भारतीय जनता पार्टी का आआपा से 5 सवाल
नई दिल्ली, 31 जनवरी। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में स्थायी सरकार बनाने और दिल्ली के सर्वांगीण विकास तथा दिल्ली को वल्र्ड क्लास स्मार्ट सिटी बनाने के लिये चुनाव लड़ रही है। दूसरी तरफ आआपा झूठे वायदे और अफवाहों को आधार बनाकर दिल्ली की जनता को गुमराह करने का कुप्रयास कर रही है।
दिल्ली भजापा द्वारा आयोजित पत्रकार सम्मेलन में आज केन्द्रीय मंत्री श्री अनंत कुमार ने पत्रकारों के समक्ष कहा कि भारतीय जनता पार्टी इसलिए आआपा एवं उसके संयोजक श्री अरविंद केजरीवाल से 5 सवाल पूछ रही है क्योंकि वह लगातार दिल्ली की जनता को गुमराह करने वाला भ्रामक अभियान चला रहे हैं पर जनता या किसी भी राजनैतिक दल के सीधे प्रश्न का उत्तर नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ सवाल पुराने हो सकते हैं लेकिन अभी तक इनका उत्तर आआपा ने नहीं दिया इसलिए उनको पूछना आवश्यक है।
प्रश्न-1 वैट की रेड, व्यापारी परेशान: आआपा ने बार बार यह दावा किया है कि वह दिल्ली के व्यापारियों की शुभचिंतक है और यह दिखाने का प्रयास किया है कि 49 दिनों की सरकार दिल्ली के व्यापारियों के लिए स्मरणीय थी परन्तु सच्चाई इसके विपरीत है। दिल्ली के व्यापारियों को इन 49 दिनों में रेड की धमकियों के कारण भ्रष्टाचार और जबरन वसूली का सबसे अधिक सामना करना पड़ा।
सूचना अधिकार के अधीन पूछे गये प्रश्न से यह पता चला कि 1 जनवरी से 14 फरवरी, 2014 के बीच वैट विभाग द्वारा दिल्ली के व्यापारियों पर 151 रेड डाले गये। इनमें से 51 रेड जनवरी में डाले गये और सरकार के आखरी दिनों अर्थात 1 फरवरी से 14 फरवरी के बीच 9 दिनों मंे ही 100 छापे डाले गये। प्रतिदिन लगभग 11 व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर रेड डाले गये और इस कारण आतंक था कि वैट विभाग के अधिकारियों ने गैर कानूनी वसूली की।
आआपा को यह बताना चाहिये कि वह किस प्रकार व्यापारियों की शुभचिंतक है ?
प्रश्न-2 आआपा ने अपने चुनाव अभियान में यह दावा किया है कि उसने 49 दिनों के शासन में 5666 करोड़ रूपये की राजस्व वसूली की परन्तु सच्चाई कुछ और है। सूचना अधिकार के अधीन प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जनवरी से 15 फरवरी के बीच दिल्ली सरकार को केवल 2033 करोड़ रूपये ही कुल राजस्व के रूप में प्राप्त हुये। यह रकम आआपा के दावों का आधा हिस्सा भी नहीं है।
आआपा को यह बताना चाहिए कि उन्होंने 5666 करोड़ रूपये राजस्व संग्रह करने का कैसे दावा किया और वे किसे यह भ्रामक दावे बेच रहे हैं ?
प्रश्न-3 वर्ष 2013 के चुनाव से पूर्व आआपा ने बार-बार यह वायदा किया कि वह सरकारी नौकरियों मंे कांट्रेक्ट की प्रथा समाप्त करेंगे। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों, विशेष रूप से सफाई कर्मचारियों और गेस्ट टीचरों से वायदा किया था कि सरकार बनने के बाद तुरन्त नियमित किया जायेगा।
सत्ता में आने के बाद एक भी कर्मचारी की सेवा को नियमित नहीं किया गया यहां तक कि इस संबंध में दिल्ली सचिवालय में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। सफाई कर्मचारियों तथा गेस्ट टीचरों को सचिवालय के बाहर धरना भी देना पड़ा था। बार-बार धरना देने वाली पार्टी की सरकार ने इनके धरने का कोई संज्ञान नहीं लिया। अब वे फिर से अपने अभियान में इन कर्मचारियों को नियमित करने का वायदा कर रहे हैं।
आआपा को यह जवाब देना चाहिए कि वे सफाई तथा अन्य कर्मचारियांे को अपने भ्रामक प्रचार से क्यों मूर्ख बना रहे हैं ?
प्रश्न-4 चुनाव प्रचार के दौरान आआपा ने बार बार यह वायदा किया था कि वह बिजली कम्पनियों के लेखाओं की परीक्षा करवायेगी परन्तु सच्चाई इससे बिलकुल ही अलग है। वे बिजली कम्पनियों के लेखाओं की परीक्षा और बिजली की दरों को कम करने की बात ही भूल गये। इसके बदले उन्होंने बिजली कम्पनियों को अनुसूचित जाति कल्याण निधि और अस्पतालों के लिए आबंटित निधि सरकारी खजाने से निकाल कर सब्सिडी के रूप में दे दी।
आआपा को यह बताना चाहिए कि उन्होंने बिजली कम्पनी के लेखाओं की परीक्षा क्यों नहीं करवाई।
प्रश्न-5 वर्ष 2013 के चुनाव अभियान के दौरान आआपा ने अनेकों बार वायदा किया था कि वह बिजली की दरों में वह 50 प्रतिशत की कटौती करेगी परन्तु सत्ता में आने के बाद इसे भूल गये। उन्होंने 400 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी दी परन्तु इससे भी गरीब उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में केवल 35 प्रतिशत की कमी आई।
आआपा को यह बताना चाहिए कि बिजली की दरों में कटौती करने के वायदे के पीछे क्या रहस्य था ?
ईमादारी का चोला पहने वाले आआपा संयोजक से उम्मीद है कि इन पांचों सवालों का जवाब ईमानदारी से देंगे।
दिल्ली भजापा द्वारा आयोजित पत्रकार सम्मेलन में आज केन्द्रीय मंत्री श्री अनंत कुमार ने पत्रकारों के समक्ष कहा कि भारतीय जनता पार्टी इसलिए आआपा एवं उसके संयोजक श्री अरविंद केजरीवाल से 5 सवाल पूछ रही है क्योंकि वह लगातार दिल्ली की जनता को गुमराह करने वाला भ्रामक अभियान चला रहे हैं पर जनता या किसी भी राजनैतिक दल के सीधे प्रश्न का उत्तर नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ सवाल पुराने हो सकते हैं लेकिन अभी तक इनका उत्तर आआपा ने नहीं दिया इसलिए उनको पूछना आवश्यक है।
प्रश्न-1 वैट की रेड, व्यापारी परेशान: आआपा ने बार बार यह दावा किया है कि वह दिल्ली के व्यापारियों की शुभचिंतक है और यह दिखाने का प्रयास किया है कि 49 दिनों की सरकार दिल्ली के व्यापारियों के लिए स्मरणीय थी परन्तु सच्चाई इसके विपरीत है। दिल्ली के व्यापारियों को इन 49 दिनों में रेड की धमकियों के कारण भ्रष्टाचार और जबरन वसूली का सबसे अधिक सामना करना पड़ा।
सूचना अधिकार के अधीन पूछे गये प्रश्न से यह पता चला कि 1 जनवरी से 14 फरवरी, 2014 के बीच वैट विभाग द्वारा दिल्ली के व्यापारियों पर 151 रेड डाले गये। इनमें से 51 रेड जनवरी में डाले गये और सरकार के आखरी दिनों अर्थात 1 फरवरी से 14 फरवरी के बीच 9 दिनों मंे ही 100 छापे डाले गये। प्रतिदिन लगभग 11 व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर रेड डाले गये और इस कारण आतंक था कि वैट विभाग के अधिकारियों ने गैर कानूनी वसूली की।
आआपा को यह बताना चाहिये कि वह किस प्रकार व्यापारियों की शुभचिंतक है ?
प्रश्न-2 आआपा ने अपने चुनाव अभियान में यह दावा किया है कि उसने 49 दिनों के शासन में 5666 करोड़ रूपये की राजस्व वसूली की परन्तु सच्चाई कुछ और है। सूचना अधिकार के अधीन प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जनवरी से 15 फरवरी के बीच दिल्ली सरकार को केवल 2033 करोड़ रूपये ही कुल राजस्व के रूप में प्राप्त हुये। यह रकम आआपा के दावों का आधा हिस्सा भी नहीं है।
आआपा को यह बताना चाहिए कि उन्होंने 5666 करोड़ रूपये राजस्व संग्रह करने का कैसे दावा किया और वे किसे यह भ्रामक दावे बेच रहे हैं ?
प्रश्न-3 वर्ष 2013 के चुनाव से पूर्व आआपा ने बार-बार यह वायदा किया कि वह सरकारी नौकरियों मंे कांट्रेक्ट की प्रथा समाप्त करेंगे। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों, विशेष रूप से सफाई कर्मचारियों और गेस्ट टीचरों से वायदा किया था कि सरकार बनने के बाद तुरन्त नियमित किया जायेगा।
सत्ता में आने के बाद एक भी कर्मचारी की सेवा को नियमित नहीं किया गया यहां तक कि इस संबंध में दिल्ली सचिवालय में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। सफाई कर्मचारियों तथा गेस्ट टीचरों को सचिवालय के बाहर धरना भी देना पड़ा था। बार-बार धरना देने वाली पार्टी की सरकार ने इनके धरने का कोई संज्ञान नहीं लिया। अब वे फिर से अपने अभियान में इन कर्मचारियों को नियमित करने का वायदा कर रहे हैं।
आआपा को यह जवाब देना चाहिए कि वे सफाई तथा अन्य कर्मचारियांे को अपने भ्रामक प्रचार से क्यों मूर्ख बना रहे हैं ?
प्रश्न-4 चुनाव प्रचार के दौरान आआपा ने बार बार यह वायदा किया था कि वह बिजली कम्पनियों के लेखाओं की परीक्षा करवायेगी परन्तु सच्चाई इससे बिलकुल ही अलग है। वे बिजली कम्पनियों के लेखाओं की परीक्षा और बिजली की दरों को कम करने की बात ही भूल गये। इसके बदले उन्होंने बिजली कम्पनियों को अनुसूचित जाति कल्याण निधि और अस्पतालों के लिए आबंटित निधि सरकारी खजाने से निकाल कर सब्सिडी के रूप में दे दी।
आआपा को यह बताना चाहिए कि उन्होंने बिजली कम्पनी के लेखाओं की परीक्षा क्यों नहीं करवाई।
प्रश्न-5 वर्ष 2013 के चुनाव अभियान के दौरान आआपा ने अनेकों बार वायदा किया था कि वह बिजली की दरों में वह 50 प्रतिशत की कटौती करेगी परन्तु सत्ता में आने के बाद इसे भूल गये। उन्होंने 400 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी दी परन्तु इससे भी गरीब उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में केवल 35 प्रतिशत की कमी आई।
आआपा को यह बताना चाहिए कि बिजली की दरों में कटौती करने के वायदे के पीछे क्या रहस्य था ?
ईमादारी का चोला पहने वाले आआपा संयोजक से उम्मीद है कि इन पांचों सवालों का जवाब ईमानदारी से देंगे।
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