दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनके सचिव की अराजकता के चलते दिल्ली में विकास एवं अन्य प्रशासनिक कार्य स्थिर पड़ गये हैं
दिल्ली भाजपा आरटीआई के माध्यम से विधायकों के भ्रष्टाचार की आ रही खबरों की जांच के बाद दायर कर सकती है पुलिस एफआईआर
एक ताजा आरटीआई खुलासे जिसमें पहले से कुचर्चित विधायिका सुश्री राखी बिड़लान द्वारा 15,000 की सोलर स्ट्रीट लाइट एक लाख रूपये में और 10,000 में लगने वाले सीसीटीवी यूनिट को ़6 लाख रूपये में मंगोलपुरी विधानसभा क्षेत्र में लगावाने का मामला सामने आया है की ओर इशारा करते हुये श्री सतीश उपाध्याय ने कहा कि यह तो सिर्फ एक मामला है। हमारी जानकारी में आया है कि एक पूर्व मंत्री सहित लगभग 6 अन्य विधायकों के क्षेत्रों में भी इसी तरह की हेराफेरी अप्रैल-मई में की गई हैं और लोकायुक्त न होने के चलते हम शीघ्र इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस में दर्ज कराने पर विचार कर रहे हैं।
श्री सतीश उपाध्याय ने कहा है कि इसी तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल और उनके सचिव श्री राजेन्द्र कुमार की अराजकता के चलते दिल्ली में विकास एवं अन्य प्रशासनिक कार्य स्थिर पड़ गये हैं क्योंकि सशंकित अधिकारियों ने सरकारी फाइलों पर कुछ भी लिखना बंद कर दिया है।
विगत चार महीनों से श्री केजरीवाल के व्यवहार के चलते अधिकारी न तो किसी मामले की सिफारिश करते हैं और न ही किसी के विरूद्ध किसी फाइल पर कुछ लिखते हैं और अब मुख्यमंत्री कार्यालय में फाइलों का अम्बार इकट्ठा होता जा रहा है। स्थिति इतनी खराब है कि मंत्री तक फाइल पर कुछ लिखने से बचते हैं।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई है क्योंकि मुख्यमंत्री गोपनीयता के नियमों को तोड़कर अक्सर अधिकारियों की फाइल नोटिंगों को सार्वजनिक कर के अधिकारियों के लिए असहज स्थितियां उत्पन्न कर देते हैं।
श्री उपाध्याय ने कहा कि स्वयं स्थिति खराब करके अब मुख्यमंत्री ने मई अंत में एक परिपत्र सभी विभागीय अध्यक्षों को जारी कर उनको अक्षम घोषित करते हुये चेतावनी दी है कि या तो कार्य करो या हम आप पर कार्रवाई करेंगे।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया सर्विसिज (सेवा) विभाग के मंत्री हैं पर इस विभाग में चलती सचिव श्री राजेन्द्र कुमार की है क्योंकि वह मुख्यमंत्री के भी सचिव हैं और सारी सरकार पर काबिज हैं। 1993 से अब तक दिल्ली में 6 सरकारें बनी हैं पर यह पहली बार है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का सचिव सर्विसिज विभाग का भी सचिव है। शायद यह केजरीवाल साहब का अधिकारियों एवं मंत्रियों दोनों पर अपनी निगाह रखने का तरीका है।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि बेहतर हो कि अधिकारियों को अक्षम कहने की बजाये श्री केजरीवाल एवं श्री राजेन्द्र कुमार उन्हें सम्मान के साथ काम करने का मौका दें। सरकारी अधिकारियों एवं मंत्रियों के काम करने के लिए स्वस्थ्य वातावरण बनाने की जिम्मेवारी मुख्यमंत्री की होती है।
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