दिल्ली प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता, वाईस चेयरमैन एनडीएमसी एवं पूर्व विधायक श्री करण सिंह तंवर द्वारा आज शुक्रवार, दिनांक 17 जून, 2016 को एक संवाददाता सम्मेलन में दिया गया वक्तव्य

भाजपा दिल्ली प्रदेष के वरिष्ठ नेता, वाईस चेयरमैन एनडीएमसी एवं पूर्व विधायक                 श्री करण सिंह तंवर ने आज संवाददाता सम्मेलन की शुरूआत हिन्दी की प्रसिद्व पंक्ति - ‘चन्दन विष व्यापत नहीं, लपटे रहत भुजंग’ से की। उन्होंने कहा कि एनडीएमसी के            लाॅ आॅफिसर श्री एम.एम.खान के एक माह पूर्व किये गये हत्याकाण्ड मंे आम आदमी पार्टी के नेता- मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, दिल्ली के संयोजक दिलीप पाण्डे, विधायक अमानुतुल्ला, सुरेन्द्र सिंह आदि लगातार श्री तॅंवर के बारे में जहरीले सर्प की भांति विष उगलते रहे, लेकिन ‘सांच को आंच नहीं’। इसलिए जब आज दिल्ली पुलिस द्वारा भी उक्त हत्याकाण्ड में श्री तॅंवर को क्लीन चिट दी गई, तो मुख्यमंत्री सहित आम आदमी पार्टी के सारे नेताओं को मुॅंह की खानी पड़ी।

श्री तॅंवर ने दुःख प्रकट करते हुए कहा- आम आदमी पार्टी के नेताओं ने एनडीएमसी के लाॅ आॅफिसर श्री एम एम खान हत्याकाण्ड में सभ्यता की सारी हदों को रौंदकर निकृष्टतम राजनीति का परिचय दिया है। वे लाष पर भी अपनी घिनौनी राजनीति की रोटियाॅं सेंकते रहे। उन्होंने आज तक एक बार भी उक्त हत्याकाण्ड में पकड़े गए होटल मालिक व अन्य संदिग्धों को सजा दिलाने की मांग नहीं की। बल्कि झूठे, बेबुनियाद आरोप लगाकर श्री तॅंवर को फॅंसाने की घिनौनी साजिष करते रहे, अपषब्द बोलते रहे, दिन रात एक कर दिया, कोई कसर नहीं छोड़ी।

श्री तॅंवर ने प्रष्न किया कि ये सारी कोषिषें उनकी स्वच्छ व ईमानदार छवि को धूमिल करने के साथ ही कहीं असली अपराधियों को बचाने की तो नही थी? कि सारी चर्चा और जाॅंच श्री तॅंवर पर केन्द्रित रहे और असली गुनहगार पतली गली से निकल जायें? कहीं ऐसा तो नहीं कि गुनहगारों और आम आदमी पार्टी के बीच इस साजिष के लिए करोड़ो रूपये की डील हुई हो? यह एक रहस्य है।

श्री तॅंवर ने आगे कहा कि जहां तक आम आदमी पार्टी के विधायक सुरेन्द्र सिंह की बात है, तो उस पर अपहरण की कोषिष, ैब्ध्ैज् एक्ट के तहत मुकदमा, ड्यूटी के दौरान सरकारी कर्मचारी को डराने-धमकाने, फर्जी डिग्री का केस, फर्जी डिग्री पर स्कूल में नौकरी करने की धोखाधड़ी, फर्जी डिग्री- इलेक्षन रद्द होने का केस, मानहानी का केस   व आपराधिक व सिविल मुकदमे चल रहे हैं और जो हवालात की हवा भी खा चुका है, वो अपनी फ्रस्टेषन में तो घिनौनी राजनीति करने पर उतारू है। उन्हें तो आष्चर्य मुख्यमंत्री केजरीवाल पर हुआ कि उन्होंने दिल्ली विधानसभा के विषेष सत्र में इस पर चर्चा कराई और माननीय लैफ्टीनैंट गर्वनर साहब को चिट्ठी भी लिख दी।

उन्होंने ये भी नहीं सोचा कि वह अब आम आदमी पार्टी के मामूली कार्यकर्ता नहीं, बल्कि देष की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद पर बैठे हैं। जिस तथ्य का कोई भी प्रमाण मौजूद नहीं, उसका इतना घटिया राजनीतिकरण करके उन्होंने मुख्यमंत्री के पद की गरिमा को भी तार-तार कर दिया।

श्री तॅंवर ने बताया कि दिल्ली में आज हाहाकार मचा हुआ है। विकास के नाम पर जीरो है और जनता बूंद बूंद पानी के लिये तरस रही है। उस पर इनके 21 विधायकों पर सदस्यता रद्द होने की तलवार लटकी हुई है, अपने विधायकों की तनख्वाह 400 प्रतिषत बढ़ाने के कारण जनता भी गुस्से में है, इनकी कथनी और करनी का अन्तर जनता ने देख लिया है कि कैसे अरविन्द केजरीवाल व उनकी पार्टी के लोग आम आदमी से अति विषिष्ट व्यक्ति बन गये हैं। चुनावों के सारे वादे हवा में तैर रहे हैं। न फ्री की बिजली, न पानी, न घर, न वाई फाई। इसलिए 21 विधायकों की सदस्यता रद्द होते ही यदि पुनः चुनाव हुए तो किस मुॅंह से दिल्ली की जनता के सामने जायेंगे, चारो खाने चित्त हो जाना निष्चित है। इसी बौखलाहट में वे कभी रोनेे की नौटंकी करते हैं और माननीय प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, एल.जी. व पुलिस, सबके लिए असभ्य भाषा और झूठा दोषारोपण करने से बाज नहीं आते।

श्री तॅंवर ने आगे कहा कि कल दिलीप पाण्डे ने प्रेस कान्फे्रंस में कहा कि वह पुलिस की जाॅंच को नहीं मानते, तो उनके इस बेतुके और गैर-जिम्मेदाराना बयान पर कोई आष्चर्य नहीं। क्योंकि ये न तो संवैधानिक और न ही लोकतांत्रित व्यवस्था का सम्मान करते हैं। ये तो एल.जी. तक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की बात करते हैं। पुलिस को मोदी जी का एजेन्ट बताते हैं। इसी से इनके दिमाग के दिवालियेपन का अन्दाजा लगाया जा सकता है। दरअसल इनका मानसिक सन्तुलन बिगड़ गया है, जिसके इलाज की सख्त जरूरत है। क्योंकि ये सोचते हैं कि ये करें और सोचें- वही सही है, बाकी सब गलत है। न इनके लिए लोकतंत्र महत्वपूर्ण है, न ही कानून-व्यवस्था। झूठे दोषारोपण करना, हर अच्छे-बुरे की केवल आलोचना करना, केवल नेगेटिव वक्तव्य देना, अराजकता फैलाना और सुर्खियों में बने रहने की चेष्टा करना, जनता को गुमराह करना, बस ये ही इनका काम रह गया है। इसीलिए न जाने कितने मानहानी के मुकदमे इनके खिलाफ चल रहे हैं। जिस दिन उन पर एक्षन होगा, इन्हें दिन में ही तारे नजर आ जायेंगे।

अन्त में श्री तॅंवर ने कहा कि इस समूचे प्रकरण में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के संयोजक दिलीप पाण्डे, विधायक अमानुतुल्ला व सुरेन्द्र सिंह ने जिस निकृष्ट राजनीति से उनकी स्वच्छ व ईमानदार छवि को धूमिल करने की कुचेष्टा की है, वह उसके खिलाफ शीघ्र ही मानहानी का मुकदमा करेंगे।

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