प्रधानमंत्री के मंगोलिया के सहयोग और ए.सी.बी. नियुक्तियों पर टिप्पणियां अपरिपक्क नेतृत्व का परिणाम

धृतराष्ट्र रूपी केजरीवाल सरकार ओछी राजनीति से बाज आये, अपने भ्रष्ट विधाकयों पर कार्रवाई करें अन्यथा विधायकों का जेल जाना एक सिलसिला बन जायेगा

नई दिल्ली, 09 जून।  दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने आज पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये कहा कि दिल्ली सरकार जिस तरह पिछले 15 दिनों से प्रशासनिक मामलों में हठधर्मी दिखा रही है अब हम कह सकते हैं कि जिम्मेवारियां निभाने में अक्षम इस सरकार ने फिर सत्ता से भागने का मन बना लिया है।  यह जो कुछ केन्द्र पर आरोपों की घिनौनी राजनीति हम दिल्ली में देख रहे हैं उसको केवल सत्ता से भागने की पृष्ठ भूमि लिखने के लिए किया जा रहा है।

श्री उपाध्याय ने कहा कि मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह तोमर की गिरफ्तारी इस सरकार के पतन की शुरूआत है।  श्री तोमर की फर्जी डिग्री का मामला पहले दिन से हर आम और खास के लिए स्पष्ट था पर धृतराष्ट्र का रूप धारण करे मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कोई संज्ञान नहीं लिया और उन्हें मंत्री बनाये रखा।  कानून अपना कार्य करता है और पुलिस विवेचना में जब यह स्थापित हो गया होगा कि वह दोषी हैं तब दिल्ली पुलिस ने श्री तोमर को गिरफ्तार किया है।  आज का दिन दिल्ली की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए एक काला दिन है जब एक मंत्री गिरफ्तार हुआ है और इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेवार हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा कल निगम कर्मियों से संवाद के नाम पर की गई ओछी राजनीति करने के लिए मुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार की निंदा करते हुये श्री सतीश उपाध्याय ने कहा है कि भारत द्वारा मंगोलिया को दी गई सहयोग राशि को विवाद का मुद्दा बनाते हुये दिल्ली नगर निगमों को आर्थिक साधन उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी से भागने के लिए जिस प्रकार की भाषा कल मुख्यमंत्री ने रामलीला में प्रयोग की उसने सभी को विस्मित किया है।  प्रशासनिक अनुभव तो इस सरकार को था ही नहीं कल मंगोलिया के अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे को विवादित कर श्री अरविन्द केजरीवाल ने अब यह भी दर्शा दिया कि उनको अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दों की भी कोई समझ नहीं है।  कुछ दिन पहले जब उन्होंने उपराज्यपाल के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया था हमनें तब भी कहा था और आज फिर कहते हैं कि ऐसा लगता है कि श्री अरविन्द केजरीवाल के दिमाग पर बाॅलीवुड की सी-ग्रेड फिल्मों के नेताओं की भाषा का भूत चढ़ा है।

एन्टी करपशन ब्यूरो (एसीबी) में संयुक्त आयुक्त श्री मुकेश मीणा की नियुक्ति पर विवाद करते हुये दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया के बयानों की निंदा करते हुये श्री सतीश उपाध्याय ने कहा कि श्री मुकेश मीणा की नियुक्ति से सम्भवतः श्री सिसोदिया स्वयं बहुत भयभीत हुये हैं क्योंकि श्री मीणा ने सभी दबावों से उपर उठ जन्तर-मन्तर पर मुख्यमंत्री की रैली में मृत्य किसान को आत्म हत्या के लिए उकसाये जाने का मामला दर्ज किया था।  इस मामले में मृत्य किसान के परिवार ने श्री सिसोदिया पर कुछ व्यक्तिगत आरोप लगाये थे और इसीलिए श्री मीणा की नियुक्ति उन्हें चुभ रही है।

जहां तक आम आदमी पार्टी सरकार का विषय है वह ए.सी.बी. को किसी पुलिस अधिकारी के नियमित नेतृत्व में नहीं अपने किसी वोलेन्टियर के नेतृत्व में चलाना चाहती है और इसलिए श्री मीणा की नियुक्ति पर सरकार की सामूहिक विरोध की प्रतिक्रियायें हो रही हैं।  दिल्ली सरकार ए.सी.बी. का प्रयोग भ्रष्टाचार मिटाने के लिए नहीं बल्कि दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस जो भाजपा के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं उनको बदनाम करने के लिए करना चाहती है।  इसी मंशा से सरकार गैर भाजपा शासित राज्यों से अधिकारी लाकर ए.सी.बी. में नियुक्त करना चाहती थी और अब जब दिल्ली पुलिस ने अपने अधिकारी दिये हैं तो उनको बदनाम कर रही है।

श्री उपाध्याय ने मीडिया के माध्यम से श्री मनीष सिसोदिया के समक्ष एक सीधा प्रश्न रखा है कि वह कह रहे हैं कि ए.सी.बी. में संयुक्त आयुक्त का कोई पद ही नहीं होता।  ऐसे में श्री सिसोदिया बतायें कि अगर वह सच मे भ्रष्टाचार से लड़ना चाहते हैं तो उन्हें स्वच्छ छवि के श्री मुकेश मीणा जैसे संयुक्त आयुक्त कि नियुक्ति पर आपत्ति क्यों है ?  उन्हें तो इस बात का स्वागत करना चाहिए कि अब संयुक्त आयुक्त स्तर का वरिष्ठ अधिकारी भ्रष्टाचार उन्मूलन का काम देखेगा।

श्री उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली सरकार के लिये भ्रष्टाचार सिर्फ एक राजनीतिक छवि बनाने का मुद्दा है वरना ए.सी.बी. को लेकर की जा रही नौटंकी की बजाये सरकार को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को स्वीकार करते हुये अविलम्ब दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति करनी चाहिए।  श्री उपाध्याय ने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति केजरीवाल सरकार के रहते असंभव है क्योंकि सिर्फ चार माह में इस सरकार के मंत्रियों और विधायकों की कारगुजारियां इतनी बढ़ चुकी हैं कि अगर दिल्ली में लोकायुक्त नियुक्त हो जाये तो शायद प्रतिदिन एक विधायक के विरूद्ध फैसला आयेगा।

मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल जिस तरह मंत्री श्री तोमर के मामले में आंखें मूंदे रहे अब विधायिका सुश्री राखी बिड़लान और कुछ अन्य विधायकों द्वारा निजी कम्पनियों से सांठगांठ करके सी.सी.टी.वी. और स्ट्रीट लाइट खरीद घोटालों पर भी मूक दर्शक बने हैं।  अब तो ऐसा लगता है कि इस भ्रष्टाचार के हिस्से संभवतः सत्ताधारी आम आदमी पार्टी में खुल कर बट रहे हैं।

श्री उपाध्याय ने मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल से कहा है कि या तो वह अब अपने अराजक विधायकों श्रीमती प्रोमिला टोकस, सुश्री राखी बिडलान, श्री नरेश बाल्यान, श्री अखिल त्रिपाठी, श्री संजीव झा, श्री ऋतुराज गोविन्द, श्री जरनैल सिंह, श्री सुरेन्द्र कमांडो आदि पर कार्रवाई करें अन्यथा जिस प्रकार आज फर्जी डिग्रीधारी मंत्री श्री तोमर की विकेट गिरी है अब दिल्ली के विधायकों का जेल जाने का यह सिलसिला रोजमर्रा की बात बन जायेगा।  

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