आसिम अहमद खान की भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्तगी यह सिद्ध करती है कि लोकायुक्त की नियुक्ति तथा जनलोकपाल बिल का क्रियान्वयन तुरंत करना कितना आवश्यक है - विजेन्द्र गुप्ता

नयी दिल्ली, 09 अक्तूूबर। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने आज कहा कि खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री आसिम अहमद खान को भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त करना यह सिद्ध करता है कि शीघा्रतिशीघ्र लोकायुक्त की नियुक्ति तथा जनलोकपाल बिल का क्रियान्वयन करना कितना आवश्यक है । मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल बार-बार इस बात पर बल देते हैं कि वे भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे । परंतु वास्तविकता यह है कि वे स्वयं ही इन दोनों मुख्य मुद्दों के क्रियान्वयन पर निरंतर टालामटोली करते आ रहे हैं । यदि वे वाकई में भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई के चैम्पियन होते तो वे लोकायुक्त की नियुक्ति तथा जनलोकपाल बिल के क्रियान्वयन में कतई इतना विलंब नहीं करते । उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि उन्हें दिल्ली सरकार के लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले में न्यायालय की शरण लेने को मजबूर होना पडा़। केजरीवाल भ्रष्ट व्यक्तियों से घिरे हैं और वे उन्हें बचाने के लिये कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं । उन्हेांने आसिम अहमद खान को अभी तक पार्टी से नहीं निकाला है । जो इस बात की पुष्टि करता है कि वे भ्रष्टाचार के प्रति नरम हैं ।
श्री गुप्ता ने कहा कि यदि केजरीवाल ने अपने पूर्व कानून मंत्री जीतेन्द्र कुमार तोमर को बर्खास्त करने में इतनी तत्परता दिखाई होती अथवा अपने अग्रणी विधायक सोमनाथ भारती और मनोज कुमार के विरूद्ध कार्यवाही की होती तो दूसरे मंत्रियों और विधायकों पर यह प्रभाव जाता कि मुख्यमंत्री उनके विरूद्ध भी सख्त कार्यवाही कर सकते है। परंतु मुख्यमंत्री ने अधिकतर समय अपने भ्रष्ट  मंत्रियों तथा विधायकों का बचाव करने में ही व्यतीत कर दिया । उन्होंने कहा कि जब इस वर्ष 6 अप्रैल को तुर्कमान गेट पर शाहनवाज की हत्या के मामले में आसिम अहमद खान के बिल्डर लाॅबी में लिप्त होने की बात आई थी तब भी मुख्यमंत्री ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया था । यदि उस समय उन्होंने इस पर ध्यान दिया होता तो आज जो भ्रष्टाचार की परिणति हुई है वह नहीं होती ।
श्री गुप्ता ने कहा कि पिछले 8 महीनों में मुख्यमंत्री ने एक भी ऐसा कदम नहीं उठाया जिससे आम आदमी पार्टी की ईमानदारी में विश्वास की जड़ें गहरी होती हो । माननीय मुख्यमंत्री अभी भी ऐसे मंत्रियों और विधायकों का बचाव कर रहे हैं जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं । उन्हेांने असीम अहमद खान के विरू द्ध कार्यवाही इसलिये की क्योकि वे सब तरफ से घिर गये थे और उनके पास उनको बर्खास्त करने के अतिरिक्त कोई अन्य रास्ता ही नहीं था ।
विपक्ष के नेता ने कहा  िकवे निरंतर इस बात को उठा रहे हैं कि विज्ञापन के मामले में एक प्रमुख मंत्री संलिप्त हैं तथा अनधिकृत कालोनियों में आर.ओ. प्लांट लगाने के मामले में गम्भीर भ्रष्टाचार हुआ है परंतु मुख्यमंत्री इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं । श्री गुप्ता ने आशा व्यक्त करी कि आसिम अहमद के खिलाफ कार्यवाही अब श्री केजरीवाल को यह सोचने के लिये मजबूर करेगी कि अब भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिये लोकायुक्त की नियुक्ति जल्दी की जाये तथा जनलोकपाल बिल अविलंब लागू किया जाये ।

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