अपना बकाया जानबूझकर कंपनियों से नहीं वसूल रही है दिल्ली सरकार - विजेन्द्र गुप्ता


बिजली कंपनियों पर बकाया 5,620 करोड़ रूपया वसूल कर सरकार संपूर्ण दिल्ली को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर सकती है-विजेन्द्र गुप्ता

नयी दिल्ली, 09 दिसम्बर। नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि एक तरफ जनहित के हर कार्य को लेकर दिल्ली सरकार पैसे की कमी का रोना रोकर ठीकरा केंद्र सरकार के सिर पर फोड़ती है दूसरी तरफ वह बिजली वितरण करने वाली तीनों निजी कंपनियों से सांठ-गांठ करके उन पर बकाया लगभग 5,620 करोड़ रूपया जानबूझकर नहीं वसूल रही है। यदि यह पैसा वसूला जाए तो संपूर्ण दिल्ली को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि रिलायंस समूह की दोनों कंपनियों बीएसईएस राजधानी पर लगभग 2367 करोड़ रूपया और बीएसईएस यमुना पर लगभग 3079 करोड़ रूपया बकाया है। टाटा पाॅवर लिमिटेड पर लगभग 174 करोड़ रूपया बकाया है। दिल्ली ट्रांस्को लिमिटेड पर भी करोड़ों रूपया बकाया है। बकाये की यह रकम दिल्ली सरकार के कुल बजट का लगभग 15 प्रतिशत है। इतने पैसों से दिल्ली में सीसीटीवी कैमरें लगाकर राजधानी की कानून व्यवस्था को फूलप्रूफ बनाया जा सकता है। महिलाओं के प्रति अपराधों में अंकुश लगाया जा सकता है। इस पैसे से दिल्ली के स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में आमूलचूल परिवर्तन लाया जा सकता है। यदि यह धनराशि दिल्ली पुलिस को दे दी जाए तो राजधानी की पुलिस व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा सकता है।
बकाये की यह धनराशि इतनी बड़ी है कि इस धन की वसूली कर राजधानी के उन इलाकों में लगभग 250 नये स्कूल खोले जा सकते हैं जहां आज तक स्कूल की सुविधा नहीं है। इस पैसे से संपूर्ण ग्रामीण दिल्ली और अनाधिकृत काॅलोनियों को 1000 नयी बसों की सुविधा प्रदान करके ग्रामीणों और आम लोगों को सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराया जा सकता है। इससे दिल्ली के प्रदूषण मंे भी लगभग 25 प्रतिशत की कमी लायी जा सकती है। सरकार यह धनराशि खर्च करके यमुना के प्रदूषण को आधे से ज्यादा समाप्त कर सकती है। दिल्ली के उन इलाकों को अत्याधुनिक शौचालय उपलब्ध कराये जा सकते हैं, जहां आजतक माॅडर्न शौचालय बनाकर जनता के सुपुर्द किये जा सकते हैं। दिल्ली की स्लम बस्तियों को पक्के मकान बनाकर दिये जा सकते है।

श्री गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार जब से दिल्ली में आयी है वह राजनैतिक बदले की भावना से कार्य कर रही है। इसी कारण पिछले लगभग 10 महीने में करोड़ों रूपये विज्ञापन के मद में फंूककर जनता को गुमराह करने के अलावा इस सरकार ने कोई ठोस कदम जनता के हित में नहीं उठाया है। आप सरकार के आने के बाद राजधानी में भ्रष्टाचार शीर्ष पदों तक पहुंच गया है। इसी कारण मुख्य सचिव पद की दौड़ में शामिल आईएएस अधिकारी संजय प्रताप सिंह को 2 लाख रूपये रिश्वत लेते हुये सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया है। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा सरकार के लगभग एक दर्जन विभागों के भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। सतर्कता विभाग के अधिकारी भी भ्रष्टाचार के घेरे में हैं। सरकार के दो मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में निकाले जा चुके हैं। आम आदमी पार्टी के लगभग तीन दर्जन विधायक भी भ्रष्टाचार की जांच के घेरे में हैं। इनके भ्रष्टाचारों की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। 

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