल्प करता है कि दिल्ली में रिक्त पड़े लोकायुक्त के पद पर तुरंत नियुक्ति की जाये।
5. यह सदन संकल्प करता है कि दिल्ली विधान सभा के सभी 70 विधायकों की डिग्रियों की जाॅंच की जाये।
6. यह सदन संकल्प करता है कि श्री जीतेन्द्र सिंह तोमर की विधानसभा सदस्यता को तुरंत रद्द किया जाये ।
विपक्ष के नेता ने कहा कि वे अन्य विशय भी सदन में उठाने के लिय दृढसंकल्पित हैं । इनमें कुछ मुख्य विशय हैं
1. राजघाट डिपो के 20 चालकों का निलम्बन,
2. किसान गजेन्द्र चैहान की तथाकथित आत्महत्या,
3. बेमौसम बारिष तथा ओलों से हुये नुकसान के लिए किसानों का मुआवजा,
4. दिल्ली में यमुना के खतरनाक क्षेत्र में खेती पर राश्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा लगाई गई रोक,
5. बढ़ती मंहगाई,
6. राजीव रत्न आवास योजना के अंतर्गत फ्लेटस बनाने की योजना,
7. चार विद्युत सब स्टेषनों के लिए भूमि की अनुपलब्धता,
8. पब्लिक स्कूलों में धांधली,
9. डीडीए द्वारा 2500 हजार करोड़ की लागत से 10 हजार से अधिक मकानों को प्र्यावरण विभाग द्वारा हरी झंडी न दिखाना
10. वृद्ध पेंषन धारियों को होने वाली कठिनाई,
11. झुग्गीवासियों को पुर्नवासित करने की योजना, अनधिकृत कालोनियों में विकास के लिये निश्क्रियता
श्री गुप्ता ने आष्वासन दिया कि वे दिल्ली के कोटि कोटि नागरिकों की बेहतरी के प्रति समर्पित हैं और वे केजरीवाल सरकार को विपक्ष के रूप में रचनात्मक सहयोग देने के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहेंगे ।
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