अतिरिक्त टोल टैक्स का पड़ेगा रसोई घरों पर सीधा प्रभाव

जिस तरह आम आदमी पार्टी के नेता बजट से पूर्व सपने बेचते थे आज वित्त मंत्री ने आंकड़ों के बल पर सपने दिखाकर दिल्ली के युवाओं को पुनः गुमराह करने का प्रयास किया - विजेन्द्र गुप्ता

नई दिल्ली, 25 जून।  दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि आज दिल्ली के वित्त मंत्री श्री मनीष सिसोदिया द्वारा प्रस्तुत 2015-16 का बजट एक दिशाहीन छलावा है।  बहुत सारे त्वरित सपने दिखा सत्ता में आई आम आदमी पार्टी सरकार की बौखलाहट इस बजट में साफ नजर आ रही है।  जिस तरह आम आदमी पार्टी के नेता बजट से पूर्व सपने बेचते थे आज वित्त मंत्री ने आंकड़ों के बल पर सपने दिखाकर दिल्ली के युवाओं को पुनः गुमराह करने का प्रयास किया।

श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि चाहे स्वराज निधि का मामला हो या चुने हुये 11 विधानसभा क्षेत्रों को 20 करोड़ रूपया देने का सरकार ने कहीं यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस रूपये को खर्च करने की अधिकारिता किस पर होगी।  इसी तरह बजट प्रारूप में सरकार ने कहा कि हम दिल्ली में निर्णायक निकायों मे कमी करेंगे पर इसी बीच “डूडा“ नामक एक नई संस्था बना डाली है।

उन्होंने कहा है कि पिछले वर्ष का बजट प्रस्तुत करते हुये केन्द्र सरकार ने दिल्ली के बिजली-पानी के मूलभूत ढांचे में सुधार के लिए 700 करोड़ रूपये का प्रावधान किया था।  वर्तमान सरकार ने उसका तो कोई उपयोग किया ही नहीं और आने वाले वर्ष में भी सुधार कार्य के लिए कोई बजट नहीं रखा गया है यानि बिजली-पानी की लचरता बनी रहेगी।

श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि जहां शिक्षा एवं स्वास्थ्य के बजट के नाम पर जो बड़ा क्रांतिकारी दावा वित्त मंत्री ने किया है वह पूरी तरह लचर है।  बजट में जो पैसा बढ़ाने की बात कही गई है वह तो वर्तमान शिक्षकों की कमी को दूर करने या बिल्डिंगों की मरम्मत में ही खप जायेगा।  इस बजट में दिल्ली की जनता की निजी स्कूलों पर निर्भरता को रोकने के लिए कोई ठोस कार्यक्रम नहीं है।

इसी तरह स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सरकार के पास कुछ भी ठोस योजना नहीं है।  सरकार ने लगभग अगले तीन वर्ष में सरकारी अस्पतालों में रोगी बेड दोगुने करने का स्वपन दिखाया है पर बजट में कहीं कोई नये अस्पताल या वर्तमान अस्तालों के स्वरूप में बदलाव की कोई बात नहीं है।  ऐसे में दिल्ली जो आज पूरी तरह निजी अस्पतालों और जांच केन्द्रों पर निर्भर है उसको इस महंगी स्वास्थ्य सेवाओं से छुटकारा कैसे मिलेगा सरकार ने इस पर भी कुछ नहीं कहा है।

दिल्ली के राजस्व को बढ़ाने के लिए जो कदम दिल्ली सरकार ने उठाये हैं वह आम लोगों पर नये बोझ लायेंगे।  दिल्ली में पहले ही नगर निगमों के माध्यम से टोल टैक्स वसूला जाता है अब दिल्ली सरकार ने दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी काॅमर्शियल वाहनों पर 100 से लेकर 1500 रूपये तक का नया अतिरिक्त टोल टैक्स लगा दिया है जिसके चलते दिल्ली में दूध, फल और सब्जियों जैसी आवश्यक बस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी निश्चित है।


श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि इसी तरह सिनेमा आदि में लगने वाले मनोरंजन कर की दरों को दो गुना करने से टिकट महंगे होंगे और आम परिवारों के बजट पर प्रभाव पड़ेगा।  इसी तरह होटल में खाने पर लगने वाले लगजरी टैक्स को 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 15 प्रतिशत किये जाने से मध्यम वर्ग पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा। 

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