दिल्ली भाजपा विधायकों ने उपराज्यपाल से मिल तुरंत लोकायुक्त नियुक्त करने की मांग रखी
नई दिल्ली, 10 अप्रैल। दिल्ली भाजपा के विधायकों ने आज उपराज्यपाल श्री नजीब जंग से मुलाकत की और दिल्ली में तुरंत लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त नियुक्त करने की मांग रखी।
श्री विजेन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने उपराज्यपाल के संज्ञान में लाया कि संवैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार दिल्ली में लोकायुक्त का पद रिक्त होने के 6 माह में भरना अनिवार्य है पर 5 नवंबर, 2013 को तत्कालीन लोकायुक्त जस्टिस एम.एम. सरीन के सेवा निवृत्त होने के बाद से यह पद रिक्त है।
विधायकों ने उपराज्यपाल को बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय भी इस मसले को लेकर चिंतित है और 26 सितंबर 2014 को एक मामले डब्ल्यू. पी(सी) 6037/2014 के फैसले में अपनी चिंता प्रकट करते हुये तुरंत लोकायुक्त नियुक्ति की संस्तुति कर चुका है।
भाजपा विधायकों श्री गुप्ता, श्री ओ.पी. शर्मा एवं श्री जगदीश प्रधान ने कहा है कि आश्चर्य होता है कि मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी जो खुद को लोकपाल-लोकायुक्त आंदोलन के प्रहरी बताते नहीं थकते दिल्ली सरकार में लोकायुक्त की नियुक्ति पर आज भी चुप हैं और 2013-2014 में 49 दिन की सरकार में भी लोकायुक्त नियुक्ति की फाइल दबाये चले गये।
श्री गुप्ता ने कहा है ऐसा लगता है कि अपने विधायकों मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह तोमर, श्री असीम अहमद खान, श्री नरेश बल्यान, श्री संजीव झा, श्री रितुराज गोविंद, श्री अमानतुल्लाह खान, श्री अखिलेश त्रिपाठी एवं श्री सहीराम जैसों के कार्यकलाप देख मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल अब जानबूझकर लोकायुक्त नियुक्ति से किनारा कर रहे हैं। दिल्ली में अगर लोकायुक्त नियुक्त हो जाये तो शायद ऐसे विधायक कुछ ही दिनों में अयोग्य घोषित कर दिये जायेंगे।
श्री विजेन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने उपराज्यपाल के संज्ञान में लाया कि संवैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार दिल्ली में लोकायुक्त का पद रिक्त होने के 6 माह में भरना अनिवार्य है पर 5 नवंबर, 2013 को तत्कालीन लोकायुक्त जस्टिस एम.एम. सरीन के सेवा निवृत्त होने के बाद से यह पद रिक्त है।
विधायकों ने उपराज्यपाल को बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय भी इस मसले को लेकर चिंतित है और 26 सितंबर 2014 को एक मामले डब्ल्यू. पी(सी) 6037/2014 के फैसले में अपनी चिंता प्रकट करते हुये तुरंत लोकायुक्त नियुक्ति की संस्तुति कर चुका है।
भाजपा विधायकों श्री गुप्ता, श्री ओ.पी. शर्मा एवं श्री जगदीश प्रधान ने कहा है कि आश्चर्य होता है कि मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी जो खुद को लोकपाल-लोकायुक्त आंदोलन के प्रहरी बताते नहीं थकते दिल्ली सरकार में लोकायुक्त की नियुक्ति पर आज भी चुप हैं और 2013-2014 में 49 दिन की सरकार में भी लोकायुक्त नियुक्ति की फाइल दबाये चले गये।
श्री गुप्ता ने कहा है ऐसा लगता है कि अपने विधायकों मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह तोमर, श्री असीम अहमद खान, श्री नरेश बल्यान, श्री संजीव झा, श्री रितुराज गोविंद, श्री अमानतुल्लाह खान, श्री अखिलेश त्रिपाठी एवं श्री सहीराम जैसों के कार्यकलाप देख मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल अब जानबूझकर लोकायुक्त नियुक्ति से किनारा कर रहे हैं। दिल्ली में अगर लोकायुक्त नियुक्त हो जाये तो शायद ऐसे विधायक कुछ ही दिनों में अयोग्य घोषित कर दिये जायेंगे।
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