महंगाई चरम सीमा पर, दिल्ली सरकार नाकाम : विजेन्द्र गुप्ता
नई दिल्ली, 23 अगस्त । नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली में महंगाई चरमसीमा पर है। दिल्ली सरकार महंगाई को रोक पाने में पूरी तरह विफल है । उसका ध्यान महंगाई पर काबू पाने पर न होकर सिर्फ निम्नस्तरीय राजनीति करने और जनता को गुमराह करने पर है ।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में सरकार द्वारा बेची जा रही प्याज खरीदने के लिए लोगों को दो-तीन घंटे तक लम्बी कतारों में लगना पड़ता है । प्याज सिर्फ एक किलो दी जा रही है । वह प्याज भी खराब किस्म की होती है, जिससे सड़ांध आ रही है । लोगों को यह भी पता नहीं है कि सरकार द्वारा बेची जाने वाली प्याज कब और कहाँ मिलेगी । 526 करोड़ रुपये का विज्ञापन फंड रखने वाली दिल्ली सरकार प्याज बिक्री केन्द्रों के बारे में विज्ञापन देकर जनता को सूचित क्यों नहीं कर रही है ?
दिल्ली में इस समय दालें, खाद्य तेल, दूध तथा दूध से बने सामान, पनीर, देषी घी, चाय, चीनी आदि के दाम 70 से 80 प्रतिषत तक बढ़ गये हैं । सब्जियां और फल भी गरीब की थाली से गायब हो गये हैं । आलू 30 रुपये किलो, प्याज 100 रुपये किलो, सीताफल, घीया, टिंडा 40 से 60 रुपये किलो, मषरूम 60 रुपये का 200 ग्राम, अरबी 80 रुपये किलो, करेला 80 रुपये किलो, कच्ची अदरक 80 रुपये किलो, नीबू 80 रुपये किलो, लहसुन 200 रुपये किलो, टमाटर 40 से 50 रुपये किलो के भाव बेचा जा रहा है । सेव 120 से 140 रुपये किलो, आम 150 रुपये किलो, बब्बूगोसा 60 रुपये किलो, नाषपाती 60 से 80 रुपये किलो, पपीता 80 रुपये किलो में मिल रहा है । सरकार की तरफ से सब्जी और फल के दाम घटाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है ।
श्री गुप्ता ने बताया कि देष में इस समय सबसे अधिक महंगाई दिल्ली राज्य में है । इसका कारण दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की नाकामी है । सरकार पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाकर पहले ही महंगाई बढ़ा चुकी है । मनोरंजन षुल्क, विलासिता षुल्क, वाहन प्रवेष षुल्क आदि के कारण दिल्ली की जनता अब होटलों में खाने पर भी ज्यादा पैसा अदा कर रही है । होटलों में ठहरने पर भी अब ज्यादा पैसा देना पड़ता है । दिल्ली में 70 प्रतिषत आबादी अनधिकृत काॅलोनियों और स्लम बस्तियों में निवास करती हैं । दिल्ली सरकार ने सभी अनधिकृत काॅलोनियो से भी पानी और सीवर षुल्क वसूलने का निर्णय किया है । लोगों का कहना है कि यदि ऐसे ही हालात रहे तो वे दिल्ली से पलायन कर जायेंगे ।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में सरकार द्वारा बेची जा रही प्याज खरीदने के लिए लोगों को दो-तीन घंटे तक लम्बी कतारों में लगना पड़ता है । प्याज सिर्फ एक किलो दी जा रही है । वह प्याज भी खराब किस्म की होती है, जिससे सड़ांध आ रही है । लोगों को यह भी पता नहीं है कि सरकार द्वारा बेची जाने वाली प्याज कब और कहाँ मिलेगी । 526 करोड़ रुपये का विज्ञापन फंड रखने वाली दिल्ली सरकार प्याज बिक्री केन्द्रों के बारे में विज्ञापन देकर जनता को सूचित क्यों नहीं कर रही है ?
दिल्ली में इस समय दालें, खाद्य तेल, दूध तथा दूध से बने सामान, पनीर, देषी घी, चाय, चीनी आदि के दाम 70 से 80 प्रतिषत तक बढ़ गये हैं । सब्जियां और फल भी गरीब की थाली से गायब हो गये हैं । आलू 30 रुपये किलो, प्याज 100 रुपये किलो, सीताफल, घीया, टिंडा 40 से 60 रुपये किलो, मषरूम 60 रुपये का 200 ग्राम, अरबी 80 रुपये किलो, करेला 80 रुपये किलो, कच्ची अदरक 80 रुपये किलो, नीबू 80 रुपये किलो, लहसुन 200 रुपये किलो, टमाटर 40 से 50 रुपये किलो के भाव बेचा जा रहा है । सेव 120 से 140 रुपये किलो, आम 150 रुपये किलो, बब्बूगोसा 60 रुपये किलो, नाषपाती 60 से 80 रुपये किलो, पपीता 80 रुपये किलो में मिल रहा है । सरकार की तरफ से सब्जी और फल के दाम घटाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है ।
श्री गुप्ता ने बताया कि देष में इस समय सबसे अधिक महंगाई दिल्ली राज्य में है । इसका कारण दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की नाकामी है । सरकार पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाकर पहले ही महंगाई बढ़ा चुकी है । मनोरंजन षुल्क, विलासिता षुल्क, वाहन प्रवेष षुल्क आदि के कारण दिल्ली की जनता अब होटलों में खाने पर भी ज्यादा पैसा अदा कर रही है । होटलों में ठहरने पर भी अब ज्यादा पैसा देना पड़ता है । दिल्ली में 70 प्रतिषत आबादी अनधिकृत काॅलोनियों और स्लम बस्तियों में निवास करती हैं । दिल्ली सरकार ने सभी अनधिकृत काॅलोनियो से भी पानी और सीवर षुल्क वसूलने का निर्णय किया है । लोगों का कहना है कि यदि ऐसे ही हालात रहे तो वे दिल्ली से पलायन कर जायेंगे ।
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