केजरीवाल बतायें उन्होंने कपिल मिश्रा को कानून विभाग से क्यों हटाया ? - सतीश उपाध्याय
शीला सरकार के दौरान दिल्ली जल बोर्ड घोटाले पर दिल्ली सरकार श्वेतपत्र जारी करें और शीला दीक्षित तथा अन्य के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने के तुरन्त आदेश दे
है कि केजरीवाल सरकार के प्रवक्ताओं का यह कहना, जैसा कि आज समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया है कि श्री कपिल मिश्रा को इस कारण कानून विभाग से मुक्त किया गया क्योंकि वह नये और अनुभवहीन मंत्री थे और उनके ऊपर अनेक विभागों के कार्य का भार था, संतोषजनक नहीं है।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि आम आदमी पार्टी स्वयं ही एक नई पार्टी है और श्री अरविन्द केजरीवाल तथा श्री मनीष सिसोदिया सहित सभी मंत्री और विधायक, प्रशासन के क्षेत्र में नये हैं। अतः यह कैसे कहा जा सकता है कि श्री कपिल मिश्रा ही नये और अनुभवहीन हैं।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि वास्तविकता यह है कि ईमानदारी और नैतिकता के इन नये समर्थकों से अलग श्री कपिल मिश्रा ऐसे परिवार के हैं जो भ्रष्टाचार से लड़ता रहा है। दिल्ली में वे पुराने निवासी हैं और जिन्होंने स्वयं पानी का संकट देखा है और उनके पास दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की चाहत रही है। उन्हें ज्यों ही यह जिम्मेदारी मिली और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का मौका मिला श्री मिश्रा ने वाटर टैंकर घोटाले की जांच पूरी की और श्रीमती शीला दीक्षित सहित अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने की सिफारिश की।
श्री अरविन्द केजरीवाल ने भ्रष्टाचार पर रोक लगाने पर कभी गंभीरता से काम नहीं किया और उन्होंने केवल इसे सत्ता पाने का माध्यम बनाया क्योंकि उन्हें यह मालूम था कि दिल्ली के लोग कांग्रेस के 15 वर्षों के भ्रष्टाचार से परेशान हो चुके हैं।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि वर्ष 2013 में दिल्ली में सरकार बनाने के लिए श्री केजरीवाल ने कांग्रेस का समर्थन लिया और अब बिहार में भ्रष्ट कांग्रेस-लालू और नीतीश के गठबंधन को समर्थन देकर उन्होंने अपने इरादे साफ कर दिये हैं। उनके लिए भ्रष्टाचार के विरूद्ध बातें करना केवल एक राजनीतिक नौटंकी है।
श्री उपाध्याय ने मांग की है कि दिल्ली सरकार दिल्ली जल बोर्ड पर एक श्वेत पत्र तुरन्त लाये और 24 घंटे के भीतर उस पत्र को भी सार्वजनिक करे जिसमें श्री कपिल मिश्रा ने श्रीमती शीला दीक्षित और अन्य लोगों के विरूद्ध मुकदमा चलाने की सिफारिश की है। यदि दिल्ली सरकार ऐसा नहीं करती तो दिल्ली भाजपा श्री केजरीवाल के त्याग पत्र और श्रीमती शीला दीक्षित के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर एक विशाल आंदोलन शुरू करेगी।
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