2014-15 में भी गणतंत्र दिवस को किया था केजरीवाल ने विवादित - सतीश उपाध्याय
हर वर्ष गणतंत्र दिवस को विवादित करना केजरीवाल की अराजकता का प्रमाण
2014 में गणतंत्र दिवस के पूर्व सप्ताह में भी मुख्यमंत्री रहते हुये श्री केजरीवाल ने संविधान का मखौल बनाया था और गणतंत्र दिवस समारोह में विघ्न डालने का प्रयास किया था। 2015 में उन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह के आमंत्रण को विवाद का विषय बनाया था।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि राष्ट्रीय दिवस को विवादित करने की अपनी उसी परिपाटी को आगे बढ़ाते हुये आज दिल्ली सरकार के गणतंत्र दिवस समारोह में राजनीतिक भाषण देकर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने संविधान की भावना को आघात पहुंचाया है।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि शायद श्री केजरीवाल को बार-बार अपनी सरकार जाने का डर इसलिये सताता रहता है क्योंकि उन्हें स्वयं एहसास है कि उनकी सरकार से जनता पूरी तरह निराश हो चुकी है।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि बेहतर होगा कि दिल्ली सरकार हर मुद्दे पर राजनीति करने की बजाये दिल्ली के विकास पर ध्यान दे। राजनीतिक शास्त्र को पढ़ने वाला एक छात्र भी समझता है कि कोई भी केन्द्र सरकार सम्पूर्ण बहुमत वाली सरकार को बर्खास्त नहीं करती जब तक वह स्वयं कोई ऐसी स्थिति पैदा न कर दे जो राष्ट्र हित में न हो।
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