2015 जबसे आप पार्टी दिल्ली की सत्ता में आई है तब से दिल्ली में मजदूरां की परेशानियां ज्यादा बढ़ गई है जो कि मजदूरों के प्रति आप पार्टी की दिल्ली सरकार के रवैये को दर्शाता है। -शर्मिष्ठा मुखर्जी

·         आप पार्टी की दिल्ली सरकारकेन्द्र व निगम की भाजपा सरकारें मजदूर विरोधीगरीब विरोधी व जन विरोधी है। - चत्तर सिंह

·         दिल्ली सरकार की स्टेटिकल हैंडबुक के अनुसार दिल्ली में पंजीकृत मजदूरों की संख्या 2014 से लगातार कम हो रही है। उन्होंने कहा कि जहां 2014 में पंजीकृत मजदूर417927 थे वे 2015 में कम होकर 415278 रह गए और 2016 में यह संख्या 4,16,833 थी। -शर्मिष्ठा मुखर्जी

·         दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस महिलाओं पर होने वाले इस प्रकार की हिंसात्मक वारदातों से बचाव के लिए आनन्द पर्वत जे.जे. कलस्टर में 5-6 मई को आत्म सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करेगी।-शर्मिष्ठा मुखर्जी

नई दिल्ली, 1 मई, 2018- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आज कहा कि यह बहुत चौका देने वाला है कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने मजदूरों के कल्याण के लिए बजट में जो प्रावधान किया था उसमें से एक रुपया भी खर्च नही किया है जिसका आज अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर हुआ है। जबकि आप पार्टी सामान्य जनगरीबों तथा मजदूरों के हितों की रक्षा करने का दावा करती है।

प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि जब केन्द्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार और दिल्ली में भी कांग्रेस की सरकार थी उस समय मजदूरों के कल्याण के लिए बहुत सारी योजनाए बनाई गई थी परंतु 2015 जबसे आप पार्टी दिल्ली की सत्ता में आई है तब से दिल्ली में मजदूरां की परेशानियां ज्यादा बढ़ गई है जो कि मजदूरों के प्रति आप पार्टी की दिल्ली सरकार के रवैये को दर्शाता है। आज के संवाददाता सम्मेलन में शर्मिष्ठा मुखर्जी के साथ कांग्रेस वरिष्ठ नेता व यूनियन नेता श्री चतर सिंहनिगम पार्षद प्रेरणा सिंह,मुख्य मीडिया कॉआर्डिनेटर मेहदी माजिद और कॉआर्डिनेटर शिवम भगत मौजूद थे।

संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए श्री चतर सिंह ने कहा कि दिल्ली में मजदूरों की स्थिति पहले से बहुत खराब हो गई है तथा जो मजदूर बवाना की उस फैक्टरी में काम करते थे जिसमें आग लग गई थी। वहां पर काम करने वाले मजदूरों को 5000 हजार से भी कम यानि कि न्यूनतम मजदूरी से भी कम मिलते थे तथा 8 घंटे से अधिक काम कराया जाता है।  उन्होंने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकारकेन्द्र व निगम की भाजपा सरकारें मजदूर विरोधीगरीब विरोधी व जन विरोधी है। उन्होंने कहा कि डीटीसी व कलस्टर बसों के ड्राईवर तथा कंडक्टरों को अनुबंध पर रखकर उनका शोषण किया जा रहा और उनको जानबूझकर नियमित नही किया जा रहा है। ऐसा ही दिल्ली जल बोर्ड के ड्राईवरों तथा निगम के सफाई कर्मचारियों के साथ किया जा रहा है।   

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली सरकार की स्टेटिकल हैंडबुक के अनुसार दिल्ली में पंजीकृत मजदूरों की संख्या 2014 से लगातार कम हो रही है। उन्होंने कहा कि जहां 2014 में पंजीकृत मजदूर417927 थे वे 2015 में कम होकर 415278 रह गए और 2016 में यह संख्या 4,16,833 थी। उन्होंने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार सता में आई है मजदूरों को पंजीकृत करने की नई शुरुआत नही है और पंजीकृत मजदूरों की संख्या कम हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के मजदूरों कल्याण विभाग में 3 मुख्य योजनाएें है पहली बाल मजदूरों को मुक्त करानाउनको वापस भेजना तथा उनको पुर्नस्थापित करना। दूसरा दिल्ली स्वाबलंबन योजनातीसरा दिल्ली असंगठित कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा बोर्ड।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली में 26473 बाल मजदूर थे जिसको कि कम करके दिखाया गया था क्योंकि दिल्ली में रिपोर्ट किए जाने वाले बाल मजदूरों की संख्या उससे काफी ज्यादा थी। उन्होंने कहा कि 2017 में दिल्ली सरकार ने यह सुझाव दिया था कि दिल्ली में बाल मजदूरों को लेकर एक सर्वे कराया जाना चाहिए।  परंतु रिव्यू कमेटी की बैठक 28 दिसमबर2017 को आउट कम बजट के संदर्भ में हुई थी अर्थात इस प्रकार का कोई सर्वे नही हुआ। उन्होंने कहा कि दिल्ली बच्चों के अवैध व्यापार का न सिर्फ अड्डा है बल्कि यहां से इन बच्चों को दूसरी जगह भी भेजा जाता है। बाल मजदूरों को लेकर दिल्ली में सर्वे कराया जाना चाहिए था परंतु आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार असफल रही जो कि बाल मजदूरों के प्रति उनके असंवेदशील रवैये को दर्शाती है।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि सितम्बर 2013 में कांग्रेस की सरकार ने स्वाबलंबन योजना चालू की थी जिसके तहत असंगठित क्षेत्र जैसे कि घरों में काम करने वाले मजदूररेहड़ी पटरी इत्यादि को पेन्शन देने का प्रावधान किया गया था जिसके लिए 2013-14 में 5691 पंजीकरण हुए, 2014-15 में 5693 तथा 2015-16 में 9854 पंजीकरण हुए थे। उन्होंने कहा कि 2017-18 के बजट आउटले में इस योजना के लिए 160 करोड़ रुपये रखे गए थे जिसको कम करके 60 करोड़ कर दिया गया था परंतु फरवरी 2018 तक इस योजना के तहत एक पैसा भी नही खर्च किया गया । इसी प्रकार कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 2008 में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कोष को लेकर कानून बनाया था। इस कोष के तहत बजटीय आउटले 70 करोड़ रखा गया जिसको कि 40 करोड़ कर दिया और इस मद् के अंतर्गत फरवरी 2018 तक एक रुपया भी नही खर्च किया गया।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि इसी प्रकार दिल्ली वेलफेयर बोर्ड के तहत ग्रांट इन एड के लिए इनिशियल बजट 20 करोड़ था जिसको कि 10 करोड़ कर दिया गया परंतु इसमें से एक पैसा भी खर्च नही किया गया। निष्कर्ष रुप से कहा जा सकता है कि बाल मजदूरोंमजदूरों के कल्याण तथा उनकी पेन्शन इत्यादि के लिए कोई कल्याणकारी योजना नही बनाई गई और न ही कोई पैसा खर्च किया गया।

शर्मिष्ठा मुखर्जी जो कि दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैउन्होंने कहा कि दिल्ली महिला कांग्रेस ने ‘‘हमारी बस्ती’’ एक कार्यक्रम चलाया है जो कि सामाजिक कल्याण का कार्यक्रम होगा जिसके तहत महिला कांग्रेस दिल्ली की झुग्गी झौपड़ियों से एक-एक बस्ती को गोद लेगी। उन्होंने कहा कि महिला कांग्रेस ने पहले भी झुग्गी झौपड़ियों तथा 14 जिलों में स्वच्छ महिला कार्यक्रम चलाया था जिसके तहत महिलाओं को निशुल्क सेनेटरी नेपकिन बांटे गए थे और उनको व्यक्तिगत सफाई के लिए भी जागरुक किया गया था।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार और दिल्ली की आप पार्टी की सरकार के कार्यकाल में महिलाओं के प्रति हिंसा की वारदातों में बेहताशा वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस महिलाओं पर होने वाले इस प्रकार की हिंसात्मक वारदातों से बचाव के लिए आनन्द पर्वत जे.जे. कलस्टर में 5-6 मई को आत्म सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करेगी।

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