दिल्ली भाजपा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 49वीं पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की

पंडित दीनदयाल जी को सच्ची श्रद्धांजलि है कि हम सब उनकेएकात्म मानववाद दर्शन का 
लाभ समाज के हर वर्ग तक, हर व्यक्ति तक पहुंचायेंगे-मनोज तिवारी



नई दिल्ली, 11 फरवरी।  दिल्ली भाजपा ने आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 49वीं पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।  पंडित दीनदयाल स्मृति वन में आयोजित एक कार्यक्रम में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद प्रमुख वक्ताओं प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी, राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री श्री महेन्द्र पाण्डेय, प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सिद्धार्थन एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धासुमन अर्पित किये।  भाजपा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्य तिथि को समर्पण दिवस के रूप मंे मनाती है।

दिल्ली भाजपा की पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी समिति के संयोजक श्री मूलचन्द चावला, प्रदेश पदाधिकारी श्री कुलजीत सिंह चहल, श्री रविन्द्र गुप्ता, श्री राजेश भाटिया, श्री जय प्रकाश, श्रीमती शिखा राय, श्री अभय वर्मा, श्रीमती कमलजीत सहरावत, महापौर डाॅ. संजीव नैयर, एवं श्रीमती सत्या शर्मा, निगम नेता श्री सुभाष आर्य, विधायक श्री जगदीश प्रधान सहित वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं ने समर्पण दिवस के अवसर पर पार्टी के लिए अपना सहयोग अर्पण किया।  

श्री मनोज तिवारी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एक राजनीतिक दर्शन को विकसित किया जिसे आज सारा विश्व स्वीकार कर रहा है पर हम उन स्थितियों की कल्पना भी नहीं कर सकते जिस स्थिति में रहकर उन्होंने इस दर्शन को विकसित किया होगा।  देश का राजनीतिक इतिहास बताता है कि उन्हें उपहास एवं प्रतिकार का सामना भी करना पड़ा।  अगर हम उस स्थिति की कल्पना करना चाहें जिस स्थिति से वह गुजरे होंगे तो हमें गत माह पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यालय पर हुये हमले का सामना करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं की स्थिति को समझना होगा।  1960 के दशक में भारत के इतिहास में पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं श्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु की परिस्थितियां एक जैसी रहस्यमय हैं।  

श्री तिवारी ने कहा कि मात्र 4 से 15 साल की उम्र में पूरा परिवार खोने के बाद भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने संघर्ष नहीं छोड़ा, उच्च कोटि में शिक्षा प्राप्त की।  उसके बाद अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित किया। 19 दिसम्बर, 1967 को भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष बने तथा मात्र 51 दिन के कार्यकाल के बाद 11 फरवरी, 1968 को अपना बलिदान दे अमर हो गये।  यह खेद का विषय है कि तत्कालीन सरकारों ने उनकी मृत्यु के रहस्य को उजागर करने के लिए उचित कार्रवाई नहीं की।   

श्री तिवारी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित एकात्म मानववाद को यूंतो पहले श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने और अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने सरकारी योजनाओं से जोड़ा है पर मैं मानता हूँ पंडित दीनदयाल जी को यथोचित सम्मान गत माह तब मिला जब भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने संसदीय अभिभाषण में एकात्म मानववाद दर्शन के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय का उल्लेख किया। 

श्री तिवारी ने कहा कि पंडित दीनदयाल जी को सच्ची श्रद्धांजलि है कि हम सब उनके एकात्म मानववाद दर्शन का लाभ समाज के हर वर्ग तक, हर व्यक्ति तक पहुंचायेंगे।
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श्री महेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय देश की राजनीतिक आजादी के बाद देश की वैचारिक आजादी को महत्वपूर्ण मानते थे।  वह ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा पोषित वेस्टमिनिस्टर डेमोक्रेसी के स्थान पर भारतीय संस्कृति के अनुरूप लोकतंत्र की स्थापना में विश्वास रखते थे।  वह एक जनहितकारी आर्थिक व्यवस्था के पक्षधर थे न कि पंडित नेहरू द्वारा सुझाई समाजवादी अर्थव्यवस्था के।  पंडित दीनदयाल मानते थे कि हमें लोगों की आर्थिक सहायता के आधार पर समाज को विकसित नहीं करना है हमें हर हाथ को काम और हर खेत को पानी देकर सशक्त भारत का निर्माण करना हैं।

श्री पाण्डेय ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने देश को केवल एक राजनीतिक पार्टी नहीं दी उन्होंने देश को एक वैकल्पिक राजनीतिक विचारधारा दी और बिना पद पर आये अपने जीवन काल में ही उस विचारधारा को देश की दूसरे नम्बर की राजनीतिक पार्टी बना दी।  यह हम सब पर जिम्मेदारी है कि हम दीनदयाल जी के विचारों को न सिर्फ देश बल्कि दुनिया के हर कोने तक लेकर जायें और यह तब संभव है जब हम खुद उनके दिखाये आदर्शों को अपने जीवन में अपनायेंगे।

श्री पाण्डेय ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय मानते थे कि राजनीति में सुचिता एवं स्वच्छता दोनों लाने के लिए यह आवश्यक है कि राजनीतिक दल अपने आर्थिक संसाधन अपने कार्यकर्ता एवं समर्थकों के बीच में से उत्पन्न करें।  इसी भाव का अनुसरण करते हुये भाजपा पंडित जी की पुण्य तिथि को समर्पण दिवस के रूप में मनाती है और इस दिन हर भाजपा कार्यकर्ता, समर्थक अपनी सामथ्र्य अनुसार पार्टी के कोष में सहयोग देता है।    

श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि हमें पंडित दीनदयाल के दिखाये रास्ते पर चलकर सादगी से राजनीति की गरिमा बनाये रखना है और देश को वैभवशाली बनाना है।  राजनीतिक चमक कभी-कभी बहका सकती है, बहाकर गलत दिशा में ले जा सकती हैं पर हमें दीनदयाल जी के दिखाये पथ पर चलकर अपनी, समाज की, पार्टी की और राष्ट्र की गरिमा बनाये रखना है। 
  

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