तीन मंत्रियों के क्षेत्र पूर्वी दिल्ली के नगर निगम का वेतन बिल उसकी कुल सभी स्रोतों की आय से अधिक पर बेशर्म सरकार राजनीतिक द्वेष के चलते फंड देने को तैयार नहीं
नई दिल्ली, 27 जनवरी। दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रभारी प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि दिल्ली सरकार के मंत्री श्री कपिल मिश्रा द्वारा आज सायं एक प्रेस वार्ता में आंकड़ों की बाजीगरी एवं झूठी बातों के आधार पर नगर निगमों की आर्थिक स्थिति पर विशेष कर वेतन के मुद्दे पर भ्रम फैलाने के प्रयास की कड़ी निंदा की है और यह सारा खेल चैथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफोरिशों को रोकने का प्रयास है।
श्री कपूर ने कहा है कि आज भाजपा की प्रेस वार्ता के बाद दिल्ली सरकार ने बौखलाहट में यह बयान जारी किया है। हम दिल्ली सरकार को चुनौती देते हैं कि वह नगर निगम आयुक्तों का कोई ऐसा पत्र दिखा दें जिसमें उन्होंने यह कहा हो कि तृतीय दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों अनुसार सारा भुगतान नगर निगमों को मिल चुका है।
श्री कपूर ने कहा है कि हम तीनों नगर निगमों का विस्तृत ब्यौरा दिल्ली के समक्ष रखेंगे पर जिस पूर्वी दिल्ली से श्री कपिल मिश्रा स्वयं आते हैं उस नगर निगम को दिल्ली सरकार ने 465 करोड़ रूपया नाॅन प्लान फंड का दिया है और अपने विभिन्न स्रोतों से पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने 650 करोड़ रूपये का राजस्व जुटाया है जो कि कुल 1115 करोड़ बनता है।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम का केवल वेतन बिल लगभग 1200 करोड़ रूपये का बनता है जिसके अलावा स्कूलों, डिस्पेंसरियों, अस्पतालों, पार्कों के रखरखाव के खर्च, दवाओं के खर्च, पेंशन बिल, कूड़ा गाडि़यों एवं अन्य वाहनों के खर्च आते हैं, जिन सबको लगाकर पूर्वी दिल्ली नगर निगम को लगभग 1700 करोड़ रूपये की आवश्यकता है और उपलब्ध है 1115 करोड़। अगर चैथे वित्त आयोग की रिपोर्ट लागू कर दी जाये तब कहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम की आर्थिक स्थिति संभलेगी।
भाजपा ने कहा है कि यह शर्म का विषय है कि तीन-तीन मंत्री जिस क्षेत्र से आते हैं उस पूर्वी दिल्ली की जनता को नागरिक सेवाओं से महरूम इसलिये रहना पड़ रहा है क्योंकि वह मंत्री राजनीतिक द्वेष के चलते नगर निगमों को विफल करना चाहते हैं।
श्री कपूर ने कहा है कि आज भाजपा की प्रेस वार्ता के बाद दिल्ली सरकार ने बौखलाहट में यह बयान जारी किया है। हम दिल्ली सरकार को चुनौती देते हैं कि वह नगर निगम आयुक्तों का कोई ऐसा पत्र दिखा दें जिसमें उन्होंने यह कहा हो कि तृतीय दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों अनुसार सारा भुगतान नगर निगमों को मिल चुका है।
श्री कपूर ने कहा है कि हम तीनों नगर निगमों का विस्तृत ब्यौरा दिल्ली के समक्ष रखेंगे पर जिस पूर्वी दिल्ली से श्री कपिल मिश्रा स्वयं आते हैं उस नगर निगम को दिल्ली सरकार ने 465 करोड़ रूपया नाॅन प्लान फंड का दिया है और अपने विभिन्न स्रोतों से पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने 650 करोड़ रूपये का राजस्व जुटाया है जो कि कुल 1115 करोड़ बनता है।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम का केवल वेतन बिल लगभग 1200 करोड़ रूपये का बनता है जिसके अलावा स्कूलों, डिस्पेंसरियों, अस्पतालों, पार्कों के रखरखाव के खर्च, दवाओं के खर्च, पेंशन बिल, कूड़ा गाडि़यों एवं अन्य वाहनों के खर्च आते हैं, जिन सबको लगाकर पूर्वी दिल्ली नगर निगम को लगभग 1700 करोड़ रूपये की आवश्यकता है और उपलब्ध है 1115 करोड़। अगर चैथे वित्त आयोग की रिपोर्ट लागू कर दी जाये तब कहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम की आर्थिक स्थिति संभलेगी।
भाजपा ने कहा है कि यह शर्म का विषय है कि तीन-तीन मंत्री जिस क्षेत्र से आते हैं उस पूर्वी दिल्ली की जनता को नागरिक सेवाओं से महरूम इसलिये रहना पड़ रहा है क्योंकि वह मंत्री राजनीतिक द्वेष के चलते नगर निगमों को विफल करना चाहते हैं।
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