उदित राज के नेतृत्व में रेलवे के कर्मचारियों की मागों को लेकर सम्मलेन का आयोजन किया गया

नई दिल्ली : अनुसूचित जाति/जनजाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उदित राज के नेतृत्व में रेलवे के कर्मचारियों की मागों को लेकर आज मावलंकर हॉलकॉन्स्टिट्यूशन क्लब,नई दिल्ली में सम्मलेन का आयोजन किया गया  जिसमें देश के प्रत्येक हिस्से से हजारों रेलवे के कर्मचारी व अधिकारी सम्मिलित हुए। सम्मलेन दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक डॉ. उदित राज की अगुवाई में संपन्न किया गया | सम्मलेन का मुख्य उद्देश्य रेलवे कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को पूरा किया जाये जिनमे सी.ई.सी. में भ्रष्टाचार ख़त्म हो और भ्रष्ट लोग बाहर होंसभी ब्रांच,डिवीज़न एवं जोन के चुनाव में सभी को लोकतान्त्रिक वोटिंग का अधिकार हो,कर्मचारियों की पदोन्नति एवं वरिष्ठता की समस्या का अतिशीघ्र समाधान हो और नियुक्ति एवं स्थानांतरण में रेलवे बोर्ड के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाये यह कुछ मांगे है जिनपर  आज सम्मलेन में परिचर्चा के दौरान डॉ. उदित राज के समक्ष प्रस्तुत की गयी और जिसमे उदित राज ने भरपूर सहयोग देने का वादा किया है साथ ही साथ उदित राज ने यह भी कहा कि सभी रेलवे के कर्मचारियों को 28 नवम्बर को होने वाली विशाल रैली में भाग लेना चाहिए और अपने मुद्दों को पूरे देश के समक्ष रखना चाहिए |

हाल ही में राजस्थान में रेलवे विभाग ने 10 अगस्त 2010 का कार्यालय ज्ञापन लागू कियायह नीतिगत फैसला हैलगभग 3 लाख रेलवे विभाग में एससी/एसटी कर्मचारी हैं |लेकिन अधिकारी संगठित न होने की वजह से आरक्षण को सर्वाधिक हानि हो रही है | सरकार से आग्रह किया गया है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट या सरकार के स्तर पर सामान्य वर्ग की मेरिट से कम्पटीशन क्वालीफाई कर रहे है | उन्हें आरक्षण के कोटे से अर्जेस्ट किया जाये | परिसंघ की कुछ मांगे है जिसमे ठेकेदारी प्रथा को बंद किया जायेअनुसूचित जाति का बैकलॉग विशेष भर्ती अभियान चलाकर पूरा किया जाये,अनुसूचित जाति के कर्मचारी अधिकारियों के लिए लिपिक से क्लास वनक्लास टू व क्लास थ्री में पदोन्नति में आरक्षण लागू किया जाए | 

इस अवसर पर परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदित राज ने देश से विभिन्न स्थानों से आये प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब तक दलित भारत देश में मजबूत नहीं होगा,तब तक देश भी मजबूत नहीं होगा | 28 नवम्बर को परिसंघ के द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली की जाएगी,जिसमे निजी क्षेत्र में आरक्षण नीति को लागू करवाया जायेगा |जो लोग आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश करेंगे उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा | चाहे वो किसी भी पार्टी या दल के ही क्यों न हो | उदित राज ने कहा कि यदि आरक्षण को नीति को आर्थिक आधार पर लागू करना है तो देश कि सम्पूर्ण सम्मति व जमींन का बटवारा समान रूप से करना चाहिए | उसके बाद आर्थिक आधार पर आरक्षण को लागू करने की बात करनी चाहिए | डॉ. उदित राज ने आगे बोलते हुए कहा कि यदि देश में दलित उत्पीडन होता है तो उसके लिए सरकार  इतनी जिम्मेवार नहीं होती जितनी हमारी वर्ण व्यवस्था जिम्मेदार होती है | 

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