केजरीवाल द्वारा दिल्ली प्रशासन संबंधी संवैधानिक व्यवस्था में हस्तक्षेप निंदनीय - भाजपा
नई दिल्ली 01 अप्रैल 2015। भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता श्री विजेन्द्र गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अनधिकृत रूप से उपराज्यपाल और केन्द्र सरकार के कार्यो में हस्तक्षेप कर पुलिस, भूमि एवं सेवा संबंधी कार्यों में हस्तक्षेप करने की कड़े शब्दों मे निदंा की है।
श्री गुप्ता ने उपराज्यपाल श्री नजीब जंग से मांग की है कि वह केन्द्रीय गृहमंत्रालय को रिपोर्ट भेजकर श्री केजरीवाल सरकार द्वारा किये जा रहे अनधिकृत हस्तक्षेप से अवगत करायें और जब तक केन्द्र के निर्देश न मिल जाये ंतब तक पुलिस भूमि एवं सेवा संबंधी कोई भी फाइल दिल्ली सराकार के मंत्रियों को न भेजी जाये।
श्री गुप्ता ने कहा कि भारतीय संविधान की धारा 239 ए ए में दिल्ली के उपराज्यपाल केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में काम करते हैं और जो कार्य केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हंै जैसे कानून व्यवस्था व भूमि यह सीधे तौर पर केन्द्र सरकार के विषय हैं। इसीलिये इसमें उपराज्यपाल की सीधी भूमिका है परन्तु दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र न तो दिल्ली की कानून व्यवस्था और न ही भूमि है इसके बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री जबरन इन दोनों मामलों में हस्तक्षेप कर चोर दरवाजे से इन विभागों में भी सत्ता में काबिज होना चाहते हैं जो वास्तव में दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नही हैं।
श्री गुप्ता ने भारत के गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह से हस्तक्षेप की मांग करते हुये कहा है कि दिल्ली के संवेदनशील विभाग भूमि एवं कानून व्यवस्था जिस पर सीधे तौर पर केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी सुनिश्चित होती है उस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री का बिना अधिकारों व जिम्मेदारी के हस्तक्षेप से इन विभागों की कार्यप्रणाली पर विपरीत असर पड़ सकता है।
श्री गुप्ता ने उपराज्यपाल श्री नजीब जंग से मांग की है कि वह केन्द्रीय गृहमंत्रालय को रिपोर्ट भेजकर श्री केजरीवाल सरकार द्वारा किये जा रहे अनधिकृत हस्तक्षेप से अवगत करायें और जब तक केन्द्र के निर्देश न मिल जाये ंतब तक पुलिस भूमि एवं सेवा संबंधी कोई भी फाइल दिल्ली सराकार के मंत्रियों को न भेजी जाये।
श्री गुप्ता ने कहा कि भारतीय संविधान की धारा 239 ए ए में दिल्ली के उपराज्यपाल केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में काम करते हैं और जो कार्य केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हंै जैसे कानून व्यवस्था व भूमि यह सीधे तौर पर केन्द्र सरकार के विषय हैं। इसीलिये इसमें उपराज्यपाल की सीधी भूमिका है परन्तु दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र न तो दिल्ली की कानून व्यवस्था और न ही भूमि है इसके बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री जबरन इन दोनों मामलों में हस्तक्षेप कर चोर दरवाजे से इन विभागों में भी सत्ता में काबिज होना चाहते हैं जो वास्तव में दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नही हैं।
श्री गुप्ता ने भारत के गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह से हस्तक्षेप की मांग करते हुये कहा है कि दिल्ली के संवेदनशील विभाग भूमि एवं कानून व्यवस्था जिस पर सीधे तौर पर केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी सुनिश्चित होती है उस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री का बिना अधिकारों व जिम्मेदारी के हस्तक्षेप से इन विभागों की कार्यप्रणाली पर विपरीत असर पड़ सकता है।
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