ग्रामीण स्कूल भवनों की हालत जर्जर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की जान खतरे में: सरकार को हादसे का इंतजार - विजेन्द्र गुप्ता
नई दिल्ली, 6 सितम्बर । दिल्ली सरकार के षिक्षा विभाग की घोर लापरवाही के कारण स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों छात्र-छात्राओं का जीवन गंभीर खतरे में है । दर्जनों स्कूलों की हालत इतनी जर्जर है कि वहाँ कभी भी पूरी बिल्डिंग गिर सकती है और विद्यार्थियों की जान खतरे में पड़ सकती है ।
नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री तथा षिक्षा मंत्री से मांग की है कि वे दिल्ली सरकार के अंतर्गत चल रहे सभी स्कूल भवनों की जाँच करायें और जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण के लिए तत्काल योजना बनाकर उसे लागू करें । श्री गुप्ता ने चेतावनी दी है कि यदि दिल्ली सरकार के किसी भी स्कूल भवन जर्जर हालत के कारण गिरता है और इससे बच्चों की जान माल खतरे में पड़ती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और षिक्षामंत्री की होगी ।
श्री गुप्ता ने बताया कि दिल्ली के अनेक अभिभावकों ने उनसे मिलकर जानकारी दी कि कंझावला, बुराड़ी, नजफगढ़, नांगलोई, ढका गाँव, षाहबाद डेयरी आदि स्थानों पर स्थित दिल्ली सरकार के स्कूलों के भवन जर्जर अवस्था में हैं । ये भवन कभी भी गिर सकते हैं और बड़ी अनहोनी घटना घट सकती है । ग्रामीण इलाकों में चल रहे दिल्ली सरकार के स्कूलों की हालत काफी खराब है । जिन भवनों में कक्षाएं चलती हैं, उनकी हालत इतनी बुरी है कि वे कभी भी ढह सकते हैं । स्कूल भवनों में लम्बी और गहरी दरारें पड़ गयी हैं । अनेक विद्यालयों में षौचालयों, पेयजल आदि का अभाव है । इस कारण अभिभावकगण अपने बच्चों को स्कूल भेजते हुए डरते हैं कि कहीं किसी रोज कोई बड़ी दर्दनाक घटना न घट जाए।
कंझावला गांव के अभिभावकों तथा आवासीय कल्याण समितियों के पदाधिकारियों ने इस बारे में षिक्षा विभाग और दिल्ली सरकार से षिकायत की है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है । एक तरफ दिल्ली सरकार करोड़ों रुपये के विज्ञापन देकर जनता को बता रही है कि उसने षिक्षा का बजट डेढ़ गुणा कर दिया है, दूसरी ओर जनता की षिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है । सरकार झूठी वाहवाही लूटने के लिए आए दिन घोशणा करती है कि दिल्ली में हजारों नए स्कूल खोले जाएंगे, लेकिन इस समय जो स्कूल चल रहे हैं उनकी दषा सुधारने के लिए सरकार के पास न नीति है, न नीयत है ।
नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री तथा षिक्षा मंत्री से मांग की है कि वे दिल्ली सरकार के अंतर्गत चल रहे सभी स्कूल भवनों की जाँच करायें और जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण के लिए तत्काल योजना बनाकर उसे लागू करें । श्री गुप्ता ने चेतावनी दी है कि यदि दिल्ली सरकार के किसी भी स्कूल भवन जर्जर हालत के कारण गिरता है और इससे बच्चों की जान माल खतरे में पड़ती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और षिक्षामंत्री की होगी ।
श्री गुप्ता ने बताया कि दिल्ली के अनेक अभिभावकों ने उनसे मिलकर जानकारी दी कि कंझावला, बुराड़ी, नजफगढ़, नांगलोई, ढका गाँव, षाहबाद डेयरी आदि स्थानों पर स्थित दिल्ली सरकार के स्कूलों के भवन जर्जर अवस्था में हैं । ये भवन कभी भी गिर सकते हैं और बड़ी अनहोनी घटना घट सकती है । ग्रामीण इलाकों में चल रहे दिल्ली सरकार के स्कूलों की हालत काफी खराब है । जिन भवनों में कक्षाएं चलती हैं, उनकी हालत इतनी बुरी है कि वे कभी भी ढह सकते हैं । स्कूल भवनों में लम्बी और गहरी दरारें पड़ गयी हैं । अनेक विद्यालयों में षौचालयों, पेयजल आदि का अभाव है । इस कारण अभिभावकगण अपने बच्चों को स्कूल भेजते हुए डरते हैं कि कहीं किसी रोज कोई बड़ी दर्दनाक घटना न घट जाए।
कंझावला गांव के अभिभावकों तथा आवासीय कल्याण समितियों के पदाधिकारियों ने इस बारे में षिक्षा विभाग और दिल्ली सरकार से षिकायत की है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है । एक तरफ दिल्ली सरकार करोड़ों रुपये के विज्ञापन देकर जनता को बता रही है कि उसने षिक्षा का बजट डेढ़ गुणा कर दिया है, दूसरी ओर जनता की षिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है । सरकार झूठी वाहवाही लूटने के लिए आए दिन घोशणा करती है कि दिल्ली में हजारों नए स्कूल खोले जाएंगे, लेकिन इस समय जो स्कूल चल रहे हैं उनकी दषा सुधारने के लिए सरकार के पास न नीति है, न नीयत है ।
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