नगर निगमों को भंग करने की बात स्वराज की भावना पर कुठाराघात - सतीश उपाध्याय

मनीष सिसोदिया के बयान से केजरीवाल सरकार के मन का पाप उजागर हुआ 

नई दिल्ली, 28 जनवरी।  दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय एवं तीनों नगर निगम के नेता सदन श्री
योगेन्द्र चांदोलिया, श्री आशीष सूद एवं श्री रामनारायण दूबे ने आज नगर निगमों में हड़ताल एवं आर्थिक बदहाली पर दिल्ली सरकार की भ्रमात्मक प्रतिक्रियाओं को लेकर एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित किया।  उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री द्वारा नगर निगमों को भंग करने की बात उठाने की कड़ी निंदा करते हुये इसे स्वराज की भावना पर कुठाराघात बताया है।  लगता है केजरीवाल दल अब अपने स्वराज के संकल्प पर भी यू-टर्न ले रहा है।

भाजपा नेताओं ने कहा कि दिल्ली सरकार आज नगर निगमों के खातों में अव्यवस्था की बात कर रही है जबकि नगर निगमों के खाते प्रति वर्ष सी.ए.जी. से आॅडिट होते हैं और कभी कोई अनियमितता नहीं पाई गई।  यह वही सी.ए.जी. है जिसके माध्यम से केजरीवाल सरकार बिजली कम्पनियों के खातों की जांच कराने के लिए कोर्ट तक जा पहुंची।  दिल्ली सरकार जवाब दे कि क्या उसके द्वारा स्थापित कोई कमेटी सी.ए.जी. से भी ज्यादा विश्वसनीय है ?

श्री उपाध्याय ने कहा कि पाप छिपाये नहीं छिपता, जिस तरह दिल्ली सरकार लगातार नगर निगमों पर आर्थिक तंगी बनाये रख रही थी, दिल्ली की जनता और कर्मचारियों को गुमराह करने की कोशिश कर रही थी, हम लगातार कह रहे थे कि दिल्ली सरकार का असल मक्सद नगर निगमों को भंग करना है।  आज यह पाप उस वक्त उजागर हो गया जब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने झूठे तथ्यों के आधार पर नगर निगमों को बदनाम करने का प्रयास करते हुये दिल्ली नगर निगम को भंग करने की सिफारिश केन्द्र को करने की बात बोली।  लोकतंत्र में इस तरह की टिप्पणी और व्यवहार केवल एक अराजक और अहंकारी सरकार ही कर सकती है।

श्री उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली सरकार आज दिल्ली की सेवा में लगे नगर निगम के अस्थाई कर्मचारियों जिनमें से अधिकतर सफाईकर्मी हैं उनके रखे जाने को अनुचित ठहराने का प्रयास कर रही है।  जबकि दिल्ली में केजरीवाल सरकार जब से बनी हैं लाखों रूपये के वेतन भत्तों पर सैकड़ों पार्टी वोलेन्टियरों को को-टर्मिनस कार्यों में लगाया है।  उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार आज उन सफाईकर्मियों को नौकरी से हटाना चाहती है जिनसे सत्ता में आने से पूर्व नियमित करने के वायदे किये थे।

श्री उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली सरकार नगर निगमों को नोन प्लान फंड के पैसों को देकर जनता और कर्मचारियों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है।  दिल्ली के दो नगर निगमों उत्तरी एवं पूर्वी में भारी वित्त संकट है।  पूर्वी दिल्ली नगर निगम का वार्षिक कर्मचारी वेतन बिल लगभग 1200 करोड़ रूपये है जबकि दिल्ली सरकार ने नोन प्लान फंड में सिर्फ 465 करोड़ रूपये दिये हैं और अपने सभी संसाधनों से यह निगम 650 करोड़ रूपये एकत्र कर पाता है।  इस तरह पूर्वी दिल्ली नगर निगम का वेतन बिल दिल्ली सरकार से मिले फंड और अपने साधनों के पैसे से 85 करोड़ रूपये अधिक है।  इसके अलावा निगम के स्कूलों, डिस्पेंसरियों, सेनिटेसन सामान, वाहनों का खर्च, दवाओं का खर्च, पेंशन बिल आदि अगर जोड़ें तो इस वर्ष पूर्वी दिल्ली नगर निगम लगभग 650 करोड़ रूपये के घाटे के बोझ में डूबा है।

इसी तरह उत्तरी दिल्ली नगर निगम को सरकार से जो नोन प्लान फंड का पैसा मिला उसमें अगर अपने सारे 1300 करोड़ रूपये के साधन भी जोड़ लें तो वह वेतन के बिल से कम है।  स्मरणीय है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम कस्तूरबा गांधी एवं बाड़ा हिन्दू राव अस्पतालों सहित अनेक उत्तर्णी स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल एवं अन्य विक्लांग सेवा कार्य आदि चला रहा है।  यह दुःख का विषय है कि इतने महत्वपूर्ण निगम को दिल्ली सरकार आज कमजोर करने पर अमादा है।

Comments

Popular posts from this blog

Sameer Ansari, Don of Bihar, having a Reward of Rs 50000/- Arrested in Delhi

MOST WANTED GANGSTER NAMELY GYANENDER @ GADGU REWARDEE OF RS.1 LAC ALONGWITH HIS ASSOCIATE RAJIV DAHIYA @ RAJU ARRESTED

Imposter IPS Officer Arrested; an Academic Who Became a Cheat to Realize His Dream Unfulfilled