नगर निगमों कि आर्थिक समस्यायें हों या प्रशासनिक अव्यवस्था सबके लिये दिल्ली सरकार का राजनीतिक षडयंत्र जिम्मेदार
भाजपा विधायक दल ने उपराज्यपाल से चौथी दिल्ली फाइनेंस कमीशन रिपोर्ट सार्वजनिक करने के लिये विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की
श्री गुप्ता एवं विधायकों द्वारा उपराज्यपाल को दिये एक पत्र में कहा गया है कि 2009 में श्री पीएस भटनागर की अध्यक्षता में चैथे दिल्ली फाइनेंस का गठन किया गया था जिसे 2011 से 2016 के लिये अपनी रिपार्ट देनी थी जिसके अंतर्गत दिल्ली सरकार के राजस्व में से दिल्ली नगर निगम का हिस्सा तय होना था, नगर निगमों को मिलने वाले चुंगी जैसे अन्य टैक्स और फीस तय होने के साथ साथ नगर निगमों की आर्थिक स्थिति को सुधारने का प्रारूप तय होना था।
श्री गुप्ता ने पत्र में कहा है कि नगर निगमों का विभाजन हो जाने के कारण भटनागर कमीशन का कार्य रूक गया और फरवरी 2012 में पुनः नोटीफाई हुआ और मार्च 2013 में कमीशन ने अपनी रिपोर्ट दे दी। राजनीतिक कारणों के चलते तत्कालीन श्रीमती शीला दीक्षित सरकार ने और उसके बाद दिसंबर 2013 में आई श्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने चैथे दिल्ली फाइनेंस कमीशन की रिपोेर्ट को दबाकर रखा है।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली में चाहें तत्कालीन कांग्रेस की श्रीमती शीला दीक्षित सरकार हो या वर्तमान श्री अरविंद केजरीवाल सरकार हो ऐसा दर्शाते हैं कि नगर निगम निकम्मे हैं और निगम में आर्थिक अव्यवस्था है जबकि सत्य यह है कि नगर निगमों के पास पूरे आर्थिक संसाधन नहीं हैं। राजनीतिक विद्वेष के चलते दिल्ली सरकारें लगातार निगमों के साथ सौतेला व्यवहार कर निगमों को दिल्ली के राजस्व में से उचित हिस्सा नहीं दे रही हैं।
श्री गुप्ता ने कहा है आज तीनों नगर निगम कि आर्थिक समस्यायें हों या प्रशासनिक अव्यवस्था सबके लिये दिल्ली सरकार का राजनीतिक षडयंत्र जिम्मेदार है।
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