दिल्ली बजट “आप“ विधायकों के भ्रष्टाचार और अराजकता से नष्ट हो रही सरकार की छवि को बचाने का एक छलावा - सतीश उपाध्याय
नई दिल्ली, 25 जून। भाजपा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने दिल्ली सरकार के बजट को नौटंकी करार देते हुए इसे “आप“ पार्टी के चुनावी भाषणों की निरंतरता बताया।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि आम आदमी पार्टी हमेशा कहती थी कि वह मोहल्ला सभा से प्राप्त सुझावों के आधार पर अपना बजट बनाएगी। परन्तु जब कथनी को करनी में लागू करने का समय आया तो दिल्ली सरकार ने स्वराज निधि में मात्र 253 करोड़ रूपए आवंटित किए जो कि बजट का केवल 0.65 प्रतिशत है।
फ्री वाई-फाई के लिए केवल 50 करोड़ रूपए का प्रावधान करके सरकार ने दिल्ली के युवाओं के साथ भी धोखा किया है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि कैसे 50 करोड़ रूपए में सरकार सभी स्कूलों, काॅलेजों और समस्त ग्रामीण क्षेत्र में वाई-फाई सुविधा मुहैय्या कराएगी।
बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 9,000 करोड़ रूपए का प्रावधान भी एक ढोंग प्रतीत होता है। आवंटित बजट का अधिकांश हिस्सा नए भवन बनाने व अध्यापकों की कमी को दूर करने में ही खप जाएगा तो फिर शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कम्प्युटर और कौशल गतिविधियों के लिए आवश्यक तंत्र कहां से उपलब्ध कराया जाएगा।
स्वास्थ्य बजट भी भ्रामक है। दिल्ली सरकार ने अगले 30 दिनों में 10,000 नए बेड उपलब्ध कराने का दावा किया है। इसका अर्थ है कि हर माह एक नया अस्पताल जबकि बजट में एक भी नए बड़े अस्पताल का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली सरकार का यह बजट केवल एक राजनीतिक वक्तव्य है और हाल के विज्ञापन अभियान की ही तरह यह बजट भी सत्ताधारी पार्टी के विधायकों के भ्रष्टाचार और अराजकतावाद से जनता का ध्यान हटाकर केजरीवाल सरकार का चेहरा चमकाने का असफल प्रयास है।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि आम आदमी पार्टी हमेशा कहती थी कि वह मोहल्ला सभा से प्राप्त सुझावों के आधार पर अपना बजट बनाएगी। परन्तु जब कथनी को करनी में लागू करने का समय आया तो दिल्ली सरकार ने स्वराज निधि में मात्र 253 करोड़ रूपए आवंटित किए जो कि बजट का केवल 0.65 प्रतिशत है।
फ्री वाई-फाई के लिए केवल 50 करोड़ रूपए का प्रावधान करके सरकार ने दिल्ली के युवाओं के साथ भी धोखा किया है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि कैसे 50 करोड़ रूपए में सरकार सभी स्कूलों, काॅलेजों और समस्त ग्रामीण क्षेत्र में वाई-फाई सुविधा मुहैय्या कराएगी।
बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 9,000 करोड़ रूपए का प्रावधान भी एक ढोंग प्रतीत होता है। आवंटित बजट का अधिकांश हिस्सा नए भवन बनाने व अध्यापकों की कमी को दूर करने में ही खप जाएगा तो फिर शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कम्प्युटर और कौशल गतिविधियों के लिए आवश्यक तंत्र कहां से उपलब्ध कराया जाएगा।
स्वास्थ्य बजट भी भ्रामक है। दिल्ली सरकार ने अगले 30 दिनों में 10,000 नए बेड उपलब्ध कराने का दावा किया है। इसका अर्थ है कि हर माह एक नया अस्पताल जबकि बजट में एक भी नए बड़े अस्पताल का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली सरकार का यह बजट केवल एक राजनीतिक वक्तव्य है और हाल के विज्ञापन अभियान की ही तरह यह बजट भी सत्ताधारी पार्टी के विधायकों के भ्रष्टाचार और अराजकतावाद से जनता का ध्यान हटाकर केजरीवाल सरकार का चेहरा चमकाने का असफल प्रयास है।
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