AAP ने आयोजित किया राष्ट्रीय किसान सम्मेलन, 20 राज्यों के किसान प्रतिनिधियों ने की शिरक़त

किसानों के अधिकारों को लेकर आम आदमी पार्टी लड़ेगी देशव्यापी लड़ाई, 26 नम्बर को दिल्ली में होगी विशाल किसान रैली

शनिवार को राजधानी दिल्ली स्थित कॉस्टीट्यूशनल क्लब में आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें देशभर के 20 राज्यों के किसान प्रतिनिधि, पार्टी के पदाधिकारी, किसान नेता और पार्टी के अन्य नेताओं ने शिरक़त की। इस सम्मेलन के दूसरे सत्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी किसान प्रतिनिधियों से उनकी समस्याओं पर बात की।

आम आदमी पार्टी द्वारा आयोजित किए गए किसान सम्मेलन में देशभर के किसानों की समस्याओं पर चर्चा की गई और अलग-अलग प्रस्ताव पेश किए गए, एक व्यापक चर्चा और मंथन के बाद फ़ैसला लिया गया कि आम आदमी पार्टी किसानों की मांगों और उनके अधिकारों की लड़ाई को पूरे देश में लड़ेगी और इस आंदोलन को देश के कोने-कोने तक ले जाया जाएगा। किसानों की मांगों को लेकर सितम्बर-अक्टूबर-नवम्बर महीने के दौरान पार्टी पूरे देश में किसान अधिकार यात्रा का आयोजन करेगी और किसानों की मांगों को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा जिसके बाद 26 नवम्बर को राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी एक बड़ी किसान रैली का आयोजन करेगी जिसमें देशभर के किसान हिस्सा लेंगे। साथ ही यह भी फ़ैसला हुआ कि जिस प्रकार का किसान सम्मेलन राजधानी दिल्ली में आयोजित हुआ है ठीक इसी तरह का किसान सम्मेलन देश के अलग-अलग राज्यों में आम आदमी पार्टी जुलाई-अगस्त और सितम्बर महीने में आयोजित करेगी जिसमें राज्यों के किसानों के साथ उनकी समस्याओं को लेकर चर्चा की जाएगी।

सम्मेलन में शिरक़त करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘देश के किसानों के साथ धोख़ा किया गया है, पहले की कांग्रेस सरकारों ने देश की इस 80 प्रतिशत आबादी को कुछ नहीं दिया उसके बाद भाजपा ने किसानों से वादा किया कि भाजपा सरकार आएगी तो स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया जाएगा और किसानों को उनकी लागत में 50 फ़ीसदी मुनाफ़ा जोड़ कर समर्थन मूल्य दिया जाएगा, आज देश में भाजपा सरकार को बने तीन साल हो गए हैं लेकिन आज जब किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरता है तो किसानों पर गोलीबारी कर दी जाती है जिससे कई किसानों की मौत हो जाती है। ऐसी भी जानकारी है कि अब तो केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफ़नामा देकर यह कहा है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं की जाएगी और यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है और किसानों के साथ अन्याय है‘

‘कांग्रेस हो या बीजेपी, दोनो पार्टियों की सरकारों ने किसानों के साथ धोख़ा किया है और उनकी पीठ में छुरा घोपा है। देश के किसान पर अगर 1 लाख या 2 लाख का लोन होता है और वो फ़सल खराब होने के चलते लोन नहीं चुका पाता तो उसे सरकार परेशान करती हैं और किसान को आत्महत्या करनी पड़ती है लेकिन विजय माल्या जैसा उद्योगपति जिस पर 9 हज़ार करोड़ का लोन होता है तो सरकार उसे रात के अंधेरे में लंदन भगा देती है। कुछ उग्योगपतियों पर हज़ारों और लाखों करोड़ का कर्ज़ बकाया है लेकिन सरकार उन उद्योगपतियों को कुछ नहीं कहती है। अगर उन उद्योगपतियों से पैसा लेकर किसानों का लोन माफ़ कर दिया जाए तो देश का किसान तकलीफ़ से बाहर निकलेगा और आत्महत्या नहीं करेगा, लेकिन ऐसा देश की सरकार करती नहीं है। देश में ये दोहरा मापदंड मौजूदा सरकार और पहले की सरकारें अपनाती आई हैं।‘

पार्टी संयोजक ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ‘जब किसान के पास ज्यादा उपज होती है तो सरकार देश के किसानों से ख़रीद करने कि बजाए विदेशों से आयात करती है, जो ग़लत है, देश के किसानों की फ़सल को सरकार को ख़रीदना चाहिए। गांव देहात में गांवों के नज़दीक ही एग्रो बेस्ड इंड्स्ट्री खोली जाएं ताकि गांव के युवाओं को रोज़गार भी मिल सके और किसानों की फ़सल की खरीद भी वहीं हो सके। किसानों को उनकी फ़सल खराब होने पर उचित मुआवज़ा दिया जाए जिस प्रकार से दिल्ली सरकार ने अपने किसानों को 50 हज़ार रुपए प्रति हेक्टेयर का मुआवज़ा दिया है, दूसरी राज्य सरकारों को भी ऐसा करना चाहिए। किसान बीमा योजना का पैसा भी किसानों को मिलना चाहिए क्योंकि इसे लेकर जानकारी है कि किसानों को अभी तक सिर्फ़ 25 प्रतिशत पैसा ही मिला है और 75 प्रतिशत पैसा बीमा कम्पनियों के पास ही है। आम आदमी पार्टी ने फ़ैसला किया है कि वो किसान के अधिकारों को लेकर पूरे देश में लड़ाई लड़ेगी और किसानों को उनका हक़ दिलाने के लिए संघर्ष करेगी।‘ 

सम्मेलन में जानकारी देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि ‘सम्मेलन में किसान प्रतिनिधियों और किसान नेताओं के बीच कुछ प्रस्ताव रखे गए और उन प्रस्तावों पर पूरे दिन की चर्चा के बाद कुछ बिंदु निकल कर आए हैं जिन पर आने वाले वक्त में किसानों की इस लड़ाई को लड़ा जाएगा और उन बिंदुओं को लेकर कुछ मांगे भी देश की सरकार व राज्य सरकारों के समक्ष रख रहे हैं जो निम्नलिखिति हैं।
1- न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाया जाए और वो फ़सल की लागत में 50 फ़ीसदी जोड़ कर निर्धारित किया जाए, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए


2- किसानों के लोन माफ़ किए जाएं


3- मध्यप्रदेश में किसानों पर गोलीबारी करने वाले दोषी अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज़ हो और उन्हें गिरफ़्तार किया जाए और मारे गए किसानों को शहीद का दर्ज़ा दिया जाए


4- किसानों की समस्याओं को लेकर देश की सरकार एक श्वेत पत्र जारी करे


5- किसानों की समस्याओं को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए और इसी तरह से राज्यों की विधानसभाएं भी विशेष सत्र आयोजित करें


6- दिल्ली की तर्ज़ पर पूरे देश में किसानों को उनकी फ़सल खराब होने पर 50 हज़ार रुपए प्रति हेक्टेयर का मुआवज़ा दिया जाए


7- देश के हर गांव को 2 करोड़ रुपए गांव के विकास के लिए दिए जाएं, दिल्ली सरकार ने हाल ही में ऐसी पहल की है


8- कृषि मंडियों की संख्या बढ़ाई जाएं


9- देश में कोल्ड स्टोरेज की संख्या भी बढ़ाई जाएं



इसके साथ ही पार्टी ने फ़ैसला किया है कि देशभर के किसानों से बात करने के लिए और उनकी समस्याओं के बारे में और विस्तार से जानने के लिए पार्टी देश के अलग-अलग 19 राज्यों में किसान सम्मेलन आयोजित करेगी जिनकी तारीखें निम्नलिखित हैं-

मध्य प्रदेश में 15 जुलाई
उड़ीसा में 16 जुलाई
गोवा में 22 जुलाई
उत्तराखंड में 23 जुलाई
बिहार में 29 जुलाई
हरियाणा में 30 जुलाई
पश्चिम बंगाल में 5 अगस्त
राजस्थान में 6 अगस्त
आंध्र प्रदेश में 12 अगस्त
कर्नाटका में 13 अगस्त
उत्तर प्रदेश में 19 अगस्त
गुजरात में 20 अगस्त
तेलंगाना में 26 अगस्त
तमिलनाडु में 27 अगस्त
केरला में 2 सितम्बर
छत्तीसगढ़ में 3 सितम्बर
झारखंड में 3 सितम्बर
पंजाब में 9 सितम्बर
महाराष्ट्र में 10 सितम्बर


11 सितम्बर से 11 नवम्बर तक किसान अधिकार यात्रा निकाली जाएगी जिसमें किसानों की मांगों को लेकर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा। 2 अक्तूबर को जंतर-मंतर पर इन मांगों को लेकर धरने का आयोजन किया जाएगा उसके बाद 26 नवम्बर को संविधान दिवस है और साथ ही आम आदमी पार्टी का स्थापना दिवस भी है और इसी दिन पूरे देश के किसान दिल्ली आएंगे और दिल्ली में एक विशाल किसान रैली का आयोजन किया जाएगा। चरणबद्ध तरीक़े से किसान आंदोलन को आम आदमी पार्टी आगे बढ़ाएगी ताकि देश की इस 80 प्रतिशत आबादी की आवाज़ को बुलंद किया जा सके और किसानों को उनके अधिकार दिलाए जा सकें।

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