“आप“ नेता आशुतोष द्वारा सुरक्षा का मुद्दा उठाना निंदनीय, लगता है ब्लेक कैट सुरक्षा लेने के अरमान जाग रहे हैं - सतीश उपाध्याय
आम आदमी पार्टी सरकार अराजकता, भाई भतीजावादी लूट एवं भ्रष्टाचार संरक्षण का पर्याय बन गई है
आशीष सूद एवं श्रीमती रेखा गुप्ता ने आज पार्टी कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार अराजकता, भाई भतीजावादी लूट एवं भ्रष्टाचार संरक्षण का पर्याय बन गई है।
श्री सतीश उपाध्याय ने कहा कि आम आदमी पार्टी स्वराज, भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाने, नेताओं की लूट और सरकारी योजनाओं में मनमानी रोकने जैसे दिवा-स्वप्न जनता को दिखाने के साथ-साथ युवाओं एवं महिलाओं को बड़ी बड़ी योजनाओं से भ्रमित कर सत्ता में आई थी पर सत्ता में आने के बाद जनता को पूरी तरह निराश किया है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री पर स्याही फेके जाने की घटना कल दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित समारोह में देखने को मिली वह निंदनीय है पर उससे ज्यादा निंदनीय है उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया द्वारा भाजपा एवं पुलिस को इस घटना के लिए दोषी दिखाने का प्रयास।
श्री उपाध्याय ने कहा कि भाजपा ने कभी इस प्रकार की अराजक राजनीति का समर्थन नहीं किया है पर चाहे आम आदमी पार्टी हो या कांग्रेस इन सभी दलों ने समय समय पर ऐसी अराजक घटनायें करने वालों को राजनीतिक लाभ दिया है। आम आदमी पार्टी ने पूर्व वित्त मंत्री श्री पी. चिदाम्बरम पर जूता फेंक सुरखियों में आये खालिस्तानी समर्थक जरनैल सिंह को विधायक बना कर राजनीति में अराजकता को बढ़ावा दिया तो “आप“ को पोषित करने वाली कांग्रेस ने तीन दशक पहले एक वायुयान को हाइजेक करने की अराजकता करने वाले भोला पांडे को उत्तर प्रदेश में विधायक बना कर औछी राजनीतिक को प्रोत्साहन दिया था।
श्री उपाध्याय एवं भाजपा महामंत्रियों ने कहा कि दिल्ली की जनता जानना चाहती है कि कल जो समारोह हुआ था उसका उद्देश्य क्या था ? जो पार्टी सत्ता में भाई भतीजावादी लूट और सरकारी योजनाओं में मनमानी का विरोध करते हुये सत्ता में आई थी आश्चर्य का विषय है कि वह आज स्वयं वो ही सब कर रही है।
दूसरे दलों की निंदा करने वाले मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल क्या दिल्ली की जनता को यह बता सकते हैं कि जो वोलेन्टियर आॅड-इवन स्कीम के नाम पर रख कर दिल्ली की जनता का लगभग 100 करोड़ रूपया वोलेन्टियरों एवं विज्ञापनों में लुटाया गया, वह वोलेन्टियर आखिर थे कौन ? केजरीवाल सरकार जब से सत्ता में आई है तब से सैकड़ों नहीं हजारों पार्टी कार्यकत्र्ताओं को अस्थायी या कान्ट्रेक्ट प्रणाली में सरकारी काम बांट चुकी है। ऐसी बंदर बांट दिल्ली में पहले कभी नहीं देखी गई।
कल की अराजकता की निंदा करने वाले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री जवाब दें कि 26 जनवरी, 2014 के समय जो उनकी पार्टी ने किया था क्या राजनीति में उससे ज्यादा अराजकता क्या कभी देखी गई या देखी जायेगी ? एक वित्त मंत्री का सार्वजनिक अपमान करने वाले को विधायक बनाने की अराजकता क्या उपमुख्यमंत्री जी निंदा करेंगे ? उनकी अपनी पार्टी के अनेक विधायकों ने बार-बार अराजकता की है, सरकारी कर्मियों से मारपीट की है और अनुसूचित जाति के कर्मचारियों से बदसलूकी की क्या उपमुख्यमंत्री उनकी निंदा करेंगे ?
आज एक पत्रकार सम्मेलन में “आप“ नेता श्री आशुतोष द्वारा मुख्यमंत्री की सुरक्षा का प्रश्न उठाने पर बालते हुये प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने कहा कि आज सुरक्षा न लेने की नौटंकी की पोल भी पूरी तरह खुल गई है। एक तरफ तो आम आदमी पार्टी कहती है कि श्री केजरीवाल को कोई सुरक्षा नहीं चाहिए पर दूसरी ओर वो दिल्ली पुलिस से उम्मीद लगाते हैं कि वह पंजाब में राजनीतिक यात्रायें करें तो वहां भी दिल्ली पुलिस सुरक्षा दे।
श्री उपाध्याय ने कहा कि श्री आशुतोष को शायद सुरक्षा प्रोटोकाल की कोई जानकारी ही नहीं है या फिर घडि़याली आंसू बहा कर जनता को गुमराह करना इस पार्टी के नेताओं का नियमित कार्य बन गया है। निःसंदेह किसी भी मुख्यमंत्री को अन्य राज्य की यात्रा पर भी सुरक्षा मिलती है और मिलनी चाहिए पर सरकार प्रोटोकाल अनुसार उसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय या गृह विभाग संबंधित सुरक्षा अधिकारी और दूसरे राज्य की सरकार को पूर्व सूचना देते हैं। श्री आशुतोष ने स्वयं कहा कि हम सुरक्षा नहीं मांगते, दिल्ली पुलिस ने हमें सुरक्षा दी है, तो आशुतोष को यह भी समझना होगा कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में सुरक्षा दी है अन्य राज्यों में नहीं।
श्री उपाध्याय ने मांग की है कि श्री आशुतोष द्वारा इस मुद्दे को उठाये जाने के बाद अब सरकार स्पष्ट करे कि क्या मुख्यमंत्री कार्यालय दिल्ली पुलिस को नियमित रूप से मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों की सूचना देता है यानि सुरक्षा की अपेक्षा करता है ? क्या पंजाब यात्रा से पूर्व दिल्ली पुलिस एवं पंजाब सरकार को सूचना दी गई थी ? उन्होंने कहा कि श्री आशुतोष द्वारा सुरक्षा का मुद्दा उठाना निंदनीय है और लगता है कि मुख्यमंत्री के मन में ब्लेक कैट सुरक्षा लेने के अरमान जाग रहे हैं।
श्री उपाध्याय एवं महामंत्रियों ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध बोलना फरवरी, 2015 में सत्ता में आने से पूर्व केजरीवाल दल का सबसे बड़ा शगुल था पर सत्ता में आने के बाद जो कुछ दिल्ली ने देखा है वह इस पार्टी के सच को सामने लाता है। शीला दीक्षित सरकार के विरूद्ध 370 पन्नों की रिपोर्ट को हवा में हिला-हिलाकर जनता को गुमराह करने वाले श्री अरविन्द केजरीवाल का सच तो तब ही सामने आ गया था जब 2014 में कांग्रेस से गले मिल सरकार बनाई थी पर अब सत्ता में आये एक वर्ष हो गया पर केजरीवाल सरकार ने आज तक शीला दीक्षित सरकार के शासन के किसी भी घोटाले पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
कांग्रेस शासन के घोटालेबाज अफसर आज केजरीवाल सरकार के मुखिया बने बैठे हैं। ऐसे में उन घोटालों पर कार्रवाई करना तो मूर्खता होगी पर आश्चर्य होता है यह देख कर कि भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाने वालों की सरकार ने एक वर्ष में घोटालों के लिए कीर्ति मान बना दिया है। भर्ती घोटाला, प्याज घोटाला, राशन घोटाला, आॅटो परमिट घोटाला, विज्ञापन घोटाला यहां तक की आॅड-इवन स्कीम के नाम पर सी.एन.जी. लेबल बांटने में भी घोटाला।
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