उच्च न्यायालय ने कांग्रेस सरकार द्वारा जारी प्रोविजनल सर्टिफिकेट को अवैध करार दिया
आप सरकार सभी अनधिकृत काॅलोनियों को नियमित करे - विजेन्द्र गुप्ता
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2008 के पहले दिल्ली की जनता को सब्जबाग दिखाने के लिए कांग्रेस ने अनेक लुभावने वायदे उसी तरह किये थे, जिस तरह आम आदमी पार्टी ने जनता से चुनाव पूर्व अनेक वायदे किये थे । दिल्ली में उस समय मौजूद 1639 अनधिकृत काॅलोनियों को नियमित करने के नाम पर छत्रसाल स्टेडियम में एक बड़ा जलसा करके तत्कालीन मुख्यमंत्री षीला दीक्षित ने अक्तूबर 2008 में अनधिकृत काॅलोनियों को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के हाथों से प्रोविजनल सर्टिफिकेट बंटवाये थे । अब उच्च न्यायालय ने उन सभी प्रोविजनल सर्टिफिकेट को काॅलोनियों के नियमितीकरण का आधार मानने से इंकार कर दिया है । इससे जनता के साथ किया गया कांग्रेस सरकार का छल सामने आ गया है ।
श्री गुप्ता ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने अनेक ऐसी कागजी अनधिकृत काॅलोनियों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी किये थे, जहाँ खाली जमीन थी और एक भी मकान नहीं बना था । यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन था । न्यायालय के आदेष पर डीडीए, नगर निगम और एसडीएम की संयुक्त जाँच रिपोर्ट अदालत में पेष की गयी । इस रिपोर्ट में बताया गया कि श्रीमती षीला दीक्षित और श्रीमती सोनिया गांधी ने ऐसी काॅलोनियों को भी प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी किये जो वर्श 2002, 2007 में अस्तित्व में थीं ही नहीं । 125 ऐसी काॅलोनियों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी किये गये थे जो वन भूमि, संरक्षित हरित क्षेत्र और पार्क की जमीन पर बसायी गयी थीं।
श्री गुप्ता ने कहा कि चूँकि आम आदमी पार्टी की कांग्रेस पार्टी से मिलीभगत है, इसीलिए सारा सच जानते हुए भी दिल्ली सरकार ने अभी तक दोशी कांग्रेस सरकार के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की है । यह बात उसी समय सामने आ गयी थी, जब कांग्रेस पार्टी क समर्थन से सत्तालोलुप अरविन्द केजरीवाल ने नैतिकता को ताक पर रखते हुए दिल्ली में अल्पमत की सरकार बनायी थी । यदि आप सरकार में जरा भी नैतिकता और भ्रश्टाचार से लड़ने की इच्छाषक्ति बरकरार हो तो उसे अब दोशियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करके सभी अनधिकृत काॅलोनियों को नियमित करना चाहिए ।
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