बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं कपिल मिश्रा, कपिल के आरोप झूठे और बेबुनियाद

अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड की तरह दिल्ली में भी लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है बीजेपी, केजरीवाल सरकार को गिराने की साज़िश

जिस प्रकार से दिल्ली सरकार की कैबिनेट से बाहर किए गए कपिल मिश्रा ने झूठे और बेबुनियाद आरोप आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल पर लगाए हैं उन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं हैं और सही मायने में वो पूरी तरह से निराधार हैं। मंत्री पद चले जाने की वजह से कपिल मिश्रा इतने बौखला गए हैं कि वो अब अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं जिनमें कोई सच्चाई नहीं हैं। कपिल मिश्रा आज भारतीय जनता पार्टी की भाषा बोल रहे हैं और भाजपा के सुर में सुर मिलाकर ही झूठे आरोप लगा रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लेकर गोवा तक में जिस प्रकार से लोकतंत्र की हत्या करके भाजपा सरकारों को गिराने और विधायकों को तोड़ने का काम करती है ठीक उसी तरह से अब दिल्ली में भी लोकतांत्रिक तरीके से प्रचंड बहुमत के साथ चुनी गई केजरीवाल सरकार को गिराने की साज़िश भारतीय जनता पार्टी द्वारा रची जा रही है।
पार्टी कार्यालय में आयोजित हुई प्रैस कॉंफ्रेंस में बोलते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि ‘यह बड़ा अजीब है कि एक व्यक्ति का मंत्री पद छीन लिया जाता है तो वो इतना बौखला जाता है कि बिना सिर-पैर की बातें करने लग जाता है। कपिल मिश्रा उसी बौखलाहट में पूरी तरह से बेबुनियाद, झूठे, बिना किसी आधार के और बिना सिर-पैर के आरोप दिल्ली के मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ लगा रहे हैं जिनका कोई साक्ष्य या सुबूत कपिल मिश्रा के पास मौजूद नहीं है। और ऐसे झूठे और बेकार के आरोपों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री इस्तीफ़ा नहीं देने वाले’
‘आरोप लगाने वाले बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा अपने आरोपों के पक्ष में यह बताने को तैयार नहीं हैं कि वो कब और किस वक्त मुख्यमंत्री जी से मिलने गए थे? सच्चाई यह है कि एक झूठ हवा में छोड़ दिया गया है जिसके बचाव में अब उनके पास कोई तथ्य ही नहीं है। कपिल मिश्रा यह बताने को तैयार नहीं हैं कि वो मुख्यमंत्री के पास आखिर करने क्या गए थे? इनमें से किसी बात का कपिल मिश्रा के पास कोई जवाब नहीं है क्योंकि सच्चाई यह है कि वो झूठे आरोप लगा रहे हैं जिसे साबित करने के लिए उनके पास ना कोई तथ्य है और ना कोई सुबूत।‘
‘जिस टैंकर घोटाले की बात कपिल मिश्रा कर रहे हैं, पहली बात तो यह कि वो घोटाला शीला दीक्षित जी की सरकार से जुड़ा हुआ है और दूसरी यह बात कि इसी टैंकर घोटाले की जांच बीजेपी शासित केंद्र सरकार के आधीन आने वाली एसीबी कर रही है, हम पूरी ज़िम्मेदारी के साथ मीडिया को यह चिठ्ठी भी दे रहे हैं जो खुद कपिल मिश्रा ने बतौर पर मंत्री साल 2016 में एसीबी के अफ़सर को लिखी थी जिसमें उन्होंने एसीबी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि
“ऐसा प्रतीत होता है कि एसीबी टैंकर घोटाले में शीला दीक्षित को बचाना चाहती है और येन-केन-प्रकारेण दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी के नाम को ज़बरदस्ती घसीटना चाहती है, जानबूझ कर यह दबाव बनाया जा रहा है कि किसी भी तरह से अरविंद केजरीवाल जी का नाम इस टैंकर के मामले में डाल दिया जाए ताकि दिल्ली के मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज़ किया जा सके जबकि सच्चाई यह है कि टैंकर मामले की पूरी रिपोर्ट में अरविंद केजरीवाल का कहीं कोई नाम तक नहीं है और निश्चित रुप से एसीबी भारतीय जनता पार्टी के भयंकर दबाव में काम कर रही है जो दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ एक बड़ी साज़िश का हिस्सा है”
‘उक्त आरोप खुद कपिल मिश्रा ने एसीबी पर अपनी चिठ्ठी में लगाए थे, आज कपिल मिश्रा को वही एसीबी इतनी ईमानदार लग रही है कि वो खुद अरविंद केजरीवाल जी की शिकायत लेकर उनके पास गए हैं। जिस एसीबी पर बीजेपी के दबाव में काम करने का आरोप खुद कपिल मिश्रा लगाते थे आज उसी एसीबी की और भारतीय जनता पार्टी की भाषा वो खुद बोल रहे हैं।‘
‘इन सब में ग़ौर करने वाली बात यह भी है कि इन्हीं कपिल मिश्रा ने जब नरेंद्र मोदी जी पर सहारा-बिरला की डायरी के आधार पर 64 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का आरोप लगाया था तो बीजेपी के नेता आरोपों को झूठ बताकर इसी कपिल मिश्रा को झूठा और ना जाने क्या-क्या बोल रहे थे और आज जब वही कपिल मिश्रा दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी पर झूठे आरोप मढ़ रहा है तो बीजेपी की नज़र में वो कपिल मिश्रा आज राजा हरीशचंद्र हो गया है और यही बीजेपी के दोगलेपन को दर्शाता है‘
‘देश में आज आंतकवाद की वजह से हमारे जवानों के सिर काटे जा रहे हैं, नक्सली हमले में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, कश्मीर में हिंसा का माहौल है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के पास इन सारी समस्याओं को ख़त्म करने का मकसद नहीं है बल्कि उनका मकसद दिल्ली सरकार को गिराना और आम आदमी पार्टी को ख़त्म करना है। आम आदमी पार्टी का गुनाह यह है कि वो सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलकर इस देश के आम आदमी और ग़रीब आदमी की आवाज़ को उठा रही है और शायद आम आदमी पार्टी को इसी बात की सज़ा दी जा रही है। हम देश को फिर से बताना चाहेंगे कि आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के गर्भ से हुआ था और हम भ्रष्टाचार के मुद्दे पर किसी भी स्थिति में समझौता नहीं करेंगे, भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ पहले भी आवाज़ उठाते आए हैं और आगे भी आवाज़ उठाते रहेंगे, भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ते रहेंगे।

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