केजरीवाल दिल्ली में पूर्ण राज्य के दर्जे के मुद्दे को इसलिए उठा रहे है ताकि उनके द्वारा बनाये गए असंवैधानिक तरीके से 21 संसदीय सचिवों की सदस्यता की बरखास्तगी तथा दिल्ली में हो रहे बिजली व पानी के संकट से दिल्ली की जनता का ध्यान हटाया जा सके।
Ø आम आदमी पार्टी की स्थापना झूठ की बुनियाद पर हुई है और चुनाव से पहले किए गए बड़े-बड़े वायदों पर पूरी तरह से फेल रही है आम आदमी पार्टी
Ø अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए अरविन्द केजरीवाल नये-नये संकट पैदा कर देते है ताकि दिल्ली की जनता का ध्यान विकास के मुददो से हटाया जा सके।
Ø केजरीवाल दिल्ली में पूर्ण राज्य के दर्जे के मुद्दे को इसलिए उठा रहे है ताकि उनके द्वारा बनाये गए असंवैधानिक तरीके से 21संसदीय सचिवों की सदस्यता की बरखास्तगी तथा दिल्ली में हो रहे बिजली व पानी के संकट से दिल्ली की जनता का ध्यान हटाया जा सके।
Ø भारत में जनमत संग्रह गैर संवैधानिक है क्योंकि केशवानन्द भारती केस में सर्वोच्च न्यायालय के 13 न्यायधीशों की बैंच ने भी जनमत संग्रह को सिरे से नकार दिया था।
नई दिल्ली, 27 जून, 2016 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि केजरीवाल हर बात को लेकर झूठ बोलते है और उन्होंने चुनाव से पहले दिल्ली की जनता को जो बड़े-बड़े वायदे किए थे उनको पूरा करने में नाकाम रहे हैं तथा अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए नये-नये संकट पैदा कर देते है ताकि दिल्ली की जनता का ध्यान विकास के मुददो से हटाया जा सके। श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली में पूर्ण राज्य के दर्जे के मुद्दे को इसलिए उठा रहे है ताकि उनके द्वारा बनाये गए असंवैधानिक तरीके से 21 संसदीय सचिवों की सदस्यता की बरखास्तगी तथा दिल्ली में हो रहे बिजली व पानी के संकट से दिल्ली की जनता का ध्यान हटाया जा सके। संवाददाता सम्मेलन को छाया समिति के सदस्य श्री अमन पंवार ने भी संबोधित किया।
संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि केजरीवाल अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए कभी प्रधानमंत्री,उपराज्यपाल, प्रशासनिक अधिकारियों तथा कांग्रेस पार्टी को कोसने लगते है और प्रत्येक दिन एक नया संकट पैदा करके दिल्ली की जनता का ध्यान विकास से हटाने का निरन्तर प्रयास करते रहते है। श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि कहां तो एक तरफ केजरीवाल ने बिजली के बिलों को आधा करने तथा मुफ्त पानी दिल्ली की जनता को देने की बात कही थी परंतु आज दिल्ली में बिजली और पानी का जो संकट पैदा हुआ है वह दिल्ली के इतिहास में कभी नही हुआ।
श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की स्थापना भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जनलोकपाल की स्थापना के लिए हुई थी। केजरीवाल के झूठ को हम आम आदमी पार्टी की सरकार के 2015 के जनलोकपाल बिल से समझ सकते है क्योंकि उन्होंने कहा था कि इस जनलोकपाल बिल में कोई वित्तिय निहितार्थ नही है। इसलिए उन्होंने इस बिल को विधानसभा में रखने से पहले उपराज्यपाल की मंजूरी नही ली थी। क्योंकि यदि किसी बिल में वितिय निहितार्थ होता है तो उसके लिये उपराज्यपाल की पहले से मंजूरी लेनी जरुरी होती है। दूसरी ओर 2014 के जनलोकपाल बिल में 12.11 करोड़ रुपये की बात कही गई थी जबकि नये आफिस की बिल्डिंग तथा जमीन उसमें शामिल नही थी। क्या जनलोकपाल कार्यालय में कर्मचारी नही होंगे, क्या वे वेतन नही लेगें। श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि इसी प्रकार केजरीवाल ने 21 संसदीय सचिव बना डाले बिना उपराज्यपाल की अनुमति के। जबकि 13/3/2015 के दिल्ली सरकार के आदेश के अनुसार संसदीय सचिवों को कार्यालय के लिए जगह तथा सरकारी गाड़ी का प्रावधान रखा गया था। जब केजरीवाल ने अपने आप को 21 संसदीय सचिवांे तथा दिल्ली में बिजली व पानी के संकट से घिरा पाया तो उन्होंने दिल्ली की जनता को भ्रमित करने के लिए दिल्ली में जनमत संग्रह की बात कर डाली।
श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली के सूचना व प्रचार-प्रसार विभाग में 80 कर्मचारियों की नियुक्ति मोटे वेतन पर कर रखी है जो कि सरकार को किस प्रकार अपने किए गए कार्यो की सूचना व प्रचार-प्रसार जनता तक पहुचानी चाहिए इसके लिए कार्य करते है। परंतु केजरीवाल को पता है कि उनकी नाकामियों के कारण जनता में उनकी छवि बड़ी तेजी से गिर रही है, जिसको बचाने के लिए उन्होंने परफेक्ट रिलेशन नाम की एक प्राईवेट कम्पनी को दिल्ली की जनता की खून पसीने की कमाई के 200 करोड़ रुपये देकर उनको अनुबंधित किया। जून 2015 में जब केजरीवाल के मंत्री जितेन्द्र तौमर कानून की फर्जी डिग्री के चलते जेल गए थे तथा उनके दूसरे मंत्री सोमनाथ भारती पर उनकी पत्नी द्वारा घरेलू हिंसा के आरोप लगाये गए थे उस समय भी केजरीवाल ने दिल्ली की जनता का ध्यान बांटने के लिए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए जनमत संग्रह की बात कही थी।
श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि एक मुख्यमंत्री द्वारा जनमत संग्रह जैसी बात दिल्ली में करवाये जाना बड़ी गैर जिम्मेदाराना कदम है क्योंकि अरविन्द केजरीवाल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए ऐसे बयान दे रहे है। श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए14 बिल 2 महीने पहले ही केन्द्र सरकार ने वापस कर दिए थे। उन्होंने कहा कि बड़ी अजीब बात है कि केजरीवाल सरकार ने वापिस आए विधायकों के वेतन बढ़ौतरी के बिल में संशोधन करके उसको तो पास करवा लिया परंतु उन्होंने जनलोकपाल बिल पर आज तक कोई कार्यवाही नही की है।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री अमन पंवार ने कहा कि केजरीवाल जिस जनमत संग्रह की बात दिल्ली के लिए कर रहे है उसकी अनुमति भारतीय संविधान नही देता। उन्होंने केशवानन्द भारती के मुकद्मे का हवाला देते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के 13 न्यायधीशों की खंडपीठ ने भारत में जनमत संग्रह को सिरे से नकार दिया था इसी प्रकार 44 संविधान संशोधन में आये जनमत संग्रह को भी भारतीय संसद ने हटा कर वह संशोधन पास किया था। उन्होंने श्री अरविन्द केजरीवाल से यह प्रश्न पूछा कि क्या उनके पास केशवानन्द भारती केस में आऐ 13न्यायधीशों के फैंसले की कोई काट है जो वे दिल्ली में पूर्ण राज्य के मुद्दे को लेकर जनमत संग्रह करवाना चाहते है।
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