मर्यादाहीन राजनीति छोड़ या तो मुख्यमंत्री काम करें या फिर इस्तीफा दें
आफिस आफ प्रोफिट बिल का ठुकराया जाना एवं 11 माह दबाने के बाद दिल्ली जल बोर्ड टैंकर घोटाले को स्वीकारना मुख्यमंत्री केजरीवाल की नैतिक हार
भाजपा उपराज्यपाल से मांग करेगी कि मूल अभियुक्तों के साथ मामले को दबाने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल का नाम भी एफ.आई.आर. में दर्ज हो
भाजपा नेताओं ने कहा कि कल तेजी से बढ़े राजनीतिक घटनाक्रम के साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवल और उनकी सरकार के झूठ जनता के सामने उजागर हुये हैं। कल भारत के राष्ट्रपति महोदय द्वारा दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गये आफिस आफ प्रोफिट बिल को ठुकराये जाने के अलावा जिन परिस्थितियों में भाजपा के दबाव में केजरीवाल सरकार को दिल्ली जल बोर्ड मंे हुये 400 करोड़ रूपये के पानी के टैंकर के घोटाले को स्वीकारना पड़ा यह मुख्यमंत्री केजरीवाल की नैतिक हार है जिसके चलते उन्हें अब इस्तीफा देना चाहिए।
श्री विजेन्द्र गुप्ता एवं श्री आशीष सूद ने कहा कि जिस तरह कल माननीय उपराज्यपाल को लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने टिप्पणी की है वह संवैधानिक मर्यादाओं के प्रति उनकी अराजकता के साथ-साथ उनकी मानसिक अस्वस्थता का प्रमाण है। बेहतर होगा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल अब प्रधानमंत्री, उपराज्यपाल एवं अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों पर टिप्पणी करने की जगह अपने मानस में सुधार लायें।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली भाजपा प्रारम्भ से ही आफिस आफ प्रोफिट बिल के मामले में केजरीवाल सरकार पर राजनीतिक दबाव बनाकर इन विधायकों के इस्तीफे मांगती रही है। इस सारे मामले को उजागर करने में भाजपा के गत विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे श्री विवेक गर्ग की प्रमुख भूमिका रही जिन्होंने आर.टी.आई. के माध्यम से इन विधायकों को सरकारी सुविधायें दिये जाने के साक्ष्य देश के समक्ष रखे और वह इस मामले में चुनाव आयोग में चल रहे मामले में भी पक्षकार हैं।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि अब माननीय राष्ट्रपति महोदय द्वारा संसदीय सचिव बने इन विधायकों को बचाये जाने संबंधी विधानसभा में पारित बिल को ठुकराये जाने के बाद केजरीवाल सरकार के पास इन विधायकों से इस्तीफा दिलवाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपनी गलती तो उसी दिन स्वीकार कर ली थी जब आफिस आफ प्रोफिट बिल में पूर्व तारीख से लागू होने का प्रावधान किया था जिसका सीधा मतलब था कि सरकार ने यह स्वीकार कर लिया है कि उसे मालूम है कि उसने गैर संवैधानिक निर्णय लिया।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि इसी तरह दिल्ली जल बोर्ड में हुये 400 करोड़ रूपये के पानी टैंकर घोटाले की जांच को जिस तरह मुख्यमंत्री केरजीवाल ने 11 महीने तक दबा कर रखा वह अपने आप में एक भ्रष्टाचार है। कल भी जो पत्र दिल्ली सरकार ने जल बोर्ड घोटाले को लेकर उपराज्यपाल महोदय को लिखा है वह अपने आप में पुनः तत्कालीन मुख्यमंत्री को बचाव का समय देने का रास्ता है। सरकार के पास 15 जुलाई, 2015 से फैक्ट फाइडिंग कमेटी की रिपोर्ट थी जिसमें स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त थी तो फिर आखिर क्यों अब मुख्यमंत्री केरजीवाल स्वयं ए.सी.बी. या सी.बी.आई. में एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराते ?
2/-
- - 2 - -
प्रदेश महामंत्री श्री आशीष सूद ने कहा कि सम्भवतः केजरीवाल सरकार अपनी पूर्ववर्ती शीला दीक्षित सरकार को जल बोर्ड घोटाले में इसलिए बचाना चाहती है क्योंकि स्वयं वह भी आज दिल्ली जल बोर्ड में चल रहे पानी के टैंकर घोटाले से आर्थिक लाभ ले रही है। दिल्ली हाल ही में सरकार ने 429 नये पानी के टैंकर लाते हुये दावा किया था कि अब पानी की किल्लत नहीं रहेगी पर स्थिति बिलकुल दूसरी है। आज भी दिल्ली के हर कोने में पानी की किल्लत है पुनर्वास बस्तियों, अनधिकृत कालोनियों एवं शहरीकृत गांवों में जहां दिल्ली की आधी आबादी बसती है में पानी के लिए हाहाकार है जिसका नमूना हमनें हाल ही में महिपालपुर में मीडिया के माध्यम से देखा।
श्री आशीष सूद ने पत्रकारों से महिपालपुर में पानी को लेकर मारपीट की घटना में जो महिलायें सम्मिलित थीं उनका परिचय कराते हुये कहा कि ये महिलायें आज यहां यह बताने के लिए आईं हैं कि किस तरह क्षेत्रीय विधायक कर्नल देवेन्द्र सहरावत ने उनको धमकाया और झूठ बालेने के लिए मजबूर किया। महिपालपुर की इन महिलाओं से कहा गया कि या तो यह एक समाचार पत्र में छपी कहानी को नकारें या फिर इनको जो सप्ताह में एक टैंकर भेजा जा रहा है वह भी बंद कर दिया जायेगा।
श्री आशीष सूद ने कहा कि जिस तरह भाजपा द्वारा इस महिपालपुर के इस मामले को उठाये जाने के बाद जल मंत्री कपिल मिश्रा और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने स्वयं भी संबंधित पत्रकार को सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित करने का आडंबर रचा वह कहीं न कहीं केजरीवाल सरकार द्वारा टैंकरों से पानी वितरण के मामले को दबाने का प्रयास था। भाजपा ने लगातार कहा है कि दिल्ली जल बोर्ड में केजरीवाल सरकार के दौरान भी टैंकरों से पानी वितरण के नाम पर बड़ा घोटाला चल रहा है जिसका प्रमाण है दिल्ली के हर कोने में हो रही पानी के लिए हाहाकार।
प्रदेश महामंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने कहा कि मंत्री कपिल मिश्रा द्वारा पत्रकार को प्रताड़ित करने का यह पहला मौका नहीं किसी भी विरोध पर पत्रकारों या फिर राजनीतिक विरोधियों को व्यक्तिगत तोर पर प्रताड़ित करना मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके सहयोगियों की कार्यशैली का भाग है। हमनें इस सरकार को पहले भी पत्रकारों पर प्रतिबंध लगाते देखा है, उपराज्यपाल को पहले भी अनेक बार अपमानित करने का प्रयास किया गया है और अभी हाल ही में जब हमारे नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने प्रीमियम एप बस सेवा घोटाले की शिकायत ए.सी.बी. में की एवं विधानसभा में टैंकर घोटाले को उठाया तो केजरीवाल सरकार ने प्रतिशोधात्मक रूप से उन पर एवं उनकी पत्नी पार्षद डाॅ. शोभा विजेन्द्र पर एक दिव्यांग महिला श्रीमती हरभजन कौर की सामाजिक पेंशन मामले को लेकर व्यक्तिगत आरोप लगाये थे। श्री गुप्ता ने गत सप्ताह ही पेंशन मामले में अपने पक्ष को साफ कर यह स्थापित कर दिया है कि दिव्यांग श्रीमती हरभजन कौर पेंशन मामले में उनकी पत्नी की भूमिका संस्तुति से अतिरिक्त कुछ नहीं। ऐसे में विधानसभा में अपनी घोषणा अनुसार अब मुख्यमंत्री केजरीवाल को आगे आना चाहिए और दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में एफ.आई.आर. स्वयं दर्ज करानी चाहिए।
प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली सरकार द्वारा पत्रकारों से बार-बार दुव्र्यवहार की निंदा की और कहा कि ऐसा कर केजरीवाल सरकार लोकतंत्र के चैथे स्तंभ के विरूद्ध अपनी अराजक मानसिकता को दर्शाती है।
श्री आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली प्रदेश भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के उपराज्यपाल श्री नजीब जंग से मिलेगा और उनसे अनुरोध करेगा कि वह अपने विवेक अनुसार दिल्ली जल बोर्ड के 400 करोड़ रूपये के पानी टैंकर घोटाले की जांच के आदेश ए.सी.बी. या सी.बी.आई. जिस भी एजेंसी को दें पर जांच जहां मूल घोटाले पर हो वहीं साथ ही इस विषय की भी हो कि आखिर क्यों मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 11 माह तक फैक्ट फाइडिंग कमेटी की रिपोर्ट को दबाया। भाजपा मांग करती है कि इस मामले में जो एफ.आई.आर. दर्ज हो उसमें मूल अभियुक्तों के साथ-साथ मामले को दबाने के लिए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर भी मामला दर्ज हो।
Comments
Post a Comment