भाजपा प्रतिनिधिमंडल उपराज्पाल से मिला

वैट की सीमा में वृद्धि, मंत्री आदि के कार्यकाल के साथ समाप्त होने वाली नियुक्तियों, सरकारी विज्ञापनों के बजट में अत्यधिक वृद्धि और दिल्ली सरकार से संबंधित सूचना देने से इन्कार करने के मुद्दों पर

नई दिल्ली, 02 जुलाई।  दिल्ली भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल श्री
नजीब जंग से मिलकर दिल्ली सरकार से संबंधित चार महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया जिसमें नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता, प्रदेश महामंत्री श्री रमेश बिधूड़ी और श्रीमती रेखा गुप्ता, सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी, विधायक श्री ओमप्रकाश शर्मा एवं श्री जगदीश प्रधान और मीडिया प्रभारी श्री प्रवीण शंकर कपूर सम्मिलित थे।

प्रतिनिधिमंडल ने वैट दरों की सीमा में वृद्धि, दिल्ली सरकार के विज्ञापन बजट में 200 प्रतिशत वृद्धि और इसके दुरूपयोग, बिना कानूनी प्रक्रिया पूरी किये बड़ी संख्या में मंत्री आदि के कार्यकाल के साथ समाप्त होने वाले कर्मचारियों की नियुक्ति और भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन के संबंध में सूचना अधिकार के अधीन जानकारी मांगने पर जानकारी न देने के मुद्दों पर दिल्ली के उपराज्यपाल को ज्ञापन दिये।

 प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल का ध्यान इस बात की ओर आकृष्ट किया कि दिल्ली सरकार यह दावा करती है कि इस वर्ष का बजट सरप्लस बजट है तो फिर वैट की सीमा में वृद्धि करने का प्रस्ताव तर्क संगत प्रतीत नहीं होता और इससे शंका उत्पन्न होती है। दिल्ली के राजस्व में वैट का योगदान 65 प्रतिशत है। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि वैट की सीमा में वृद्धि करके सत्ता पक्ष राजनैतिक या वित्तीय फायदा उठाने का प्रयास कर सकती है।

भाजपा द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में उपराज्यपाल से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे दिल्ली सरकार द्वारा विज्ञापनों के बजट में 200 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि के मामले पर भी विचार करें और ऐसा न हो कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये दिशानिर्देशों का उल्लंघन करके मुख्यमंत्री के महिमामंडन के लिये इसका दुरूपयोग किया जाये। उन्होंने उपराज्यपाल से बताया भी कि सरकार अन्य राज्यों के समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर जनधन का दुरूपयोग कर रही है।

दिल्ली सरकार के अधीन मंत्री आदि के कार्यकाल के साथ समाप्त होने वाली बड़ी संख्या में नियुक्तियों के मुद्दे को भी प्रतिनिधिमंडल ने उठाया और उपराज्यपाल से इस बात की जांच करवाने की मांग की कि क्या ये नियुक्तियां कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप की गई हैं या नहीं। उन्होंने उपराज्यपाल को बताया कि ऐसी रिपोर्टें मिली हैं कि इन नियुक्तियों में अनियमिततायें हुई हैं और इनमें से अधिकांश नियुक्तियां उनके कार्यालय से मंजूरी लिये बिना भी की गई हैं जबकि कानून के अनुसार ऐसी मंजूरी अपेक्षित है।

भाजपा नेताओं ने उस आर.टी.आई कार्यकर्ता के भी मुद्दे को उठाया जिसे दिल्ली सरकार के विभागों ने जानकारी देने से या तो इनकार किया या उसे गुमराह किया। उन्होंने कहा कि सतर्कता विभाग, एंटी करप्शन ब्यूरो और मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा एंटी करप्शन हेल्पलाइन 1031 पर हुये खर्चों की जानकारी देने से इनकार किया जाना एक चिन्ता का विषय है। उन्होंने उपराज्यपाल से सभी विभागों को यह निर्देश देने का आग्रह किया कि वे अपेक्षित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।

उपराज्यपाल महोदय ने प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन दिया कि उनके द्वारा उठाये गये सभी मुद्दों पर संबंधित विभागों से जानकारी लेंगे और किसी भी प्रकार का दुरूपयोग रोका जायेगा।  
   

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