केजरीवाल सरकार सफाई कर्मियों को बदनाम करना छोड़े - सतीश उपाध्याय
दिल्ली भाजपा ने पूर्वी दिल्ली के विकास मार्ग से दिल्ली सचिवालय तक नगर निगमों के फंड की मांग को लेकर किया विशाल विरोध मार्च
(प्रदर्शनकारियों ने जनता की सुविधा का ख्याल रख ट्रैफिक में बाधा नहीं आने दी)
विहार से विकास मार्ग हेाते हुये दिल्ली सरकार के सचिवालय तक विशाल विरोध मार्च किया। आज के प्रदर्शन की विशेषता रही कि अनुशासित भाजपा कार्यकत्र्ताओं ने व्यस्त विकास मार्ग पर ट्रैफिक में कम से बाधा आने दी। इसके पीछे पार्टी का उद्देश्य था कि हम यहां जनता के सहयोग से जनता की समस्यायें उठाने आये हैं पर जनमानस को तकलीफ पहुंचाने नहीं।
प्रदर्शनकारी केजरीवाल सरकार के दुष्प्रचार एवं कुनीतियों के कारण निगम सेवाओं के ठप होने को लेकर नारे लगा रहे थे। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्रिमंडल द्वारा नगर निगमों के आर्थिक संसाधन रोकने के विरोध में पुतले जलाये। निगमकर्मी भूखा है - केजरीवाल धोखा है और आज दो अभी दो - निगम का पैसा तुरन्त दो आज के प्रदर्शन के मुख्य नारे थे। दिल्ली पुलिस ने आई.टी.ओ. स्थित छठ घाट पर लगाये दूसरे बेरीकेड पर प्रदर्शन के आगे बढ़ने पर गैर कानूनी घोषित कर एकत्र 5740 की घोषित संख्या में से 1200 को गिरफ्तार किया और बांकी को बलपूर्वक हटा दिया।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुये श्री सतीश उपाध्याय ने कहा कि नगर निगमों का पैसा रोकने के लिए आज की केजरीवाल सरकार की तरह 2011 में तत्कालीन दिल्ली सरकार ने भी नगर निगम में फर्जी कर्मचारी होने का आरोप लगाया था। दिल्ली भाजपा केजरीवाल सरकार के मंत्रियों द्वारा निगम में फर्जी कर्मचारी होने की बात उठाने की निंदा करती है और यह सफाई कर्मचारियों जो दिन-रात मेहनत कर दिल्ली को साफ रखते हैं की छवि खराब करने का प्रयास है। श्री उपाध्याय ने कहा है कि नगर निगमों में बायोमेट्रिक हाजरी सिस्टम है और हम अपने कर्मचारियांे की इमानदारी पर भरोसा करते हैं। हमें देख कर दुख हो रहा है कि वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों को घर का राशन खरीदने और बच्चों की स्कूल फीस देने में दिक्कतें आ रही हैं। अनेक कर्मचारी जिनके परिवारों में इन दिनों विवाह आदि हैं मुझसे मिले हैं और हमें दुख है कि हम उन्हें अग्रिम वेतन भुगतान तो दूर मूल वेतन भी नहीं दे पा रहे हैं।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि जब भी फर्जी कर्मचारियों की बात उठाई जाती है निशाना सफाईकर्मी होते हैं और
ऐसा दिखाने का प्रयास होता है कि सफाईकर्मी बिना काम करे वेतन घर ले जाते हैं। 2011 में तत्कालीन दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव श्री राकेश मेहता के आदेश पर निगम आयुक्त श्री के एस मेहरा ने व्यापक जांच कराई थी जिसमें कोई फर्जीवाड़ा सामने नहीं आया था। यह मामला अनेक बार न्यायालयों में भी उठा है पर कभी कुछ गलत सामने नहीं आया।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि केजरीवाल सरकार को अब प्रेस कांन्फ्रेंसों के माध्यम से दिल्ली की जनता को गुमराह करने का प्रयास बंद करना चाहिए। हमनें कल दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निगमों को मिले नाॅन प्लान फंड और उनके वेतन बिलों के तथ्य दिये हैं। निगमों के वेतन बिल मिली राशि से तीन गुणा अधिक हैं और हम मांग करते हैं कि दिल्ली सरकार लम्बित लगभग 3000 करोड़ रूपये की राशि तुरन्त जारी करें।
नगर निगमों के महापौर श्री रविन्द्र गुप्ता एवं श्री हर्ष मल्होत्रा, राष्ट्रीय मंत्री सरदार आर पी सिंह, दिल्ली भाजपा संगठन महामंत्री श्री सिद्धार्थन, महामंत्री श्री आशीष सूद एवं श्रीमती रेखा गुप्ता, विधायक श्री ओम प्रकाश शर्मा एवं श्री जगदीश प्रधान और पूर्व महापौरों प्रो. रजनी अब्बी एवं डाॅ. अन्नपूर्णा मिश्रा ने प्रदेश अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय एवं जिला अध्यक्षों के साथ मार्च का नेतृत्व किया।
निगम नेताओं श्री योगेन्द्र चांदोलिया, श्री रामनारायण दूबे, श्रीमती लता गुप्ता, श्री मोहन भारद्वाज, श्रीमती मीनाक्षी, श्री खुशीराम, श्रीमती सविता गुप्ता एवं अधिकतर पार्षदों के साथ प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों श्री कुलजीत सिंह चहल, श्री अभय वर्मा, श्रीमती शिखा राय, श्री जय प्रकाश, श्रीमती किरण चड्डा, श्री श्याम लाल गर्ग, श्री राजीव बब्बर, श्री प्रवीण शंकर कपूर, श्री जयवीर राणा, श्री गजेन्द्र यादव, श्री कर्मवीर चंदेल, श्रीमती कमलजीत सहरावत, श्री नकुल भारद्वाज, श्री रमेश बाल्मीकि, श्री दिनेश प्रताप सिंह ने भी पार्टी कार्यकत्र्ताओं के साथ मार्च में शामिल हुये। पूर्व विधायक श्री सुभाष सचदेवा, श्री पवन शर्मा, श्री विनोद कुमार बिन्नी, श्री जितेन्द्र सिंह शन्टी आदि भी मार्च में सम्मिलित हुये।
पूर्वी दिल्ली के महापौर श्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पूर्वी दिल्ली के लोगों का पूरी तरह
विश्वास खो दिया है और निगमकर्मियों विशेषकर सफाईकर्मियों को बदनाम करने एवं निगम सेवायें ठप करवाने की पूर्वी दिल्ली से चुने गये तीनों मंत्रियों को बड़ी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने निगमों के लम्बित फंड अविलम्ब दिये जाने और चैथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशें लागू किये जाने की मांग की।
पूर्वी दिल्ली की भूतपूर्व महापौर डाॅ. अन्नपूर्णा मिश्रा ने पूर्वी दिल्ली के लोगों को समस्याओं में डालने के लिए केजरीवाल सरकार की निंदा की। उन्होंने कहा कि सड़कों पर कूड़े के ढेर हैं स्कूल एवं हेल्थ सेन्टर बंद हैं जनता परेशान है पर केजरीवाल सरकार के कानों पर जूं नहीं रैंग रही। मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल को एक अराजक नेता बताते हुये डाॅ. मिश्रा ने निगमों में फर्जी कर्मचारी होने के दिल्ली सरकार के मंत्रियों के आरोपों की भत्र्सना की। उन्होंने कहा कि 2012 में स्वयं मैने महापौर रहते हुये ऐसी शिकायतों की जांच करवाई थी और निगम में ऐसा कुछ नहीं पाया गया था।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर श्री रविन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा यह जानते हुये भी कि निगमों में बायोमेट्रिक हाजरी प्रणाली है यह कहना कि निगमों में फर्जी कर्मचारी हैं बेहद शर्मनाक है। हमारे खातों पर सवाल उठाने वाले यह जान लें कि हमारे खातों की जांच हर वर्ष वो ही सी.ए.जी. करती है जिससे श्री अरविन्द केजरीवाल निजी बिजली कम्पनियों की जांच करना चाहते हैं।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में सदन के नेता श्री आशीष सूद ने कहा कि प्रशासकीय मामलों में केजरीवाल सरकार अक्सर न्यायपालिका के निर्णयों को बढ़ा चढ़ाकर महत्व देती है पर निगमों का पैसा देने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के 7 जनवरी के आदेश का अनुपालन करने को तैयार नहीं। उन्होंने मांग की कि दिल्ली सरकार हाई कोर्ट के निर्णय अनुसार नगर निगमों के देय 2971 करोड़ रूपये अविलम्ब जारी करे।
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