आआपा घोषणा पत्र में सब कुछ है किन्तु विजन की कमी - निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली, 31 जनवरी। प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से बात करते हुये केन्द्रीय मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारण ने कहा कि आआपा का यह घोषणा पत्र केवल 2013 के घोषणा पत्र का कट पेस्ट ही है। उन्होंने कहा कि इसमें 70 मुद्दे उठाना और दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों से जोड़कर दिल्ली के लोगों को मुर्ख बनाने का एक प्रयास मात्र है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि ऐसा लगता है कि घोषणा पत्र तैयार करने वालों ने यह भी ध्यान नहीं रखा कि वे क्या छाप रहे हैं क्योंकि यदि उन्होंने यह पढ़ लिया होता कि वे क्या छपवा रहे हैं तो उन्हें पता चल जाता कि अनधिकृत कालोनियों का नियमितकरण झुग्गीवासियों का कल्याण, सीसी टीवी लगाना, मुनक नहर से पानी, ई-रिक्शा की अनुमति या भूमि सुधार जैसे मुद्दे भाजपा द्वारा पिछले 9 महीनों में सुलझाये गये हैं क्योंकि इन मुद्दों के संबंध में केवल केन्द्रीय मंत्रालय में ही निर्णय किया जा सकता था।
इसी प्रकार महिला सुरक्षा, त्वरित न्यायालय या पीडीएस की बहाली के संबंध में यह नहीं बताया गया है कि उन्हें किस प्रकार लागू किया जायेगा।
श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि कान्ट्रैक्ट लेबर की सेवाओं को नियमित किये जाने के संबंध में आआपा ने पुनः वायदा किया है जबकि उनकी 49 दिनों की सरकार ने इस संबंध में कुछ नहीं किया। वैट में कटौती करने के दावे पर, श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सभी लोग जानते हैं 1 अप्रैल, 2016 से जीएसटी प्रणाली लागू होगी और तब वैट में कटौती करने की बात ही निरर्थक हो जायेगी।
आआपा ने पुनः बिजली के बिल में 50 प्रतिशत कटौती का वायदा किया है जबकि 49 दिनों की सरकार के दौरान उन्होंने सब्सिडी को छोड़कर कोई अन्य कदम नहीं उठाये।
उन्होंने यह भी कहा कि स्वराज एक्ट की बात करना एक ऐसा नाटक है कि उस पर हसी आती है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति ऐसी बात कैसे सोच सकता है जब डाॅ. बी आर अम्बेडकर द्वारा रचित संविधान में स्वराज और पंचायत एक्ट का प्रावधान है। देश कभी भी डाॅ. अम्बेडकर के संविधान के मूल तत्वों में किसी प्रकार का हस्तक्षेप या परिवर्तन बरदास्त नहीं कर सकता।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह वास्तव में विचित्र बात है कि जो लोग जन लोकपाल पर साल भर सोये रहे पुनः जाग गये हैं परन्तु उन्हें यह पता नहीं कि दिल्ली में पहले से ही एक सशक्त लोकपाल है और इसने पूर्व सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों का नाम भ्रष्टाचार के मामले मंे लेने की हिम्मत दिखाई है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि आआपा नेता तो दिल्ली में 5000 नई बसें लाने की बात की है जबकि दिल्ली की सड़कों पर ट्राफिक जाम लगा रहता है।
अंत में मीडिया से उन्होंने कहा कि आआपा के घोषणा पत्र में सब कुछ है किन्तु विजन नहीं।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि ऐसा लगता है कि घोषणा पत्र तैयार करने वालों ने यह भी ध्यान नहीं रखा कि वे क्या छाप रहे हैं क्योंकि यदि उन्होंने यह पढ़ लिया होता कि वे क्या छपवा रहे हैं तो उन्हें पता चल जाता कि अनधिकृत कालोनियों का नियमितकरण झुग्गीवासियों का कल्याण, सीसी टीवी लगाना, मुनक नहर से पानी, ई-रिक्शा की अनुमति या भूमि सुधार जैसे मुद्दे भाजपा द्वारा पिछले 9 महीनों में सुलझाये गये हैं क्योंकि इन मुद्दों के संबंध में केवल केन्द्रीय मंत्रालय में ही निर्णय किया जा सकता था।
इसी प्रकार महिला सुरक्षा, त्वरित न्यायालय या पीडीएस की बहाली के संबंध में यह नहीं बताया गया है कि उन्हें किस प्रकार लागू किया जायेगा।
श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि कान्ट्रैक्ट लेबर की सेवाओं को नियमित किये जाने के संबंध में आआपा ने पुनः वायदा किया है जबकि उनकी 49 दिनों की सरकार ने इस संबंध में कुछ नहीं किया। वैट में कटौती करने के दावे पर, श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सभी लोग जानते हैं 1 अप्रैल, 2016 से जीएसटी प्रणाली लागू होगी और तब वैट में कटौती करने की बात ही निरर्थक हो जायेगी।
आआपा ने पुनः बिजली के बिल में 50 प्रतिशत कटौती का वायदा किया है जबकि 49 दिनों की सरकार के दौरान उन्होंने सब्सिडी को छोड़कर कोई अन्य कदम नहीं उठाये।
उन्होंने यह भी कहा कि स्वराज एक्ट की बात करना एक ऐसा नाटक है कि उस पर हसी आती है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति ऐसी बात कैसे सोच सकता है जब डाॅ. बी आर अम्बेडकर द्वारा रचित संविधान में स्वराज और पंचायत एक्ट का प्रावधान है। देश कभी भी डाॅ. अम्बेडकर के संविधान के मूल तत्वों में किसी प्रकार का हस्तक्षेप या परिवर्तन बरदास्त नहीं कर सकता।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह वास्तव में विचित्र बात है कि जो लोग जन लोकपाल पर साल भर सोये रहे पुनः जाग गये हैं परन्तु उन्हें यह पता नहीं कि दिल्ली में पहले से ही एक सशक्त लोकपाल है और इसने पूर्व सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों का नाम भ्रष्टाचार के मामले मंे लेने की हिम्मत दिखाई है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि आआपा नेता तो दिल्ली में 5000 नई बसें लाने की बात की है जबकि दिल्ली की सड़कों पर ट्राफिक जाम लगा रहता है।
अंत में मीडिया से उन्होंने कहा कि आआपा के घोषणा पत्र में सब कुछ है किन्तु विजन नहीं।
Comments
Post a Comment