केजरीवाल सरकार की मनमानी एवं जनभावनाओं से खिलवाड़ को लेकर दिल्ली भाजपा जायेगी जनता के बीच - सतीश उपाध्याय
नई दिल्ली, 20 अप्रैल। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने आज एक पत्रकार सम्मेलन को
सम्बोधित करते हुये कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में जनभावनाओं एवं लोकमर्यादाओं को एक बड़ा मुद्दा बनाकर सत्ता में आई पर आज विडम्बना यह है कि यदि पार्टी की अंदरूनी घमासान को हम छोड़ भी दें तो पार्टी के विधायकों और सरकार दोनों के कार्य लोकमर्यादाओं को छोडि़ये दिल्ली की स्थापित प्रशासनिक मर्यादाओं का भी उल्लंघन है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली प्रदेश भाजपा उपराज्यपाल श्री नजीब जंग से मुलाकात कर मांग करेगी कि वह अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा की जारी रही प्रशासनिक मनमानी पर रोक लगायें। दिल्ली में किसानों के नुकसान का अविलम्ब आंकलन कर मुआवजा दिया जाये। दिल्ली पुलिस को निर्देश दें कि ‘आप’ मंत्रियों, विधायकों एवं उनके परिजनों द्वारा की जा रही मनमानी को रोकने एवं उन पर दर्ज एफआईआर पर फोरीतौर पर कार्रवाई की जाये। कानून अनुसार विधायकों पर कानूनी कार्रवाई की जाये। मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह तोमर को तुरन्त बर्खास्त किया जाये। श्री उपाध्याय ने घोषणा की कि अगर शीघ्र यह सरकारी मनमानी नहीं रूकी तो दिल्ली भाजपा इसको लेकर दिल्ली की जनता के बीच जायेगी।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि विगत दिनों मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली देहात के किसानों एक सभा में 20,000 रूपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषणा की थी पर आज 10 दिन बाद किसान बची हुई फसल भी नहीं काट पा रहा और दिल्ली सरकार कोई आंकलन नहीं करा रही। मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमारे ग्रामीण विधायक नुकसान पर रिपोर्ट देंगे पर ऐसी कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है। ऐसा प्रतीत होता है कि श्री केजरीवाल राजनीतिक नम्बरों के लिए अब किसान की भावनाओं से खिलवाड़ करने मेें पीछे नहीं हैं।
इसी तरह श्री केजरीवाल ने अपने पिछले कार्यकाल में अपने एक आंदोलन में मृत एक पुलिस कर्मी के परिवार
को एक करोड़ रूपया मुआवजा दे राजनैतिक रोटियां सैंकी तो आज ड्यूटी पर तैनात चाचा नेहरू अस्पताल के डाॅ. दिनेश शर्मा के परिवार को स्वाइन फ्लू से मृत्यु मुआवजा देना तो दूर उनकी मृत्यु का कारण स्वाइन फ्लू को मानने को तैयार नहीं। आश्चर्य होता है कि जन भावनाओं की बात करने वाले मुख्यमंत्री की सरकार इस तरह एक शोक ग्रस्त परिवार की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है। स्मरणीय है कि उक्त डाॅ. सिंह की मृत्यु सर गंगा राम अस्पताल में स्वाइन फ्लू के कारण हुई थी।
श्री उपाध्याय ने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने अपनी पार्टी में अपना बर्चस्व बनाने के लिए दिल्ली मंे राजनैतिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुये पहली बार 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया है। सरकार ने पहले घोषणा की कि इन संसदीय सचिवों से सरकार पर कोई आर्धिक बोझ नहीं पड़ेगा पर अब सरकार ने नई घोषणा की है कि सभी 21 संसदीय सचिवों को विधानसभा परिसर में कमरे दिये जायेंगे। जब कमरे दिये जायेंगे तो स्टाफ और गाड़ी साथ आयेंगे। इससे सरकारी व्यय पर भारी बोझ पड़ेगा।
दिल्ली डायलाॅग कमीशन का उल्लेख करते हुये श्री उपाध्याय ने कहा कि पारदर्शिता के नाम पर आई सरकार द्वारा स्थापित यह कमीशन राजनीतिक समर्थकों की नियुक्तियों को लेकर गंभीर विवादों में है। वरिष्ठ अधिकारी श्री आशीष जोशी को मनमानी राजनीतिक नियुक्तियों का विरोध करने पर जिस तरह कमीशन से हटा दिया गया यह केजरीवाल सरकार की पारदर्शिता के दावों को तार-तार करता है। भाजपा ने उपराज्यपाल से मांग की है कि इस कमीशन का मुख्य अधिकारी केवल आईएएस अधिकारी को बनाया जाये न कि किसी राजनैतिक व्यक्ति को।
श्री उपाध्याय ने कहा कि आम आदमी पार्टी का चाहें 2013 का 49 दिनों का शासन हो यह फिर वर्तमान 2 माह की सरकार दिल्ली ने लगातार देखा है कि ‘आप’ विधायक किस तरह तुगलकी व्यवहार कर रहे हैं। जहां 49 दिनों की सरकार में तत्कालीन मंत्रियों श्री सोमनाथ भारती एवं सुश्री राखी बिड़लान के मामले आज भी लोक स्मृति में हैं वहीं वर्तमान सरकार में विधायक सुश्री राखी बिड़लान, श्री ऋतुराज गोविन्द, श्री मनोज कुमार, श्री संजीव झा एवं श्री अखिलेश त्रिपाठी के कानून हाथ में लेने के मामले सबके सामने हैं।
फर्जी डिग्री मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह तोमर का मामला सबको स्पष्टता दिखाई दे रहा है पर राजनैतिक मर्यादाओं के स्वयंभू रचयता श्री अरविन्द केजरीवाल उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। इसी तरह एक अन्य मंत्री श्री असीम अहमद खान पर लगे आरोप हों या विधायक श्री नरेश बाल्यिान पर शराब बांटने से जुड़ा मुकदमा सबकी जांच को सरकार लगातार दबाने का प्रयास कर रही है। जो सरकार इस हद तक राजनैतिक मर्यादाओं का हनन कर रही हो हम उससे श्री अमानुल्लाह खान या श्री सहीराम जैसे विधायकों पर कार्रवाई की तो कल्पना कर ही नहीं कर सकते।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि विधायक सुश्री राखी बिड़लान जहां अपने पिछले कार्यकाल में मंगोलपुरी में कई विवादों में पड़ी वहीं पुनः विधायक बनते ही फिर विवादों में हैं। विधायक श्री ऋतुराज एवं उन पर अपने जन्मदिन की पार्टी के दौरान कुछ लोगों से मारपीट के आरोप लग रहे थे तो अब उनकी भाभी ने आरोप लगाये हैं कि उनकी शह पर उनके भाई अपनी पत्नी से दुव्र्यवहार करते हैं। आश्चर्य का विषय है कि मुख्यमंत्री ऐसी विधायक को महिला एवं बाल कल्याण का काम देना चाहते हैं। विधायक सुश्री राखी बिड़लान को उपहार में मिली कार पर आम आदमी पार्टी सरकार की चुप्पी भी विस्मित करती है।
विधायक श्री ऋतुराज गोविन्द के खिलाफ किराड़ी की जनता एक हत्या के मामले में आरोप लगा रही है कि तो विधायकों सर्वश्री मनोज कुमार, संजीव झा एवं अखिलेश त्रिपाठी अपने अंदाज पर पुलिस प्रशासन पर अपना दबाव बनाने के लिए कार्यकत्र्ताओं से मार-पीट और दंगा कराने में पीछे नहीं हैं।
सम्बोधित करते हुये कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में जनभावनाओं एवं लोकमर्यादाओं को एक बड़ा मुद्दा बनाकर सत्ता में आई पर आज विडम्बना यह है कि यदि पार्टी की अंदरूनी घमासान को हम छोड़ भी दें तो पार्टी के विधायकों और सरकार दोनों के कार्य लोकमर्यादाओं को छोडि़ये दिल्ली की स्थापित प्रशासनिक मर्यादाओं का भी उल्लंघन है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली प्रदेश भाजपा उपराज्यपाल श्री नजीब जंग से मुलाकात कर मांग करेगी कि वह अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा की जारी रही प्रशासनिक मनमानी पर रोक लगायें। दिल्ली में किसानों के नुकसान का अविलम्ब आंकलन कर मुआवजा दिया जाये। दिल्ली पुलिस को निर्देश दें कि ‘आप’ मंत्रियों, विधायकों एवं उनके परिजनों द्वारा की जा रही मनमानी को रोकने एवं उन पर दर्ज एफआईआर पर फोरीतौर पर कार्रवाई की जाये। कानून अनुसार विधायकों पर कानूनी कार्रवाई की जाये। मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह तोमर को तुरन्त बर्खास्त किया जाये। श्री उपाध्याय ने घोषणा की कि अगर शीघ्र यह सरकारी मनमानी नहीं रूकी तो दिल्ली भाजपा इसको लेकर दिल्ली की जनता के बीच जायेगी।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि विगत दिनों मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली देहात के किसानों एक सभा में 20,000 रूपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषणा की थी पर आज 10 दिन बाद किसान बची हुई फसल भी नहीं काट पा रहा और दिल्ली सरकार कोई आंकलन नहीं करा रही। मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमारे ग्रामीण विधायक नुकसान पर रिपोर्ट देंगे पर ऐसी कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है। ऐसा प्रतीत होता है कि श्री केजरीवाल राजनीतिक नम्बरों के लिए अब किसान की भावनाओं से खिलवाड़ करने मेें पीछे नहीं हैं।
इसी तरह श्री केजरीवाल ने अपने पिछले कार्यकाल में अपने एक आंदोलन में मृत एक पुलिस कर्मी के परिवार
को एक करोड़ रूपया मुआवजा दे राजनैतिक रोटियां सैंकी तो आज ड्यूटी पर तैनात चाचा नेहरू अस्पताल के डाॅ. दिनेश शर्मा के परिवार को स्वाइन फ्लू से मृत्यु मुआवजा देना तो दूर उनकी मृत्यु का कारण स्वाइन फ्लू को मानने को तैयार नहीं। आश्चर्य होता है कि जन भावनाओं की बात करने वाले मुख्यमंत्री की सरकार इस तरह एक शोक ग्रस्त परिवार की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है। स्मरणीय है कि उक्त डाॅ. सिंह की मृत्यु सर गंगा राम अस्पताल में स्वाइन फ्लू के कारण हुई थी।
श्री उपाध्याय ने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने अपनी पार्टी में अपना बर्चस्व बनाने के लिए दिल्ली मंे राजनैतिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुये पहली बार 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया है। सरकार ने पहले घोषणा की कि इन संसदीय सचिवों से सरकार पर कोई आर्धिक बोझ नहीं पड़ेगा पर अब सरकार ने नई घोषणा की है कि सभी 21 संसदीय सचिवों को विधानसभा परिसर में कमरे दिये जायेंगे। जब कमरे दिये जायेंगे तो स्टाफ और गाड़ी साथ आयेंगे। इससे सरकारी व्यय पर भारी बोझ पड़ेगा।
दिल्ली डायलाॅग कमीशन का उल्लेख करते हुये श्री उपाध्याय ने कहा कि पारदर्शिता के नाम पर आई सरकार द्वारा स्थापित यह कमीशन राजनीतिक समर्थकों की नियुक्तियों को लेकर गंभीर विवादों में है। वरिष्ठ अधिकारी श्री आशीष जोशी को मनमानी राजनीतिक नियुक्तियों का विरोध करने पर जिस तरह कमीशन से हटा दिया गया यह केजरीवाल सरकार की पारदर्शिता के दावों को तार-तार करता है। भाजपा ने उपराज्यपाल से मांग की है कि इस कमीशन का मुख्य अधिकारी केवल आईएएस अधिकारी को बनाया जाये न कि किसी राजनैतिक व्यक्ति को।
श्री उपाध्याय ने कहा कि आम आदमी पार्टी का चाहें 2013 का 49 दिनों का शासन हो यह फिर वर्तमान 2 माह की सरकार दिल्ली ने लगातार देखा है कि ‘आप’ विधायक किस तरह तुगलकी व्यवहार कर रहे हैं। जहां 49 दिनों की सरकार में तत्कालीन मंत्रियों श्री सोमनाथ भारती एवं सुश्री राखी बिड़लान के मामले आज भी लोक स्मृति में हैं वहीं वर्तमान सरकार में विधायक सुश्री राखी बिड़लान, श्री ऋतुराज गोविन्द, श्री मनोज कुमार, श्री संजीव झा एवं श्री अखिलेश त्रिपाठी के कानून हाथ में लेने के मामले सबके सामने हैं।
फर्जी डिग्री मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह तोमर का मामला सबको स्पष्टता दिखाई दे रहा है पर राजनैतिक मर्यादाओं के स्वयंभू रचयता श्री अरविन्द केजरीवाल उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। इसी तरह एक अन्य मंत्री श्री असीम अहमद खान पर लगे आरोप हों या विधायक श्री नरेश बाल्यिान पर शराब बांटने से जुड़ा मुकदमा सबकी जांच को सरकार लगातार दबाने का प्रयास कर रही है। जो सरकार इस हद तक राजनैतिक मर्यादाओं का हनन कर रही हो हम उससे श्री अमानुल्लाह खान या श्री सहीराम जैसे विधायकों पर कार्रवाई की तो कल्पना कर ही नहीं कर सकते।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि विधायक सुश्री राखी बिड़लान जहां अपने पिछले कार्यकाल में मंगोलपुरी में कई विवादों में पड़ी वहीं पुनः विधायक बनते ही फिर विवादों में हैं। विधायक श्री ऋतुराज एवं उन पर अपने जन्मदिन की पार्टी के दौरान कुछ लोगों से मारपीट के आरोप लग रहे थे तो अब उनकी भाभी ने आरोप लगाये हैं कि उनकी शह पर उनके भाई अपनी पत्नी से दुव्र्यवहार करते हैं। आश्चर्य का विषय है कि मुख्यमंत्री ऐसी विधायक को महिला एवं बाल कल्याण का काम देना चाहते हैं। विधायक सुश्री राखी बिड़लान को उपहार में मिली कार पर आम आदमी पार्टी सरकार की चुप्पी भी विस्मित करती है।
विधायक श्री ऋतुराज गोविन्द के खिलाफ किराड़ी की जनता एक हत्या के मामले में आरोप लगा रही है कि तो विधायकों सर्वश्री मनोज कुमार, संजीव झा एवं अखिलेश त्रिपाठी अपने अंदाज पर पुलिस प्रशासन पर अपना दबाव बनाने के लिए कार्यकत्र्ताओं से मार-पीट और दंगा कराने में पीछे नहीं हैं।
Comments
Post a Comment