उच्च न्यायालय का आदेश केजरीवाल सरकार के मुंह पर तमाचा - दिल्ली भाजपा

दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश की भावना को स्वीकार करते हुये केजरीवाल सरकार अविलम्ब चैथे वित्त आयोग की संस्तुति अनुसार आर्थिक निधि नगर निगमों को जारी करे-दिल्ली भाजपा 

नई दिल्ली, 08 जनवरी।  भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री
विजेन्द्र गुप्ता, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम महापौर श्री सुभाष आर्य, पूर्वी दिल्ली नगर निगम महापौर श्री हर्ष मल्होत्रा एवं उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर श्री रविन्द्र गुप्ता ने आज प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक पत्रकारवार्ता में मांग की कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा किये गये आदेश के बाद दिल्ली सरकार नगर निगमों को आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने की अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुये अविलम्ब चैथे वित्त आयोग की संस्तुति अनुसार तीनों नगर निगमों को आर्थिक निधि उपलब्ध कराये।

प्रदेश महामंत्री श्री आशीष सूद, तीनों नगर निगमों के स्थायी समिति अध्यक्ष श्री मोहन भारद्वाज, श्री राधेश्याम शर्मा एवं श्रीमती लता गुप्ता एवं मीडिया प्रमुख श्री प्रवीण शंकर कपूर पत्रकारवार्ता में उपस्थित थे

श्री सतीश उपाध्याय ने कहा कि भाजपा विगत एक वर्ष से लगातार दिल्ली सरकार पर चैथे वित्त आयोग की संस्तुति अनुसार नगर निगमों को आर्थिक निधि उपलब्ध कराने की मांग कर रही थी।  हमनें मुख्यमंत्री निवास, सचिवालय, विधानसभा भवन के बाहर अनेक बार इस मांग को लेकर धरने/प्रदर्शन किये, हमारे विधायक, पार्षद और पार्टी नेताओं ने उपराज्यपाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री सभी से व्यक्तिगत मुलाकात कर नगर निगमों को आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की पर राजनीतिक द्वेष के चलते केजरीवाल सरकार ने न सिर्फ इस पर कोई ध्यान नहीं दिया बल्कि ऐसी विषम परिस्थितियां बनाई जिनके चलते दिल्ली में निगम सेवायें ठप्प पड़ जायें।

श्री उपाध्याय ने कहा कि यह दिल्ली सरकार के लिए शर्म का विषय है कि उन्होंने राजनीतिक द्वेष के कारण दिल्ली की जनता को उचित सेवायें देने की राह में बाधा डाली और नागरिक संगठनों एवं भाजपा नेताओं को यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष रखना पड़ा और माननीय न्यायालय ने दिल्ली की परिस्थितियां समझते हुये दिल्ली सरकार को अपनी संवैधानिक जिम्मेवारी का एहसास कराते हुये आदेश जारी किये हैं।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि विपक्ष के दबाव के चलते गत शीतकालीन सत्र में दिल्ली सरकार ने चैधे वित्त आयोग रिपोर्ट को विधानसभा सदन में रखा और उसे स्वीकार भी किया पर अपनी अराजक मानसिकता एवं राजनीकि द्वेष के चलते उस बिल में असंवैधानिक रूप से जोड़ दिया कि जब केन्द्र निधि देगा तब हम निगमों को निधि देंगे जबकि संवैधानिक रूप से केन्द्र ऐसी किसी निधि देने के लिए बाध्य नहीं है।

श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली नगर निगम एक्ट के अंतर्गत नगर निगमों को आर्थिक संसाधन देना दिल्ली सरकार का दायित्व है और जिस प्रकार की चिंता एवं समयबद्ध टिप्पणी माननीय उच्च न्यायालय ने पांचवें वित्त आयोग की स्थापना को लेकर की है वह इस बात की पुष्टि करता है कि माननीय न्यायालय ने भी दिल्ली के निगर निगमों को आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की ही मानी है।

प्रदेश महामंत्री श्री आशीष सूद ने कहा कि यदि केजरीवाल सरकार आगामी चार-पांच दिनों के अंदर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने या नगर निगमों की आर्थिक निधि जारी नहीं करेगी तो दिल्ली प्रदेश भाजपा इसके विरूद्ध जनांदोलन करेगी।

तीनों नगर निगमों के महापौरों श्री सुभाष आर्य, श्री हर्ष मल्होत्रा एवं श्री रविन्द्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने न सिर्फ राजनीतिक द्वेष के चलते नगर निगमों को आर्थिक संसाधनों से कमजोर किया बल्कि नगर निगम कर्मचारियों को बर्गलाने, गुमराह करने तक का प्रयास किया।  उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब हठधर्मि छोड़कर चैथे वित्त आयोग की संस्तुति अनुसार आर्थिक निधि नगर निगमों के लिए जारी करनी चाहिए।

श्री सुभाष आर्य ने कहा कि जब सभी संवैधानिक प्रशासनिक रास्तों से किये गये प्रयासों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा तो कुछ नागरिक संगठन एवं एक भाजपा नेता ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष नगर निगमों की आर्थिक बदहाली को रखा और उन मामलों का संज्ञान लेकर उच्च न्यायालय का आया आदेश दिल्ली सरकार के मुंह पर तमाचा है।

श्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि यह खेद का विषय है कि पूर्वी दिल्ली जहां दिल्ली के तीन प्रमुख मंत्री श्री मनीष सिसोदिया, श्री कपिल मिश्रा और श्री गोपाल राय विधायक चुने गये हैं ऐसे क्षेत्र के साथ भी केजरीवाल सरकार ने राजनीतिक द्वेष किया।  इस द्वेष के चलते नगर निगमों की स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी मूलभूत सेवाओं के लिए भी संसाधन उपलब्ध कराने में इन मंत्रियों ने कोई रूचि नहीं ली।  इसके अतिरिक्त पूर्वी दिल्ली नगर निगम को जो स्थापना के समय निधि मिलनी थी वह पहले शीला दीक्षित और फिर केजरीवाल सरकार ने रोका हुआ है।

श्री रविन्द्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता के साथ पिछले एक साल में लगातार छल किया है और नगर निगमों को कमजोर किया।  दिल्ली की सफाई व्यवस्था चरमराती रही और केजरीवाल सरकार राजनीतिक खेल खेलते हुये बिना पैसा दिये ही सफाई कर्मियों को गुमराह करने के लिए कर्मियों से सीधे संवाद की नौटकीं करते रहे।


श्री आर्य, श्री मल्होत्रा एवं श्री गुप्ता ने कहा कि उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद अब दिल्ली सरकार अविलम्ब विधानसभा बैठक बुलाकर चैथे वित्त आयोग की रिपोर्ट को बिना शर्त स्वीकार कर उसके अनुसार दिल्ली नगर निगमों को आर्थिक निधि जारी करे। 

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