मुख्यमंत्री सहानुभूति पूर्वक सफाई कर्मचारियों की न्यायोचित मांगांे को पूरा करने के लिये तीनों नगर निगमों को आवश्यक फण्ड जारी करें

’ सफाई कर्मचारियों से अनुरोध कि आगामी त्यौहारों को देखते हुये अपनी हड़ताल तुरंत वापिस लें

’ सरकार निगम की समस्याओं के स्थाई समाधान हेतु चतुर्थ दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को तुरंत लागू करे - विजेन्द्र गुप्ता


नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने आज मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल से अनुरोध किया कि वे सहानुभूति पूर्वक सफाई कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों को पूरा करने के लिये तीनों नगर निगमों को तुरंत आवश्यक फण्ड जारी करें । वे संवेदनशीलतापूर्वक उनकी समस्याओं को बातचीत के जरिये हल करें  । सरकार दिल्ली नगर निगम और विशेषकर सफाई कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने के लिये समुचित वित्त संसाधनों की स्थाई व दीर्घकालीन व्यवस्था भी करें ।
विपक्ष के नेता ने इसके साथ ही साथ पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी नगर निगमों के सफाई कर्मचारियों से अनुरोध किया कि आगामी त्यौहारों को देखते हुये वे अपनी हड़ताल तुरंत वापिस लेकर काम पर वापिस लौट आयें ताकि दिल्लीवासी स्वच्छ एवं साफ वातावरण में हर्षोल्लास के साथ उत्सव मना सकें । उन्होंने कहा कि जहाॅं एक ओर सरकार का उनके प्रति दायित्व है वहीं दूसरी ओर सफाई कर्मियों का भी दिल्लीवासियों के प्रति कर्तव्य है ।
श्री गुप्ता ने कहा कि सफाई कर्मचारी समय पर वेतन समय पर न मिलना, बकाया राशि का लंबे समय से भुगतान न होना, दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मचारियों को नियमित न करने जैसी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गये हैं । यदि केजरीवाल सरकार ने चैथे दिल्ली वित्त आयोग को समय रहते लागू कर दिया होता तो इस प्रकार की समस्यायें नहीं आतीं । केजरीवाल सरकार विशेष सफाई अभियान छेड़ने की योजना बना रही है परंतु यह महत्वाकांक्षी कार्य सफाई कर्मियों के सहयोग के बिना संभव नहीं है । यदि वे सफाई कर्मियों से बेहतर काम लेना चाहते हैं तो श्री केजरीवाल उनकी आवाज को सुनें और उनकी मांगों को पूरा करने के लिये ठोस कदम उठायें । मुख्यमंत्री को चाहिये कि वे सफाई कर्मियों के मसले को जल्द से जल्द सुलझायें ताकि नागरिकों को त्यौहारों के मौसम में कोई असुविधा न हो ।
श्री गुप्ता ने कहा कि यदि दिल्ली सरकार चतुर्थ दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट को लागू करने में विलंब करती है तो न तो सफाई कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान होगा और न ही दिल्ली नगर निगम विकास के पथ पर अग्रसर हो पायेंगे । परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि केजरीवाल सरकार चतुर्थ दिल्ली वित्त आयोग को लागू नहीं करना चाहती है क्योकि वह तीनों नगर निगमों को वित्तीय रुप से पंगु बनाये रखना चाहती है। वह  भाजपा से राजनैतिक बदला चुकाने के लिए ऐसा कर रही है क्योंकि निगमों में भाजपा काबिज है।
विपक्ष के नेता ने कहा कि चतुर्थ वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली के तीनों नगर निगमों की दशा और दिशा देखकर तैयार की थी। आयोग ने सिफारिश की है कि नगर निगमों को सरकार द्वारा दिया जाने वाला ग्लोबल शेयर 12ण्5 प्रतिशत किया जाए। निगमों को शिक्षा मद में खर्च किए जाने वाली धनराशि का पैसा 100 प्रतिशत सरकार द्वारा भुगतान किया जाए ताकि निगमों की वित्तीय स्थिति सुधर सके। इसी कारण दिल्ली सरकार आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं करना चाहती है। यही कारण है कि दिल्ली के तीनों नगर निगम यहां की 2 करोड़ आबादी को वे सुविधाएं दे पाने में असमर्थ हो रहे हैं, जिनकी जनता को आवश्यकता है। ऐसा करके दिल्ली सरकार जनता को जानबूझकर कष्ट में रख रही है।
श्री गुप्ता ने आशा व्यक्त करी कि दिल्ली सरकार जल्द ही सफाई कर्मचारियों की समस्याओं का हल निकाल लेगी । इसके साथ ही साथ तीनों निगमों की वित्तीय हालत को सुधारने के लिये चतुर्थ दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिये उचित कदम उठायेगी ।

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