असत्य विज्ञापनों पर करोड़ों खर्च, दिल्ली सरकार के छह माह पूरे, पर वायदे अधूरे - विजेन्द्र गुप्ता
नई दिल्ली, 14 अगस्त । नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने षासन के छह महीने पूरे होने पर भी दिल्ली की जनता को पूरी तरह गुमराह करने का प्रयास किया है । इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च करके असत्य विज्ञापनों का सहारा लिया गया है । दिल्ली के लाखों लोगों को पैंषन देने की इस सरकार को कोई चिंता नहीं है, परन्तु विज्ञापनों पर करोड़ों रुपया फूंकने से आम आदमी पार्टी की सरकार को कोई गुरेज नहीं है।
श्री गुप्ता ने बताया कि आज दिये गये सरकार के विज्ञापनों में दावा किया गया है कि बिजली बिल आधे कर दिये, लेकिन दो करोड़ की आबादी वाली दिल्ली में कुछ लोगों को ही यह सुविधा मिल पा रही है । पानी के बिल बढ़ा दिये गये हैं । यह कहा गया है कि छात्रों को उच्च षिक्षा के लिए बगैर गारंटी 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जायेगा । सरकार यह बताये कि अब तक उसने कितने छात्रों को ऋण दिया है । इसके आंकड़े दिल्ली सरकार जारी करे ।
सरकार ने दावा किया है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं और मार्षलों की तैनाती की गयी है । सच्चाई यह है कि सरकार ने बड़ी मुष्किल से बसों के लिए 2000 होमगार्डों को तैनात किया था । उन लोगों ने भी बसों में ड्यूटी करने से इंकार कर दिया है । इसका कारण यह है कि होमगाडों को बसों में नारी सुरक्षा के लिए डंडा तक रखने की इजाजत नहीं है । होमगार्डों का कहना है कि जब हम अपनी ही सुरक्षा नहीं कर सकते तो महिलाओं की सुरक्षा कैसे होगी ?
गत दिनों आनंद विहार से महरौली जाने वाली बस पर राजबीर सिंह नाम का होमगार्ड ड्यूटी कर रहा था । एक बुजुर्ग महिला ने उससे महिला सीट खाली कराने को कहा तो राजबीर ने महिला सीट पर बैठे दो युवकों से एक सीट खाली करने को कहा । इस पर उन लोगों ने राजबीर पर चाकू से हमला कर दिया । उसे तत्काल एम्स के ट्राॅमा सैन्टर में ले जाया गया । इसके बाद से होमगार्डों ने डीटीसी बसों में ड्यूटी करने से मना कर दिया है । उनकी षिकायत यह भी है कि ड्यूटी के लिए षाम 4.00 बजे से रात्रि 12.00 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है । मध्यरात्रि में ड्यूटी समाप्त करके उन्हें घर जाने के लिए वाहन नहीं मिलते । इतना पैसा नहीं होता कि वे आॅटो या टैक्सी करके अपने घर जाएं । इसको लेकर होमगार्डों ने मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्षन भी किया था, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई । आम आदमी पार्टी ने कहा था कि सार्वजनिक बसों में 10,000 होमगार्ड मार्षल तैनात किये जाएंगे ।
एक साल में एक लाख नई नौकरियाँ तथा सरकारी स्कूलों में 20 हजार षिक्षकों की नियुक्ति संबंधित विज्ञापन दिया गया है । सच्चाई यह है कि संविदा पर कार्यरत षिक्षकों को भी स्थायी नहीं किया जा रहा है । इसके लिए वे मुख्यमंत्री निवास पर धरना दे रहे हैं । नई नौकरियाँ मिलना तो दूर जिन लोगों के पास नौकरियाँ हैं, उनकी भी छँटनी की जा रही हैं । सरकार द्वारा नगर निगमों को धन न दिये जाने के कारण हजारों लोगों को वेतन नहीं मिला है । उनके सिर पर नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है । अनधिकृत काॅलोनियों के 60 लाख लोगों से भी यह सरकार सीवर षुल्क और पानी षुल्क के नाम पर करोड़ों रुपया वसूलने का फरमान जारी कर चुकी है । जबकि काॅलोनियों में मूलभूत सुविधाएं अभी तक नहीं दी गयी हैं ।
श्री गुप्ता ने बताया कि आज दिये गये सरकार के विज्ञापनों में दावा किया गया है कि बिजली बिल आधे कर दिये, लेकिन दो करोड़ की आबादी वाली दिल्ली में कुछ लोगों को ही यह सुविधा मिल पा रही है । पानी के बिल बढ़ा दिये गये हैं । यह कहा गया है कि छात्रों को उच्च षिक्षा के लिए बगैर गारंटी 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जायेगा । सरकार यह बताये कि अब तक उसने कितने छात्रों को ऋण दिया है । इसके आंकड़े दिल्ली सरकार जारी करे ।
सरकार ने दावा किया है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं और मार्षलों की तैनाती की गयी है । सच्चाई यह है कि सरकार ने बड़ी मुष्किल से बसों के लिए 2000 होमगार्डों को तैनात किया था । उन लोगों ने भी बसों में ड्यूटी करने से इंकार कर दिया है । इसका कारण यह है कि होमगाडों को बसों में नारी सुरक्षा के लिए डंडा तक रखने की इजाजत नहीं है । होमगार्डों का कहना है कि जब हम अपनी ही सुरक्षा नहीं कर सकते तो महिलाओं की सुरक्षा कैसे होगी ?
गत दिनों आनंद विहार से महरौली जाने वाली बस पर राजबीर सिंह नाम का होमगार्ड ड्यूटी कर रहा था । एक बुजुर्ग महिला ने उससे महिला सीट खाली कराने को कहा तो राजबीर ने महिला सीट पर बैठे दो युवकों से एक सीट खाली करने को कहा । इस पर उन लोगों ने राजबीर पर चाकू से हमला कर दिया । उसे तत्काल एम्स के ट्राॅमा सैन्टर में ले जाया गया । इसके बाद से होमगार्डों ने डीटीसी बसों में ड्यूटी करने से मना कर दिया है । उनकी षिकायत यह भी है कि ड्यूटी के लिए षाम 4.00 बजे से रात्रि 12.00 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है । मध्यरात्रि में ड्यूटी समाप्त करके उन्हें घर जाने के लिए वाहन नहीं मिलते । इतना पैसा नहीं होता कि वे आॅटो या टैक्सी करके अपने घर जाएं । इसको लेकर होमगार्डों ने मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्षन भी किया था, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई । आम आदमी पार्टी ने कहा था कि सार्वजनिक बसों में 10,000 होमगार्ड मार्षल तैनात किये जाएंगे ।
एक साल में एक लाख नई नौकरियाँ तथा सरकारी स्कूलों में 20 हजार षिक्षकों की नियुक्ति संबंधित विज्ञापन दिया गया है । सच्चाई यह है कि संविदा पर कार्यरत षिक्षकों को भी स्थायी नहीं किया जा रहा है । इसके लिए वे मुख्यमंत्री निवास पर धरना दे रहे हैं । नई नौकरियाँ मिलना तो दूर जिन लोगों के पास नौकरियाँ हैं, उनकी भी छँटनी की जा रही हैं । सरकार द्वारा नगर निगमों को धन न दिये जाने के कारण हजारों लोगों को वेतन नहीं मिला है । उनके सिर पर नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है । अनधिकृत काॅलोनियों के 60 लाख लोगों से भी यह सरकार सीवर षुल्क और पानी षुल्क के नाम पर करोड़ों रुपया वसूलने का फरमान जारी कर चुकी है । जबकि काॅलोनियों में मूलभूत सुविधाएं अभी तक नहीं दी गयी हैं ।
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