इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय एमबीबीएस प्रवेष परीक्षा में धांधली पर भाजपा ने शिकायत दर्ज कराई

मामले की गंभीरता से जांच होगी-एम. के. मीणा

नई दिल्ली, 28 जून । गुरू गोबिन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विष्वविद्यालय में हुए एम.बी.बी.एस. प्रवेष परीक्षा में हुई
धांधली की जांच और दोशियों को दंडित करने की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल आज एंटी करप्षन ब्यूरो के चीफ श्री एम. के. मीणा से मिला और अपनी षिकायत दर्ज करायी । श्री मीना ने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच होगी । जांच के बाद दोशी पाये गये व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी ।

प्रतिनिधि मंडल में श्री गुप्ता के साथ विधायक श्री ओ पी षर्मा और श्री जगदीष प्रधान षामिल थे ।

श्री गुप्ता ने एसीबी प्रमुख को परीक्षा में हुई धांधली के दस्तावेज सौंपे । ये दस्तावेज उन्हें पीडि़त परीक्षार्थियों तथा उनके अभिभावकों ने सौंपे थे । इनमें परीक्षा में हुई अनियमितताओं, नियमों का सरासर उल्लंघन और पक्षपात से संबंधित कागजात षामिल हैं ।

श्री गुप्ता को उनके कार्यालय में एक परीक्षार्थी सुश्री तृप्ति झा की डाॅक्टर माॅं श्रीमती निषि झा ने संपूर्ण धांधली की लिखित षिकायत की थी । इसमें उन्होंने कहा था कि तृप्ति झा ने विष्वविद्यालय की एमबीबीएस प्रवेष परीक्षा (सीईटी कोड 103) दी थी । यह परीक्षा दो चरणों में संपन्न हुई थी । प्रथम चरण 26 अप्रैल, 2015 को संपन्न हुआ था । इसके परिणाम 5 मई, 2015 को घोशित किये गये । इस परिणाम के तहत तृप्ति झा ने द्वितीय चरण के लिए क्वालिफाई किया । परीक्षा का द्वितीय चरण 23 मई, 2015 को संपन्न हुआ । इसके परिणाम 27 मई, 2015 को घोशित हुए । इसमें तृप्ति झा 155 वें रैंक पर थीं । द्वितीय चरण का परीक्षा परिणाम घोशित होने के बाद विष्वविद्यालय ने परीक्षार्थियों को सूचना दी थी कि उनकी प्रथम काउंसिलिंग की तिथि संभवतः 15 जून, 2015 को 5.00 बजे घोशित होगी । काउंसिलिंग संभवतः 20 जून, 2015 को संपन्न होगी । 15 जून, 2015 को एक अन्य नोटिस लगायी गयी, जिसमें कहा गया कि प्रथम काउंसिलिंग 20 जून, 2015 को सायं 5.00 बजे अधिसूचित की जायेगी और काउंसिलिंग 22 जून, 2015 से षुरू होगी । इस नोटिस के लगने के  कुछ मिनट बाद ही डा. निषि झा के रजिश्टर्ड मोबाइल नंबर 9811209555 पर दिनांक 20.06.2015 को सायं 4.44 बजे यह सूचना प्राप्त हुई कि एमबीबीएस द्वितीय चरण के परीक्षा परिणाम रिवाइज किये गये हैं । ये परिणाम विष्वविद्यालय की वेबसाइट ूूूण्पचनण्ंबण्पद दिनांक 20.06.2015 पर देखे जा सकते हैं ।

डा. निषि झा ने तुरंत वेबसाइट खोली और पाया कि उनकी पुत्री तृप्ति झा का रैंक 155 के स्थान पर 232 पर हो गया था । इस तरह वे 77 रैंक पीछे चली गयी थी । परीक्षा परिणाम बदले जाने के पीछे विष्वविद्यालय ने तर्क दियेे कि प्रष्नपत्रों में कुछ त्रुटियां पायी गयी थीं, इस कारण जो परीक्षा परिणाम सीईटी-2 दिनांक 27.05.2015 को घोशित किये गये थे, उसमें षामिल सभी परीक्षार्थियों को 15 अंक अतिरिक्त प्रदान किये गये हैं । प्रवेष परीक्षा प्रपत्रों में साफ लिखा है कि एक बार परीक्षा संपन्न होने के बाद किसी भी तरह का पुनर्निरीक्षण और पुनर्मूल्यांकन तथा उत्तर पुस्तिकाओं की किसी प्रकार की जांच नहीं की जायेगी । इन षर्तों का उल्लंघन करके कुछ छात्रों को उत्तर-पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने की अनुमति आखिर कैसे विष्वविद्यालय ने दे दी । अपने द्वारा तय की गयी षर्तों का उल्लंघन स्वयं विष्वविद्यालय अधिकारियों और परीक्षा नियंत्रक ने किस दबाव में किया ?

परीक्षा में षामिल सभी परीक्षार्थियों को उनके द्वारा हल किये गये 4 प्रष्नपत्रों में पूछे गये कुल 200 प्रष्नों में 5 $7$11$1 त्र 24 गलतियां पायी गयीं । इतनी अधिक गलतियां होने पर एमबीबीएस प्रवेष परीक्षा का औचित्य क्या रहा ? डा. निषि ने यह भी कहा कि उनकी पुत्री ने इन्द्रप्रस्थ विष्वविद्यालय में प्रवेष मिलने की आषा से केएलईउ -एआईईटी की काउंसिलिंग छोड़ दी थी । अब उन्हें पूरी तरह निराष कर दिया गया है । इसके लिए दोशी कौन है ?
ज्ञात हो कि विधानसभा सत्र चल रहा है । यह मसला चूंकि गंभीर था, इसलिए एक जिम्मेदार नेता प्रतिपक्ष होने के नाते श्री गुप्ता ने सदन में यह मामला चर्चा के लिए उठाना चाहते थे और इस विशय पर उपमुख्यमंत्री तथा षिक्षामंत्री श्री मनीश सिसोदिया से ठोस कार्यवाही का भरोसा चाहते थे । आष्चर्य का विशय है कि सरकार ने इस मामले को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया । इससे जाहिर होता है कि इस शडयंत्र में सरकार के भी कुछ लोग षामिल हैं जो अपने लोगों को एमबीबीएस कोर्स में पिछले दरवाजे से प्रवेष दिलाना चाहते हैं ।

श्री गुप्ता ने एसीबी प्रमुख के समक्ष कुछ सवाल भी उठाये हैं:-
1. विष्वविद्यालय ने परीक्षा परिणाम घोशित करने से पहले ही गलतियां क्यों नहीं पकड़ी थी ?
2. उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्निरीक्षण का अधिकार सिर्फ चुने हुए कुछ परीक्षार्थियों को ही क्यों दिया गया ? गलती की सूचना सभी परीक्षार्थियों को क्यों नहीं दी गयी ?

3. क्या कोई विष्वविद्यालय परीक्षा परिणाम घोशित करने की तिथि से तीन सप्ताह पहले ही अचानक घोशित कर सकता है ? क्या यह शडयंत्र नहीं है ?

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