दिल्ली के परिवहन मंत्री श्री गोपाल राय का बचाव बयान आॅड-ईवन स्कीम के दौरान हुये भ्रष्टाचार की बेशर्म स्वीकृति है - सतीश उपाध्याय
नई दिल्ली, 18 जनवरी। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने कहा है कि सुश्री भावना अरोड़ा के सीएनजी लेबल स्कैम के आरापों के मामले में दिल्ली के परिवहन मंत्री श्री गोपाल राय का बचाव बयान आॅड-ईवन स्कीम के दौरान हुये भ्रष्टाचार की बेशर्म स्वीकृति है।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि मंत्री ने बेशर्मी से सीएजी लेबलों की धांधली एवं भ्रष्टाचार से पल्ला झाड़ने का प्रयास किया है। अगर हम यह मान भी लें कि सीएनजी प्रमाणपत्र सेंटर का लाइसेंस केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा दिया जाता है तो भी यह किस तरह केन्द्र को जिम्मेदार बनाता है?
श्री सतीश उपाध्याय ने कहा है कि दिल्ली सरकार को अधिकार है कि वह किसी भी सीएनजी प्रमाण पत्र सेंटर की कार्यप्रणाली की जांच कर सकती है और यदि उसमें कोई भ्रष्टाचार या अनिमित्ता पाई जाती है तो उसकी शिकायत केन्द्रीय मंत्रालय एवं पुलिस को कर सकती है। परन्तु इस मामले में दिल्ली सरकार ने कोई कार्यवाही कभी नहीं की। उन्होंने कहा है कि आॅड-ईवन स्कीम में भ्रष्टाचार केवल सीएनजी लेबल तक सीमित नहीं रहा है, भुगतान के आधार पर रखे गये स्वयंसेवकों के मामले में भी गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
कल यदि दिल्ली सरकार द्वारा पंजीकृत राशन दुकान से खाने का कोई पदार्थ लेकर कोई व्यक्ति बीमार या मृत हो जाये तो क्या इसके लिये दिल्ली सरकार दोषी होगी?
श्री उपाध्याय ने कहा है कि मंत्री ने बेशर्मी से सीएजी लेबलों की धांधली एवं भ्रष्टाचार से पल्ला झाड़ने का प्रयास किया है। अगर हम यह मान भी लें कि सीएनजी प्रमाणपत्र सेंटर का लाइसेंस केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा दिया जाता है तो भी यह किस तरह केन्द्र को जिम्मेदार बनाता है?
श्री सतीश उपाध्याय ने कहा है कि दिल्ली सरकार को अधिकार है कि वह किसी भी सीएनजी प्रमाण पत्र सेंटर की कार्यप्रणाली की जांच कर सकती है और यदि उसमें कोई भ्रष्टाचार या अनिमित्ता पाई जाती है तो उसकी शिकायत केन्द्रीय मंत्रालय एवं पुलिस को कर सकती है। परन्तु इस मामले में दिल्ली सरकार ने कोई कार्यवाही कभी नहीं की। उन्होंने कहा है कि आॅड-ईवन स्कीम में भ्रष्टाचार केवल सीएनजी लेबल तक सीमित नहीं रहा है, भुगतान के आधार पर रखे गये स्वयंसेवकों के मामले में भी गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
कल यदि दिल्ली सरकार द्वारा पंजीकृत राशन दुकान से खाने का कोई पदार्थ लेकर कोई व्यक्ति बीमार या मृत हो जाये तो क्या इसके लिये दिल्ली सरकार दोषी होगी?
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